पटना मेट्रो का ट्रायल रन सफल रहा। मलाही पकड़ी से न्यू आईएसबीटी तक 6.5 किमी कॉरिडोर सितंबर में शुरू होगा। ट्रेन, ट्रैक और सुरक्षा प्रणाली पास। यात्रियों को तेज, सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल यात्रा का अनुभव मिलेगा।
Metro Trial: पटना के लोगों के लिए खुशखबरी है। लंबे इंतजार के बाद पटना मेट्रो का पहला ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। बैरिया मेट्रो डिपो में 200 मीटर के ट्रैक पर ट्रेन ने सभी सुरक्षा और तकनीकी जांचें पास की। इस ट्रायल रन ने शहरवासियों के चेहरे पर मुस्कान ला दी और उम्मीद जगाई कि सितंबर तक प्रायोरिटी कॉरिडोर शुरू होने वाला है।
नगर विकास एवं आवास मंत्री जिवेश मिश्रा ने ट्रायल रन का निरीक्षण किया और बोगियों, स्टेशन सुविधाओं और सुरक्षा प्रोटोकॉल की जांच की। ट्रायल रन की सफलता ने यह संकेत दिया कि पटना अब मेट्रो सिटी बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।
मेट्रो परियोजना: शहर के यातायात में बदलाव
पटना मेट्रो शहर की यातायात व्यवस्था को पूरी तरह बदलने की क्षमता रखता है। यह परियोजना न केवल यात्रा को तेज और सुविधाजनक बनाएगी बल्कि पर्यावरण-अनुकूल और आरामदायक सफर का अनुभव भी देगी। ट्रायल रन ने साबित किया कि ट्रैक, ट्रेन और सिग्नल सिस्टम पूरी तरह से तैयार हैं।
मेट्रो का संचालन शहर में ट्रैफिक जाम और प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा। यात्रियों को एयर-कंडीशन्ड बोगी, साफ-सुथरे स्टेशन और सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिलेगा।
मंत्री जिवेश मिश्रा का निरीक्षण
बैरिया डिपो और जीरो माइल स्टेशन का दौरा करते हुए मंत्री जिवेश मिश्रा ने मेट्रो की सभी सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने बोगियों में बैठकर सीटिंग, साइनेज, CCTV और सुरक्षा प्रणालियों की जाँच की। उन्होंने विशेष रूप से दिव्यांग यात्रियों के लिए सुगम पहुंच और सुविधाओं पर जोर दिया। मंत्री ने स्टेशन डिज़ाइन, यात्रियों के लिए स्पष्ट निर्देश और सुविधा वाले साइनेज की सराहना की।
पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की तैयारी
पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (PMRCL) के प्रबंध निदेशक और नगर विकास विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह ने मंत्री को परियोजना की प्रगति और परिचालन की तैयारियों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि सितंबर के अंत तक प्रायोरिटी कॉरिडोर शुरू करने की योजना है। पटरियों का तकनीकी काम, इलेक्ट्रिफिकेशन और फैब्रिकेशन लगभग पूरा हो चुका है। ट्रायल रन की सफलता के बाद हरी झंडी मिलने में अब देर नहीं है।
प्रायोरिटी कॉरिडोर: 6.5 किलोमीटर का सफर
मलाही पकड़ी से न्यू आईएसबीटी तक 6.5 किलोमीटर लंबा यह एलिवेटेड कॉरिडोर पांच स्टेशनों से होकर गुजरेगा – मलाही पकड़ी, खेमनीचक, भूतनाथ रोड, जीरो माइल और न्यू आईएसबीटी। यह कॉरिडोर यात्रियों के लिए तेज, सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल यात्रा का विकल्प उपलब्ध कराएगा। ट्रायल रन से यह साबित हुआ कि स्टेशन और ट्रैक सभी मानकों के अनुसार तैयार हैं।
ट्रायल रन में की गई तकनीकी जांच
ट्रायल रन के दौरान पटना मेट्रो की विभिन्न तकनीकी और सुरक्षा प्रणालियों की बारीकी से जांच की गई।
1. मेट्रो ट्रेन की जांच
- बोगी वील और ब्रेकिंग सिस्टम की कार्यक्षमता
- ड्राइविंग कंसोल और कंट्रोल सिस्टम
- दरवाजे सही से खुलते और बंद होते हैं या नहीं
- पैंटोग्राफ और ओवरहेड इलेक्ट्रिक सप्लाई
- पब्लिक एड्रेस सिस्टम और इमरजेंसी कम्युनिकेशन
2. ट्रैक और डिपो की जांच
- ट्रैक अलाइनमेंट और लेवल
- प्वाइंट्स और क्रॉसिंग की स्थिति
- वाशिंग प्लांट और मेंटेनेंस यार्ड की टेस्टिंग
- ट्रैक सिग्नल और इंटरलॉकिंग सिस्टम
3. इलेक्ट्रिकल सिस्टम की जांच
- ओवरहेड वायर में करंट सप्लाई की स्थिरता
- SCADA सिस्टम के जरिए कंट्रोल रूम से मॉनिटरिंग
4. सेफ्टी और कंट्रोल सिस्टम
- ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (ATP) सिस्टम
- इमरजेंसी ब्रेक और अलार्म
- फायर अलार्म और सुरक्षा उपकरण
5. स्पीड और मूवमेंट टेस्ट
- धीमी गति पर ट्रेन का परीक्षण
- ब्रेकिंग दूरी, त्वरण और मोड़ पर संतुलन की जांच
यात्रियों के लिए सुविधाएं
पटना मेट्रो यात्रियों के लिए कई सुविधाएं लेकर आएगा।
- सभी स्टेशन पर डिजिटल साइनेज और निर्देश
- दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिकों के लिए आसान पहुंच
- साफ-सुथरी और सुरक्षित बोगी
- पर्यावरण-अनुकूल एलिवेटेड कॉरिडोर
- स्मार्ट टिकटिंग और इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट
मेट्रो से शहर में बदलाव
पटना मेट्रो शुरू होने के बाद शहरवासियों की जिंदगी में कई बदलाव होंगे।
- ट्रैफिक जाम में कमी
- सार्वजनिक परिवहन की सुविधा में सुधार
- पर्यावरण को लाभ
- यात्रा का समय कम
- आधुनिक और स्मार्ट शहर की पहचान