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Bihar Election 2025: बसपा की वाल्मीकिनगर में विधानसभा स्तरीय समीक्षा बैठक, बिहार चुनाव को लेकर बड़ा दावा

Bihar Election 2025: बसपा की वाल्मीकिनगर में विधानसभा स्तरीय समीक्षा बैठक, बिहार चुनाव को लेकर बड़ा दावा

बसपा ने बिहार चुनाव 2025 की तैयारी तेज करते हुए वाल्मीकिनगर में बड़ी बैठक की। मुफ्त शिक्षा, सरकारी जमीन का बहुजनों में बंटवारा और रोजगार पर फोकस किया गया।

Bihar Election 2025: बिहार की सियासत में अब बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने अपनी मौजूदगी को मजबूती से दर्ज कराने की तैयारी शुरू कर दी है। मधुबनी जिले के वाल्मीकिनगर विधानसभा क्षेत्र के डीही चौक पर शुक्रवार को पार्टी की विधानसभा स्तरीय कार्यकर्ता समीक्षा बैठक हुई, जिसमें संगठन को बूथ स्तर तक मज़बूत करने और कार्यकर्ताओं को चुनाव के लिए सक्रिय करने पर ज़ोर दिया गया। इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय और प्रांतीय नेताओं की मौजूदगी रही, जिन्होंने जनता के मुद्दों पर खुलकर बात की और भविष्य की नीतियों की झलक दी।

BSP ने सत्ता में आने का किया दावा

इस बैठक के मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद और बसपा के राष्ट्रीय समन्वयक ई. रामजी गौतम ने कहा कि अब बसपा सत्ता की ओर निर्णायक कदम बढ़ा चुकी है। उन्होंने यह दावा किया कि 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में बिना बहुजन समाज पार्टी के सरकार नहीं बन पाएगी। गौतम ने अपने संबोधन में कहा, "अगर बिहार में हमारी सरकार बनती है तो सबसे पहले सभी छात्र-छात्राओं के लिए शिक्षा पूरी तरह निशुल्क कर दी जाएगी। साथ ही, सरकारी जमीनों का वितरण बहुजन समाज के लोगों के बीच किया जाएगा।"

बहन मायावती की योजनाओं को आगे बढ़ाने का संकल्प

रामजी गौतम ने आगे कहा कि बसपा की नीतियों का केंद्र बिंदु हमेशा से समाज के वंचित और शोषित वर्ग रहे हैं। उन्होंने कहा, "बहन मायावती ने जो विजन उत्तर प्रदेश में दिखाया, वही अब बिहार में भी दोहराया जाएगा। बहुजन समाज की भागीदारी केवल वोट तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, अब नेतृत्व की भूमिका में भी बहुजन समाज को आगे आना चाहिए।"

अनिल कुमार ने उठाया चीनी मिल और बेरोजगारी का मुद्दा

बैठक को संबोधित करते हुए बसपा के केन्द्रीय प्रभारी अनिल कुमार ने बिहार की मौजूदा और पूर्ववर्ती सरकारों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, "वाल्मीकिनगर की चीनी मिलें कभी इस क्षेत्र की पहचान हुआ करती थीं, लेकिन लालू-राबड़ी और नीतीश-मोदी की डबल इंजन सरकारों ने इन्हें बर्बादी की कगार पर पहुंचा दिया है। आज यहां बेरोजगारी चरम पर है और युवाओं को रोज़गार के लिए बाहर पलायन करना पड़ रहा है।"

उन्होंने कहा कि बहन मायावती की अगुआई में ही ऐसा नेतृत्व मिल सकता है, जो बिहार की जमीनी समस्याओं को समझता है और उनके समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे बूथ स्तर तक संगठन को मज़बूत करें और आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी में जुट जाएं।

बसपा की सियासी रणनीति: जातीय समीकरणों पर फोकस

बसपा की इस बैठक से यह स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि पार्टी अब बिहार में भी उत्तर प्रदेश की तर्ज पर जातीय समीकरणों और सामाजिक न्याय के एजेंडे को लेकर जनता के बीच जा रही है। खासकर दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्गों को साथ लेकर एक मजबूत वोट बैंक खड़ा करने की कोशिश की जा रही है। सरकारी जमीनों के वितरण और मुफ्त शिक्षा जैसे वादों से यह संदेश देने की कोशिश हो रही है कि बसपा सत्ता में आने पर सामाजिक और आर्थिक न्याय को प्राथमिकता देगी।

जनता से किया गया सीधा संवाद

बैठक में नेताओं ने न केवल संगठनात्मक दिशा-निर्देश दिए, बल्कि जनता से सीधे संवाद भी स्थापित किया। अनिल कुमार ने कहा, "यह समय निर्णायक है। अगर बहुजन समाज अब भी बंटा रहा, तो फिर हमें सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ने से कोई नहीं रोक सकता। अब हमें अपने भविष्य और अधिकारों की लड़ाई को मजबूती से लड़ना होगा।"

नेताओं की बड़ी मौजूदगी, कार्यकर्ताओं में जोश

इस बैठक में बसपा के कई प्रमुख नेता मौजूद रहे, जिनमें कन्हैया कुमार, मिथिलेश कुमार, मो. हारून, धीरज चौहान, शम्भू राम, राम निवास राय, ललन राम और पिंटू राम जैसे नाम प्रमुख थे। जिलाध्यक्ष आमिलाला रविदास की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और स्थानीय लोग जुटे, जिससे पार्टी में नए जोश का संचार हुआ।

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