दुनियाभर में मोबाइल पर होने वाले साइबर हमलों में भारत सबसे ज्यादा प्रभावित देश बन गया है। Zscaler की रिपोर्ट के अनुसार, कुल मोबाइल अटैक्स में से 26 प्रतिशत भारत में हो रहे हैं। पिछले एक साल में ऐसे हमलों में 38 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जो देश में साइबर सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा रही है।
Mobile Cyber Attacks: दुनियाभर में मोबाइल पर बढ़ते साइबर हमलों में भारत सबसे बड़ा टारगेट बनकर उभरा है। Zscaler की ThreatLabz 2025 Mobile, IoT, and OT Threat Report के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर दर्ज कुल मोबाइल अटैक्स में 26 प्रतिशत भारत में हुए। रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले साल की तुलना में भारत में मोबाइल अटैक्स में 38 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बढ़ते डिजिटल ट्रांजैक्शन और मोबाइल यूजर्स की संख्या के कारण देश साइबर अपराधियों के निशाने पर है।
मोबाइल अटैक्स में भारत शीर्ष पर
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में मोबाइल पर होने वाले साइबर हमले तेजी से बढ़ रहे हैं। साइबर अपराधी अब पारंपरिक बैंक कार्ड की बजाय मोबाइल पेमेंट और डिजिटल ट्रांजैक्शन को निशाना बना रहे हैं। मालवेयर और स्पाईवेयर के जरिए यूजर्स के फोन में सेंध लगाई जा रही है ताकि उनके बैंकिंग डेटा, पासवर्ड और निजी जानकारी चुराई जा सके।
दुनियाभर में मोबाइल पर मालवेयर और दूसरे अटैक्स की घटनाएं 67 प्रतिशत तक बढ़ी हैं, जबकि भारत इस सूची में सबसे आगे है। साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि मोबाइल सिक्योरिटी को नजरअंदाज करना अब गंभीर खतरा बन सकता है।

IoT और इंडस्ट्रियल सेक्टर पर भी बढ़ रहा खतरा
रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि IoT (Internet of Things) डिवाइस पर होने वाले साइबर हमलों में अमेरिका शीर्ष पर है, जहां आधे से ज्यादा अटैक्स होते हैं। वहीं भारत में इन हमलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सबसे ज्यादा निशाना एनर्जी सेक्टर बन रहा है, जहां अटैक्स में 387 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
इसके अलावा मैन्युफैक्चरिंग और ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर पर भी साइबर हमले तेजी से बढ़े हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर जितना मजबूत होगा, साइबर सिक्योरिटी के उपाय उतने ही जरूरी हो जाएंगे।
गूगल प्ले स्टोर पर फर्जी ऐप्स से बढ़ा खतरा
Zscaler की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि गूगल प्ले स्टोर पर 200 से ज्यादा मलेशियस ऐप्स पाई गईं, जिन्हें 4.2 करोड़ से अधिक बार डाउनलोड किया गया। ये ऐप्स खुद को प्रोडक्टिविटी या वर्कफ्लो यूटिलिटी टूल्स बताकर यूजर्स को धोखा देती हैं।
गूगल की सुरक्षा नीतियों के बावजूद साइबर अपराधी बार-बार ऐसी ऐप्स को लिस्ट करने में सफल हो रहे हैं। इन ऐप्स का मुख्य उद्देश्य यूजर्स का डेटा चुराना या उनके डिवाइस में मालवेयर इंस्टॉल करना होता है।













