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Assembly Election 2025: चिरैया सीट पर भाजपा को फिर मिलेगी जीत या इस बार बदलेगा समीकरण?

Assembly Election 2025: चिरैया सीट पर भाजपा को फिर मिलेगी जीत या इस बार बदलेगा समीकरण?

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल बज चुका है, और राज्य की हर विधानसभा सीट पर सियासी तापमान तेजी से बढ़ रहा है। इन्हीं चर्चित सीटों में से एक है पूर्वी चंपारण जिले की चिरैया विधानसभा सीट, जहां हर चुनाव में BJP और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलती है।

Chiraia: पूर्वी चंपारण की चिरैया विधानसभा सीट साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी, जिसके बाद यहां तीन बार चुनाव हुए और तीनों ही बार भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली थी। साल 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी लाल बाबू प्रसाद ने इस सीट से जीत हासिल की थी और उन्होंने राजद के प्रत्याशी अच्छे लाल यादव को हराया था। 

इस चुनाव में लाल बाबू प्रसाद को 62904 वोट और राष्ट्रीय जनता दल के अच्छेलाल यादव को 46030 वोट मिले थे। निर्दलीय प्रत्याशी लक्ष्मी नारायण प्रसाद यादव तीसरे नंबर पर रहे थे। चिरैया विधानसभा सीट शिवहर (लोकसभा) निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है और विधानसभा सीट में इसकी क्रम संख्या-20 है। 

चिरैया विधानसभा सीट का इतिहास

चिरैया विधानसभा सीट का गठन वर्ष 2008 में परिसीमन (Delimitation) के बाद हुआ था। इसके बाद से अब तक यहां तीन बार चुनाव हुए हैं — 2010, 2015 और 2020 में — और तीनों ही बार भाजपा (BJP) ने जीत का परचम लहराया है। इस रिकॉर्ड के कारण यह सीट भाजपा के लिए लकी सीट मानी जाती है। 2020 के चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी लाल बाबू प्रसाद गुप्ता ने RJD के उम्मीदवार अच्छे लाल यादव को हराया था।

  • लाल बाबू प्रसाद को 62,904 वोट मिले थे,
  • जबकि RJD उम्मीदवार को 46,030 वोट प्राप्त हुए।
  • निर्दलीय प्रत्याशी लक्ष्मी नारायण प्रसाद यादव तीसरे स्थान पर रहे थे।

यह जीत भाजपा के लिए आसान नहीं थी, क्योंकि मुकाबला कड़ा था और क्षेत्रीय समीकरणों ने बड़ा असर डाला था।

भाजपा बनाम राजद - सियासी जंग

चिरैया सीट की पहचान ही भाजपा और राजद के बीच सीधी टक्कर की रही है। यहां जातीय समीकरण चुनावी परिणामों में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इस क्षेत्र में यादव, भूमिहार, राजपूत, मुस्लिम, और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के मतदाता बड़ी संख्या में हैं। इनके बीच गठजोड़ या ध्रुवीकरण का सीधा असर नतीजों पर पड़ता है।

सवर्ण (भूमिहार, राजपूत) मतदाता प्रायः भाजपा के साथ रहते हैं, जबकि यादव और मुस्लिम वोट बैंक पर राजद की परंपरागत पकड़ है। इसी जातीय-सामाजिक समीकरण के कारण यहां हर चुनाव में “सी-सॉ बैटल” जैसी स्थिति बन जाती है।

पिछले चुनावों पर एक नजर

  • 2010: भाजपा के अवनीश कुमार सिंह ने RJD के लक्ष्मी नारायण प्रसाद यादव को हराया।
  • 2015: भाजपा के लाल बाबू प्रसाद गुप्ता ने फिर से RJD उम्मीदवार को केवल 4,374 वोटों के अंतर से मात दी।
  • 2020: लाल बाबू प्रसाद ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज कर हैट्रिक पूरी की।

यह लगातार तीन जीतें भाजपा को 2025 में भी मजबूत स्थिति में खड़ा करती हैं, लेकिन विरोधी दल इस बार पूरी तैयारी में हैं।

चिरैया सीट पर कब होगा मतदान?

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में चिरैया सीट पर दूसरे चरण में मतदान होगा।

  • वोटिंग की तारीख: 11 नवंबर 2025
  • नतीजे घोषित होने की तारीख: 14 नवंबर 2025

चिरैया विधानसभा सीट का क्रमांक 20 है और यह शिवहर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है। राजनीतिक दृष्टि से यह सीट उत्तर बिहार की सबसे चर्चित सीटों में से एक है, जहां मतदान प्रतिशत भी हमेशा ऊंचा रहता है।

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