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Bihar Election 2025: बीजेपी विधायक अरुण सिन्हा ने किया चुनाव न लड़ने का ऐलान, कुम्हरार सीट से नए चेहरे को मौका

Bihar Election 2025: बीजेपी विधायक अरुण सिन्हा ने किया चुनाव न लड़ने का ऐलान, कुम्हरार सीट से नए चेहरे को मौका

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की पहली उम्मीदवार सूची जल्द ही जारी होने वाली है। लेकिन इसके पहले ही पटना की कुम्हरार सीट से बीजेपी विधायक अरुण सिन्हा ने चुनाव न लड़ने का ऐलान कर दिया है।

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर बीजेपी की पहली उम्मीदवार सूची जारी होने से पहले ही पार्टी को एक बड़ा राजनीतिक संदेश मिला है। पटना की कुम्हरार विधानसभा सीट से सत्तारूढ़ बीजेपी विधायक अरुण कुमार सिन्हा ने ऐलान कर दिया है कि वे इस बार का चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे संगठन के लिए सक्रिय रूप से काम करते रहेंगे और पार्टी के साथ जुड़े रहेंगे।

विधायक अरुण सिन्हा ने अपने निर्णय की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से दी। उन्होंने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) पोस्ट में लिखा, “आगामी विधानसभा चुनाव में मैं प्रत्याशी के रूप में चुनाव नहीं लडूंगा, लेकिन संगठन के लिए कार्य करता रहूंगा। पिछले 25 वर्षों में आप सभी ने जो विश्वास एवं सहयोग दिया, उसका सदा आभारी रहूंगा। कार्यकर्ता सर्वों परी, संगठन सर्वों परी।”

सीट शेयरिंग और नई रणनीति का प्रभाव

सूत्रों के अनुसार, एनडीए (NDA) गठबंधन में सीट शेयरिंग फाइनल हो चुकी है और उम्मीदवारों की सूची जल्द ही घोषित की जाएगी। अरुण सिन्हा का नाम अभी तक संभावित उम्मीदवारों में शामिल था, लेकिन पार्टी की रणनीति के तहत नए और युवा नेताओं को अवसर देने की दिशा में यह निर्णय लिया गया। इस कारण से वरिष्ठ विधायक अरुण सिन्हा ने अपनी दावेदारी से पीछे हटने का निर्णय लिया।

बीजेपी के भीतर यह चर्चा पिछले कुछ समय से चल रही थी कि इस बार पार्टी में नई पीढ़ी को प्राथमिकता दी जाएगी। ऐसे में कई वरिष्ठ नेताओं के टिकट पर संशोधन की संभावना बनी हुई थी। अरुण सिन्हा के चुनाव न लड़ने का फैसला इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

कुम्हरार सीट पर अरुण सिन्हा का दबदबा

कुम्हरार विधानसभा सीट बीजेपी का पारंपरिक गढ़ मानी जाती है। अरुण कुमार सिन्हा ने इस सीट से लगातार कई बार जीत दर्ज की है और अपने कार्यकाल में पटना शहर के कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई। पार्टी में उन्हें अनुशासित, ईमानदार और संगठननिष्ठ नेता के रूप में जाना जाता है।

सिन्हा ने अपने बयान में कहा कि पार्टी और कार्यकर्ता सर्वोपरि हैं। उन्होंने पार्टी के निर्णय को पूरी निष्ठा के साथ स्वीकार किया और अपने समर्थकों से अपील की कि वे बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर भरोसा बनाए रखें।

 

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