Columbus

दिल्ली की यमुना पुश्ता रोड पर बड़े गड्ढे, हादसों और जाम से परेशान लोग 

दिल्ली की यमुना पुश्ता रोड पर बड़े गड्ढे, हादसों और जाम से परेशान लोग 

दिल्ली की जैतपुर पुश्ता रोड पर गहरे और खतरनाक गड्ढों से आवागमन मुश्किल हो गया है। महज साढ़े तीन किलोमीटर का सफर तय करने में 25 मिनट लगते हैं, हादसों और गंदगी से लोग परेशान हैं।

नई दिल्ली: दिल्ली का यमुना पुश्ता रोड, जो जैतपुर कालिंदी रोड से जुड़ता है, अपनी जर्जर हालत के कारण लोगों के लिए मुसीबत बन चुका है। लगभग साढ़े तीन किलोमीटर लंबे इस हिस्से पर जगह-जगह बड़े और गहरे गड्ढे बने हुए हैं। सड़क की टूटी-फूटी हालत ऐसी है कि बाइक और कार सवारों को मात्र 3.5 किलोमीटर की दूरी तय करने में 25 से 30 मिनट तक लग जाते हैं। हालात यह हैं कि वाहन की औसत गति 6 से 8 किलोमीटर प्रति घंटा ही रह जाती है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस सड़क की दुर्दशा पर कई बार प्रशासन को शिकायत दी गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। नतीजतन, हर दिन हजारों लोग इस मार्ग से गुजरते हुए परेशानी झेलने को मजबूर हैं।

यमुना पुश्ता रोड पर टूटी सड़क और गंदगी

यमुना पुश्ता रोड पर जर्जर सड़क के साथ-साथ दोनों ओर गंदगी का अंबार भी देखने को मिलता है। खड्डा कॉलोनी और विश्वकर्मा कॉलोनी के आसपास की गलियों से निकलकर यह गंदगी सड़क किनारे जमा हो जाती है, जिससे वातावरण भी प्रदूषित हो रहा है। बारिश के दिनों में यह गंदगी सड़क पर बह आती है और हादसों का खतरा और बढ़ जाता है।

लोगों का कहना है कि टूटी सड़क और गंदगी के कारण यहां पैदल चलना तक मुश्किल हो गया है। आए दिन बाइक सवार गड्ढों में गिरकर चोटिल हो रहे हैं। कई बार छोटे-बड़े हादसे हो चुके हैं, लेकिन जिम्मेदार विभागों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।

मरम्मत के डेढ़ साल बाद फिर टूटी सड़क

स्थानीय निवासियों के मुताबिक, साल 2024 की शुरुआत में सड़क पर तारकोल बिछाकर मरम्मत की गई थी। उस समय सड़क का बड़ा हिस्सा खड़ंजे और कच्चे मार्ग में तब्दील था। लोगों ने उम्मीद जताई थी कि मरम्मत के बाद हालात सुधरेंगे, लेकिन डेढ़ साल भी नहीं बीते कि सड़क की हालत पहले से ज्यादा खराब हो गई।

आज स्थिति यह है कि पूरी सड़क गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। भारी वाहनों और लगातार ट्रैफिक दबाव के चलते सड़क पर गहरे गड्ढे बन गए हैं। जहां एक ओर यह यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डाल रही है, वहीं दूसरी ओर क्षेत्र के विकास कार्यों पर भी सवाल खड़े कर रही है।

हादसों का खतरा हमेशा बना रहता है

इस जर्जर सड़क से गुजरने वाले लोगों का कहना है कि उन्हें हर वक्त जान का खतरा बना रहता है। बाइक और स्कूटी सवार सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, क्योंकि जरा सी चूक होने पर वे गहरे गड्ढों में गिर जाते हैं। कई बार महिलाएं और बच्चे भी इन हादसों का शिकार हो चुके हैं।

दिल्ली के बुराड़ी इलाके में हाल ही में हुए सड़क धंसने की घटना ने लोगों की चिंता और बढ़ा दी है। वहां एक कार अचानक सड़क धंसने से बने गड्ढे में फंस गई थी। गनीमत रही कि कोई बड़ी जान हानि नहीं हुई। लेकिन यमुना पुश्ता रोड पर फैली दरारें और गड्ढे भी कभी बड़े हादसे को जन्म दे सकते हैं।

प्रदर्शन के बावजूद प्रशासन की चुप्पी

स्थानीय लोग कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं और सड़क की मरम्मत की मांग उठाई है। इसके बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इससे आम नागरिकों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। उनका कहना है कि नेताओं ने चुनाव के दौरान सड़क बनाने के वादे किए थे, लेकिन अब कोई सुध लेने वाला नहीं है।

विशेषज्ञों का मानना है कि जल्द ही सड़क का पुनर्निर्माण न किया गया तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। टूटी सड़कें न केवल यात्रा में बाधा बन रही हैं, बल्कि प्रदूषण और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी पैदा कर रही हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि जल्द से जल्द इस सड़क की मरम्मत कर सुरक्षित और सुगम आवागमन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

Leave a comment