धनतेरस 2025 इस बार 18 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन नया वाहन खरीदना शुभ माना जाता है क्योंकि यह सुख, समृद्धि और प्रगति का प्रतीक है। मान्यता है कि धनतेरस पर खरीदी गई वस्तु 13 गुना फल देती है और मां लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि व कुबेर देव की कृपा से जीवन में धन, स्वास्थ्य और सुरक्षा बनी रहती है।
Dhanteras 2025: धनतेरस का पर्व इस साल 18 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा, जो दीपावली की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन लोग सोना-चांदी, बर्तन और वाहन खरीदना शुभ मानते हैं। दरअसल, धनतेरस पर वाहन खरीदने की परंपरा सुख, समृद्धि और आरोग्य से जुड़ी मानी जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई वस्तु में 13 गुना वृद्धि होती है और भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी व कुबेर देव की कृपा से जीवन में सुरक्षा, धन और प्रगति के द्वार खुलते हैं।
धनतेरस का शुभ दिन और 13 गुना फल की मान्यता
धनतेरस को धनत्रयोदशी भी कहा जाता है, जो दीपोत्सव का पहला दिन होता है। ज्योतिष के अनुसार, इस दिन नई वस्तु की खरीदारी से 13 गुना लाभ प्राप्त होता है। कहा जाता है कि इस दिन जो भी वस्तु खरीदी जाती है, उसमें वृद्धि और समृद्धि होती है। इसलिए इसे खरीदारी के लिए सबसे शुभ दिन माना गया है।
जब कोई व्यक्ति धनतेरस के शुभ मुहूर्त में नया वाहन खरीदता है, तो यह माना जाता है कि वह उसके जीवन में प्रगति और सफलता की गति को कई गुना बढ़ा देता है। वाहन को स्थायी संपत्ति माना जाता है, और इस दिन खरीदा गया वाहन मां लक्ष्मी की कृपा का प्रतीक समझा जाता है।
भगवान धन्वंतरि की कृपा से आरोग्य और सुरक्षा
धनतेरस का दिन भगवान धन्वंतरि की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। वे आयुर्वेद और चिकित्सा के देवता माने जाते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए यह दिन स्वास्थ्य और दीर्घायु का भी प्रतीक माना जाता है।
इसी कारण, धनतेरस पर वाहन खरीदने वाले लोग भगवान धन्वंतरि से प्रार्थना करते हैं कि नया वाहन उनके परिवार के लिए आरोग्य, सुरक्षा और शुभता लेकर आए। ऐसा विश्वास किया जाता है कि इस दिन खरीदा गया वाहन दुर्घटनाओं और विपदाओं से रक्षा करता है तथा परिवार को स्वस्थ और सुरक्षित रखता है।
कुबेर देव और मां लक्ष्मी की कृपा का दिन
धनतेरस का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इस दिन धन के देवता कुबेर और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। कुबेर देव को संपत्ति का स्वामी माना गया है। इसलिए इस दिन नई संपत्ति या बड़ा निवेश करने से कुबेर देव की कृपा प्राप्त होती है।
नया वाहन खरीदना इस बात का प्रतीक होता है कि व्यक्ति आर्थिक रूप से सक्षम है और उसका धन प्रवाह शुभ दिशा में बढ़ रहा है। मान्यता है कि इस दिन वाहन खरीदने से भविष्य में धन की वृद्धि और स्थिरता बनी रहती है।
वाहन खरीदने के पीछे सांस्कृतिक और आधुनिक कारण
भारतीय संस्कृति में वाहन को केवल एक साधन नहीं, बल्कि “जीवन की यात्रा” का प्रतीक माना गया है। वाहन जीवन में गति, प्रगति और दिशा प्रदान करता है। धनतेरस जैसे शुभ अवसर पर वाहन खरीदना इस बात का संकेत होता है कि व्यक्ति अपने जीवन में नई शुरुआत करने जा रहा है।
आधुनिक समय में, यह दिन ऑटोमोबाइल कंपनियों और डीलरों के लिए भी बेहद खास होता है। इस दिन बिक्री में कई गुना बढ़ोतरी देखी जाती है। लोग मानते हैं कि शुभ मुहूर्त में खरीदी गई चीजें न केवल लंबे समय तक टिकती हैं, बल्कि सौभाग्य भी लाती हैं।
नई शुरुआत और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक
धनतेरस दीपावली पर्व का पहला दिन होता है, और इस दिन से प्रकाश और नई ऊर्जा का आरंभ माना जाता है। जब कोई व्यक्ति इस दिन नया वाहन खरीदता है, तो वह केवल संपत्ति नहीं, बल्कि नई ऊर्जा, उत्साह और नई दिशा को अपने जीवन में आमंत्रित करता है।
नया वाहन परिवार में खुशियां और उत्साह लाता है। यह जीवन में आने वाली नई यात्राओं और अवसरों का प्रतीक होता है। इसलिए हर साल धनतेरस पर लाखों लोग यह शुभ कदम उठाते हैं और अपने सपनों की गाड़ी को घर लेकर आते हैं।