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बिहार चुनाव में JDU की सख्ती, बागी नेताओं पर गिरी गाज, जानिए पूरा मामला

बिहार चुनाव में JDU की सख्ती, बागी नेताओं पर गिरी गाज, जानिए पूरा मामला

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले JDU ने 16 बागी नेताओं को पार्टी से निष्कासित किया। गोपाल मंडल और महेश्वर यादव जैसे नेताओं पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। यह कदम संगठनिक अनुशासन और चुनावी मजबूती के लिए।

Patna: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जदयू (JDU) ने पार्टी अनुशासन और संगठनिक मजबूती बनाए रखने के लिए बागी नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। रविवार को पार्टी ने एक बार फिर 5 नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इस सूची में विधायक गोपाल मंडल और पूर्व विधायक महेश्वर यादव के नाम शामिल हैं। पार्टी ने इन नेताओं पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया है।

पार्टी से बाहर किए गए नेताओं की सूची

जेडीयू की इस कार्रवाई में शामिल नेताओं में विधायक गोपाल मंडल, पूर्व विधायक महेश्वर यादव, पूर्व MLC संजीव श्याम सिंह समेत अन्य दो नेताओं का नाम है। पार्टी ने स्पष्ट किया कि ये लोग पार्टी की नीतियों और निर्देशों के खिलाफ काम कर रहे थे, जिससे संगठन में अस्थिरता और अव्यवस्था फैल रही थी।

पार्टी प्रवक्ता ने कहा, "जेडीयू अनुशासन और संगठन के प्रति गंभीर है। ऐसे नेता जो पार्टी की छवि और संगठनिक दिशा के खिलाफ कार्य करते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करना जरूरी है।"

पिछले दो दिनों की कार्रवाई

इससे पहले शनिवार को जेडीयू ने 11 नेताओं को पार्टी से बाहर किया था। इन नेताओं में पूर्व मंत्री शैलेश कुमार, पूर्व विधान पार्षद संजय प्रसाद, पूर्व विधायक श्याम बहादुर सिंह, पूर्व विधान पार्षद रणविजय सिंह, पूर्व विधायक सुदर्शन कुमार और अमर कुमार सिंह शामिल थे। इसके अलावा महुआ से जदयू की प्रत्याशी रहीं आस्मां परवीन, लव कुमार, आशा सुमन, दिव्यांशु भारद्वाज और विवेक शुक्ला को भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में निष्कासित किया गया था। दो दिनों में कुल 16 नेताओं को निष्कासित करना जेडीयू की सख्त नीति और चुनाव से पहले पार्टी अनुशासन बनाए रखने की कोशिश को दर्शाता है।

बिहार में विधानसभा चुनाव की रूपरेखा

बिहार में इस बार विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे। पहले फेज के लिए मतदान 6 नवंबर को और दूसरे फेज के लिए मतदान 11 नवंबर को किया जाएगा। चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। इस बार मुख्य मुकाबला NDA और महागठबंधन के बीच है, लेकिन चुनावी मैदान में प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज भी भाग ले रही है।

चुनाव में रणनीति 

जदयू ने बिहार में हर चुनावी क्षेत्र में संगठनिक मजबूत पकड़ बनाने के लिए सक्रिय रणनीति अपनाई है। पार्टी लगातार स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं से जुड़े रहने का प्रयास कर रही है। बागी नेताओं की कार्रवाई इस रणनीति का हिस्सा है ताकि चुनावी मुकाबले में स्पष्ट संदेश दिया जा सके कि संगठन में अनुशासन और निष्ठा आवश्यक है।

जनसुराज का मुकाबला

इस बार बिहार चुनाव में जदयू का मुकाबला सिर्फ NDA या महागठबंधन से नहीं है, बल्कि नए राजनीतिक दलों जैसे जनसुराज की चुनौती भी सामने है। यह पार्टी चुनावी समीकरण को बदल सकती है और परंपरागत वोटों को प्रभावित कर सकती है। 

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