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भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 11 जून को करेंगे ISS से जुड़ाव, नासा-Ax-4 मिशन में निभाएंगे पायलट की अहम भूमिका

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 11 जून को करेंगे ISS से जुड़ाव, नासा-Ax-4 मिशन में निभाएंगे पायलट की अहम भूमिका

भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम 10 जून को अमेरिका के नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से अंतरिक्ष की यात्रा पर निकलने वाले हैं। यह मिशन एक्सियॉम-4 (Ax-4) के तहत आयोजित किया जा रहा है।

नई दिल्ली: भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ने वाला है। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला जल्द ही अंतरिक्ष की ओर उड़ान भरने वाले हैं। नासा और एक्सियॉम स्पेस के संयुक्त Ax-4 मिशन के तहत शुभांशु 10 जून को अमेरिका के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च होंगे और 11 जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से जुड़ेंगे। इस मिशन की सफलता भारत की वैश्विक अंतरिक्ष भागीदारी को नई ऊंचाई देगी।

शुभांशु की अंतरिक्ष यात्रा: 10 जून को प्रक्षेपण, 11 जून को ISS से जुड़ाव

शुभांशु शुक्ला की टीम को लेकर रवाना होने वाला स्पेसएक्स का फाल्कन 9 रॉकेट 10 जून को लॉन्च किया जाएगा। इस रॉकेट के जरिए एक नया ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में जाएगा, जो 11 जून को अमेरिकी समय अनुसार दोपहर 12:30 बजे और भारतीय समय अनुसार रात करीब 10 बजे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से जुड़ेगा।

मूल रूप से यह लॉन्चिंग 8 जून को होनी थी, लेकिन मौसम खराबी और तकनीकी तैयारियों के चलते इसे 10 जून तक टाल दिया गया। शुभांशु इस मिशन में पायलट की भूमिका निभा रहे हैं, जबकि पूरी मिशन की कमान नासा की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन के हाथ में होगी।

अंतरिक्ष मिशन में कौन-कौन होंगे शामिल?

Ax-4 मिशन में कुल चार अंतरिक्ष यात्री शामिल होंगे:

  • पैगी व्हिटसन (कमांडर, अमेरिका)
  • शुभांशु शुक्ला (पायलट, भारत)
  • स्लावोज़ उज़नांस्की-विश्निव्स्की (मिशन विशेषज्ञ, पोलैंड)
  • टिबोर कपु (मिशन विशेषज्ञ, हंगरी)

यह मिशन स्पेसएक्स का 53वां ड्रैगन मिशन होगा और इसके तहत वैज्ञानिक, चिकित्सा और तकनीकी क्षेत्रों से जुड़े महत्वपूर्ण प्रयोग किए जाएंगे।

ISS पर करेंगे 12 महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोग

अंतरिक्ष में पहुंचने के बाद शुभांशु कुल 12 प्रयोग करेंगे:

  • 7 प्रयोग भारतीय शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों द्वारा तैयार किए गए हैं। इनमें जीवन विज्ञान, सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में जैविक प्रतिक्रिया, और सामग्री विज्ञान से जुड़े प्रयोग प्रमुख हैं।
  • 5 प्रयोग नासा के सहयोग से किए जाएंगे, जो मानव शरीर पर अंतरिक्ष यात्रा के प्रभाव, हृदय गति, तंत्रिका तंत्र और प्रतिरक्षा प्रणाली से जुड़े होंगे।
  • ये प्रयोग न केवल अंतरिक्ष में मानव जीवन की संभावनाओं को विस्तार देंगे, बल्कि गगनयान मिशन के लिए भी महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करेंगे।

भारत की अंतरिक्ष नीति में ऐतिहासिक योगदान

शुभांशु शुक्ला भारत के गगनयान मानव मिशन के चार चुने गए अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं। इस Ax-4 मिशन के जरिए वे पहली बार अंतरिक्ष यात्रा कर रहे हैं, जो गगनयान से पहले का बेहद अहम अनुभव होगा। भारत सरकार ने इस मिशन पर अब तक 548 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जिसमें शुभांशु और उनके बैकअप ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर की ट्रेनिंग और मिशन से जुड़े अन्य खर्च शामिल हैं।

यह मिशन भारत-अमेरिका अंतरिक्ष सहयोग का हिस्सा है, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2023 में अमेरिकी दौरे के दौरान की थी। हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क के बीच जारी विवाद ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान खींचा है। हालांकि नासा और भारत सरकार दोनों ने स्पष्ट कर दिया है कि इस विवाद का Ax-4 मिशन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मिशन की सभी तैयारियां समय पर पूरी हो चुकी हैं और शुभांशु की उड़ान पर कोई संकट नहीं है।

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