दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता का स्तर बेहद ख़राब श्रेणी में बना हुआ है। दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर पर हवा की गुणवत्ता का स्तर 342 है, जो बेहद ख़राब श्रेणी में आता है। वहीं आनंद विहार में AQI 355 और आईटीओ पर 362 AQI दर्ज किया गया है।
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में इस साल दिवाली पर हवा की गुणवत्ता बेहद खराब दर्ज की गई है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) कई इलाकों में ‘बहुत खराब’ और कुछ जगहों पर ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया। अक्षरधाम के आसपास आज सुबह AQI 360 रिकॉर्ड किया गया, जबकि आनंद विहार में 355 और आईटीओ पर 362 रहा।
सेंट्रल दिल्ली का पंजाबि बाग इलाका इस बार सबसे गंभीर स्थिति में रहा, जहां AQI 437 रिकॉर्ड किया गया। नोएडा में AQI 298 और गुरुग्राम में 252 दर्ज किया गया। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस स्तर की हवा में बाहर निकलने से स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। डॉक्टरों ने लोगों को घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनने की सलाह दी है।
दिवाली पर PM 2.5 का रिकॉर्ड तोड़ा
इस दिवाली, राजधानी में PM 2.5 का स्तर 675 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच गया, जो पिछले चार वर्षों में सबसे अधिक है। पिछले वर्षों का रिकॉर्ड इस प्रकार रहा:
- 2024: 609 माइक्रोग्राम
- 2023: 570 माइक्रोग्राम
- 2022: 534 माइक्रोग्राम
- 2021: 728 माइक्रोग्राम
साउंड लिमिट का भी उल्लंघन
वायु प्रदूषण के साथ-साथ इस दिवाली ध्वनि प्रदूषण ने भी नए रिकॉर्ड बनाए। शहर के 26 सक्रिय ध्वनि निगरानी केंद्रों में से 23 ने ध्वनि स्तर की सीमा उल्लंघन की सूचना दी। पिछले साल 22 केंद्रों ने सीमा उल्लंघन रिपोर्ट की थी, जबकि 2023 में यह संख्या 13 थी। विशेषज्ञों के अनुसार, ध्वनि और वायु प्रदूषण दोनों का संयुक्त असर लोगों के स्वास्थ्य, विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों पर गंभीर हो सकता है।
दिल्ली में दिवाली के बाद वायु प्रदूषण पर एक बार फिर राजनीतिक बहस तेज हो गई है। बीजेपी नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने आरोप लगाया कि AAP पंजाब के किसानों को जानबूझकर पराली जलाने के लिए उकसा रही है, जिससे राजधानी की हवा जहरीली बनी और AAP सरकार पर दबाव बने। उन्होंने कहा कि दिवाली के पटाखों से AQI पर असर सीमित रहा और वास्तविक कारण पराली जलाना है।