दिवाली के करीब आते ही दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता बेहद खराब हो गई है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ रहा है। गुरुवार को मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर बना, जहां AQI 307 दर्ज किया गया।
Top 10 Polluted Cities In India: दिल्ली-एनसीआर में ठंड की दस्तक के साथ ही वायु गुणवत्ता काफी खराब होने लगी है, जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है और विशेषज्ञ भी चिंता जता रहे हैं। मौसम विभाग द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर के आठ शहर देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की शीर्ष सूची में शामिल हैं। यह स्थिति स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और सांस की बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए।
दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता का हाल
जैसे ही ठंड ने दस्तक दी, दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता तेजी से बिगड़ने लगी। विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि अगर प्रदूषण नियंत्रण के उपाय नहीं किए गए तो यह स्थिति और गंभीर हो सकती है। गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, टॉप प्रदूषित शहरों की सूची इस प्रकार रही:
- गाजियाबाद – 307 AQI
- बल्लभगढ़ – 296 AQI
- नोएडा – 288 AQI
- भिवाणी – 277 AQI
- ग्रेटर नोएडा – 272 AQI
- गुरुग्राम – 260 AQI
- दिल्ली – 245 AQI
- हापुड़ – 236 AQI
- भोपाल – 233 AQI
- हनुमानगढ़ – 229 AQI
गाजियाबाद और नोएडा की स्थिति गंभीर
विशेष रूप से गाजियाबाद के लोनी और वसुंधरा और नोएडा के सेक्टर 125 और 116 में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो गई है। गाजियाबाद के लोनी का AQI 339 और नोएडा का सेक्टर-125 358 तक पहुंच गया, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक स्तर है। अन्य क्षेत्रों में भी हालात गंभीर हैं:
- आनंद विहार (दिल्ली) – 335 AQI
- वजीरपुर (दिल्ली) – 337 AQI
- बवाना (दिल्ली) – 281 AQI
- मुंडका (दिल्ली) – 297 AQI
ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू
हवा की बिगड़ती गुणवत्ता को देखते हुए, वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रेप) का पहला चरण लागू कर दिया गया है। इसके तहत उद्योगों को बंद करना, निर्माण गतिविधियों पर रोक और वाहनों की संख्या नियंत्रित करना जैसे कदम उठाए जाते हैं। भारत सरकार के मानकों के अनुसार:
- 0-50: अच्छी
- 51-100: संतोषजनक
- 101-200: मध्यम
- 201-300: खराब
- 301-400: बहुत खराब
- 401-500: गंभीर
दिल्ली-एनसीआर के अधिकांश इलाके इस समय 'खराब' और 'बहुत खराब' श्रेणी में हैं। पर्यावरण विशेषज्ञ लगातार लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे प्रदूषण से बचाव के लिए सावधानी बरतें।