बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एक बार फिर सियासी पारा गर्म हो गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बयान ने महागठबंधन में हलचल मचा दी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उस पार्टी का बनेगा जिसे बहुमत मिलेगा, और यह परंपरा कुछ जगह है, कुछ जगह नहीं।
पटना: बिहार में एक बार फिर आरजेडी और कांग्रेस के बीच बयानबाजी के जरिए टकराव देखने को मिला है। आरजेडी लगातार तेजस्वी यादव को महागठबंधन का मुख्यमंत्री उम्मीदवार बताती रही है, लेकिन कांग्रेस खुलकर इस पर कुछ कहती नहीं दिख रही है। हाल ही में हुई वोटर अधिकार यात्रा के दौरान तेजस्वी ने राहुल गांधी के सामने खुद को महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में पेश किया, लेकिन कांग्रेस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
इस यात्रा के समापन के बाद, पटना पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार (2 सितंबर, 2025) को एक बयान देकर राजनीतिक पारा और बढ़ा दिया है।
दिग्विजय सिंह का बयान
वोटर अधिकार यात्रा के समापन के दौरान पटना पहुंचे कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह से जब पत्रकारों ने महागठबंधन में मुख्यमंत्री चेहरे पर चर्चा न होने के सवाल किए, तो उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री उस पार्टी का बनेगा जिसको बहुमत आएगा। यह परंपरा कुछ जगह है, कुछ जगह नहीं। इसलिए कौन मुख्यमंत्री बनेगा यह हम लोग तय कर देंगे, तो आप लोग क्या करेंगे?
इस बयान ने राजनीतिक हलकों में कई तरह के सवाल खड़े कर दिए। कांग्रेस की ओर से यह बयान एक अप्रत्यक्ष संकेत माना गया कि पार्टी ने अभी तक महागठबंधन में मुख्यमंत्री फेस पर स्पष्टता नहीं दी है।
RJD ने किया पलटवार
इस पर आरजेडी ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। पार्टी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, कौन क्या बोल रहा है इससे फर्क नहीं पड़ता। बिहार की 14 करोड़ जनता क्या बोल रही है, यह सभी सुन रहे हैं। तेजस्वी यादव 2020 में महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार थे और 2025 में भी वही मुख्यमंत्री चेहरा हैं। इसमें किसी को कोई कन्फ्यूजन नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा, इंडिया गठबंधन के सभी दल जानते हैं कि बिहार में आरजेडी की जमीन सबसे मजबूत है। सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी है। ऐसे सवाल करना ही बेईमानी है। जिस तरह सूरज पूरब से उगता है, उसी तरह तेजस्वी यादव का मुख्यमंत्री बनना तय है।
वोटर अधिकार यात्रा की स्थिति
बता दें कि वोटर अधिकार यात्रा के दौरान महागठबंधन ने एकता और शक्ति प्रदर्शन किया। यात्रा में नेताओं ने जनता से मिलकर वोटिंग के महत्व पर जोर दिया और गठबंधन की मजबूती दिखाई। हालांकि, सीएम फेस पर गठबंधन में अभी भी साफ तस्वीर नहीं है। कांग्रेस की तरफ से स्पष्ट मुहर न लगने और दिग्विजय सिंह के बयान ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा बढ़ा दी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह बयान महागठबंधन के भीतर असमंजस की झलक दिखाता है। हालांकि आरजेडी ने इसे तुरंत खारिज किया और जनता के सामने अपने मुख्यमंत्री उम्मीदवार की स्पष्टता रखी।