चीनी AI कंपनी DeeppSeek के सीनियर रिसर्चर चेन डेली ने चेतावनी दी है कि AI तकनीक, भले ही फिलहाल समाज के लिए फायदे दे रही हो, आने वाले वर्षों में बड़े रोजगार और सामाजिक संकट पैदा कर सकती है। उनका कहना है कि 5-10 साल में नौकरियां प्रभावित होंगी और 10-20 साल में AI इंसानों के वर्तमान काम भी कर सकेगा।
AI And Employment Future: चीनी AI कंपनी DeeppSeek के सीनियर रिसर्चर चेन डेली ने हाल ही में चेतावनी दी कि AI तकनीक आने वाले 5-20 सालों में समाज और रोजगार पर गंभीर असर डाल सकती है। उन्होंने कहा कि यह बदलाव केवल तकनीक की वजह से नहीं बल्कि समाज और अर्थव्यवस्था की संरचना के कारण भी होगा। चेन डेली ने टेक कंपनियों और सरकारों को सजग रहने और AI के गलत इस्तेमाल से होने वाले नुकसान को रोकने की सलाह दी। विशेषज्ञों का मानना है कि समय रहते रणनीति बनाना आवश्यक है।
AI और रोजगार पर असर
चेन डेली ने स्पष्ट किया कि AI मॉडल इंसानी काम की जगह लेने लगे हैं, जिससे बड़े पैमाने पर रोजगार प्रभावित होंगे। उनका कहना है कि यह समस्या केवल AI तकनीक की नहीं है, बल्कि सोसायटी और इकॉनोमी की संरचना में बदलाव के कारण भी उत्पन्न हो रही है।
AI के व्यापक इस्तेमाल से कंपनियां लागत कम करने और मुनाफा बढ़ाने पर फोकस कर रही हैं, जिससे लाखों कर्मचारियों की नौकरियां खतरे में आ सकती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि समाज और सरकार को इस दिशा में तुरंत रणनीति बनानी होगी।

विशेषज्ञों की चेतावनी
AI के जनक और नोबेल पुरस्कार विजेता जेफ्री हिंटन ने भी हाल ही में इस समस्या को लेकर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि बड़ी टेक कंपनियां अपने कर्मचारियों की जगह AI से काम करवा रही हैं, जिससे आम लोग अपनी नौकरी खो सकते हैं। हिंटन ने इस बदलाव के सामाजिक और आर्थिक प्रभाव पर भी चिंता जताई और बताया कि यह केवल तकनीकी समस्या नहीं, बल्कि समाज की तैयारी और आर्थिक मॉडल की चुनौती है।
AI तकनीक समाज के लिए कई फायदे लेकर आई है, लेकिन लंबी अवधि में इसका गलत उपयोग रोजगार और सामाजिक ढांचे पर गंभीर असर डाल सकता है। विशेषज्ञों की चेतावनी बताती है कि टेक कंपनियों और सरकार को इस पर नीतिगत और तकनीकी नियंत्रण सुनिश्चित करना जरूरी है।













