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Bihar SIR: देशभर में अक्टूबर से SIR प्रक्रिया शुरू, मतदाता सूची होगी अपडेट

Bihar SIR: देशभर में अक्टूबर से SIR प्रक्रिया शुरू, मतदाता सूची होगी अपडेट

निर्वाचन आयोग अक्टूबर से देशभर में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) शुरू करेगा। बिहार के अनुभव के बाद सभी राज्यों में प्रक्रिया लागू होगी। नए मतदाता जुड़ेंगे, सुधार होंगे और चुनावी पारदर्शिता बढ़ेगी।

Bihar SIR: निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने देशभर में अक्टूबर से मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) की संभावित शुरुआत की तैयारी कर ली है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूची को अपडेट करना और चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाना है। आयोग ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEO) के साथ विस्तृत समीक्षा बैठक की। इस बैठक में साढ़े तीन घंटे से अधिक समय तक प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किए गए और प्रत्येक राज्य से मतदाता तस्दीक के लिए स्थानीय स्तर पर मान्य दस्तावेजों की सूची तैयार करने को कहा गया।

SIR प्रक्रिया कब शुरू होगी

सूत्रों के अनुसार, चुनाव आयोग ने सभी राज्यों के CEO को 30 सितंबर तक तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए हैं। अधिकांश राज्यों ने भरोसा जताया है कि वे समय पर पूरी तरह तैयार हो जाएंगे। आयोग की ओर से बिहार विधानसभा चुनाव के पहले ही देशव्यापी SIR की औपचारिक घोषणा की संभावना जताई जा रही है। अंतिम तारीखों का ऐलान तब किया जाएगा जब सभी राज्यों के CEO अपनी प्रगति रिपोर्ट आयोग को सौंप देंगे।

SIR का उद्देश्य और लाभ

विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत मतदाता सूची में नई नामों का जुड़ना, पुराने विवरणों का अपडेट और सही जानकारी सुनिश्चित करना शामिल है। आयोग का मानना है कि इस प्रक्रिया से न केवल मतदाता सूची सटीक होगी बल्कि चुनावी प्रक्रियाओं में भरोसा और पारदर्शिता भी बढ़ेगी। आयोग का लक्ष्य है कि हर योग्य मतदाता को सूची में शामिल किया जाए और किसी भी वैध मतदाता का नाम बिना नोटिस हटाया न जाए।

बिहार में SIR की प्रक्रिया का अनुभव

बिहार में SIR प्रक्रिया पहले ही सफलतापूर्वक संपन्न हो चुकी है। 24 जून से 25 जुलाई तक पहले चरण में बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) ने घर-घर जाकर मतदाताओं के विवरण की सत्यापना की। इसके बाद 1 अगस्त को मसौदा सूची प्रकाशित की गई, जिसमें कुल 7.24 करोड़ नाम दर्ज थे। इसमें पिछले साल की तुलना में लगभग 65 लाख नाम कम थे। 1 अगस्त से 1 सितंबर तक दावे और आपत्तियों की अवधि में 16,56,886 लोगों ने नए नाम जोड़ने के लिए आवेदन किया। इसी अवधि में 2,17,049 लोगों ने नाम हटाने और 36,475 लोगों ने सुधार के लिए आवेदन किया।

राज्यों के लिए दस्तावेजों की सूची

चुनाव आयोग ने प्रत्येक राज्य से स्थानीय स्तर पर मान्य दस्तावेजों की सूची तैयार करने को कहा है। यह सूची राज्य के अनुसार अलग-अलग होगी। उदाहरण के लिए आदिवासी बहुल राज्यों, उत्तर पूर्वी राज्यों और समुद्र तटीय राज्यों में पहचान और आवास से जुड़े विशेष प्रमाणपत्रों की आवश्यकता हो सकती है। कई स्थानों पर क्षेत्रीय स्वायत्त बोर्ड और निकाय भी ऐसे प्रमाण पत्र जारी करते हैं।

बिना नोटिस किसी का नाम नहीं हटाया जाएगा

निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी वैध मतदाता का नाम बिना नोटिस हटाया नहीं जाएगा। मतदाता को नोटिस जारी होने के बाद ही उनका पक्ष सुना जाएगा और इसके बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। आयोग ने भरोसा दिलाया कि SIR प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष होगी।

नए आवेदनों और सुधार की प्रक्रिया

SIR प्रक्रिया का तीसरा चरण 2 सितंबर से शुरू हो चुका है। इस चरण में नए मतदाताओं के नाम जोड़ने, सुधार करने और नाम हटाने के आवेदन शामिल हैं। सभी आवेदन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से स्वीकार किए जा रहे हैं। BLO और संबंधित अधिकारी आवेदन की जांच करेंगे और सत्यापन के बाद सूची में बदलाव करेंगे।

चुनावी तैयारियों में SIR की अहमियत

विशेष गहन पुनरीक्षण मतदाता सूची की सटीकता सुनिश्चित करने का महत्वपूर्ण कदम है। इससे चुनाव आयोग को देशभर में निष्पक्ष चुनाव कराने में मदद मिलेगी। आयोग का उद्देश्य यह भी है कि नए मतदाता और युवा मतदाता समय पर अपनी जानकारी अपडेट कर सकें और किसी को भी वोटिंग अधिकार से वंचित न किया जाए।

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