दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को बड़ी राहत दी है। दिल्ली की शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की सुनवाई फिलहाल टल गई है और कोर्ट अब इस मामले की अगली सुनवाई अक्टूबर में करेगा।
नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने शराब नीति मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को पेशी से राहत दी है। कोर्ट ने दोनों नेताओं को गुरुवार को अदालत में पेश होने से छूट देते हुए कहा कि अगली सुनवाई अक्टूबर में होगी। इस मामले में केजरीवाल और सिसोदिया की ओर से कोर्ट में दलील दी गई कि इस समय वे पंजाब में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं और वहां राहत और बचाव कार्यों में पीड़ितों की मदद कर रहे हैं। इस दलील के आधार पर कोर्ट ने दोनों नेताओं को पेशी से छूट प्रदान की।
शराब नीति मामले का पृष्ठभूमि
दिल्ली की शराब नीति मामले में ईडी (Enforcement Directorate) और CBI (Central Bureau of Investigation) ने आरोप लगाया है कि इस नीति में जानबूझकर कमियां डाली गईं, जिससे निजी कंपनियों को लाभ हुआ। इसके बदले, AAP नेताओं को 100 करोड़ रुपये से अधिक की रिश्वत मिलने का आरोप है। ईडी ने यह मामला PMLA (Prevention of Money Laundering Act) के तहत दर्ज किया है। जांच एजेंसी का दावा है कि यह रकम गोवा और पंजाब विधानसभा चुनावों में इस्तेमाल की गई।
सिसोदिया इस मामले में मुख्य आरोपी हैं और मार्च 2024 में केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया था। वहीं, सिसोदिया फरवरी 2023 से जेल में थे। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त-सितंबर 2024 में दोनों नेताओं को जमानत दी थी, लेकिन अदालत में ट्रायल अब भी जारी है।
जांच एजेंसियों के आरोप
जांच एजेंसियों ने दावा किया कि शराब नीति में खामियां जानबूझकर रखी गई थीं। इन कमियों के कारण कुछ निजी कंपनियों को अनुचित फायदा मिला। एजेंसियों का कहना है कि इसके माध्यम से AAP नेताओं को 100 करोड़ रुपये से अधिक की रकम हासिल हुई, जिसे विधानसभा चुनावों में खर्च किया गया।CBI ने प्रारंभ में FIR दर्ज की और सिसोदिया को मुख्य आरोपी बनाया। बाद में ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का एंगल जोड़कर PMLA के तहत केस दर्ज किया।
अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की ओर से कोर्ट को बताया गया कि वे वर्तमान समय में पंजाब में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर राहत और बचाव कार्यों में जुटे हैं। कोर्ट ने इस दलील को मानते हुए उन्हें गुरुवार की पेशी से छूट दे दी।