केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि भारत अमेरिका समेत कई देशों के साथ FTA वार्ताओं में सक्रिय है। वॉशिंगटन में चल रही अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता 17 अक्टूबर तक जारी रहेगी। इस द्विपक्षीय समझौते का लक्ष्य 2030 तक व्यापार को $191 अरब से $500 अरब तक दोगुना करना है। भारत अन्य देशों के साथ भी व्यापार समझौते को तेजी से आगे बढ़ा रहा है।
FTA Talks: केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने घोषणा की कि भारतीय टीम वर्तमान में वॉशिंगटन में अमेरिका के साथ निर्णायक FTA वार्ता में हिस्सा ले रही है, जो 17 अक्टूबर तक चलेगी। इस समझौते का उद्देश्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को वर्तमान $191 अरब से $500 अरब तक बढ़ाना है। इसके अलावा, भारत ऑस्ट्रेलिया, यूएई, ईएफटीए, ब्रिटेन, EU, चिली, पेरू, न्यूजीलैंड और ओमान जैसे देशों के साथ भी सक्रिय व्यापार समझौतों पर काम कर रहा है।
अमेरिका में निर्णायक व्यापार वार्ता
सबसे महत्वपूर्ण दौर अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को लेकर है। वर्तमान में भारतीय सरकारी टीम वॉशिंगटन में मौजूद है और 17 अक्टूबर तक अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ निर्णायक वार्ताओं में भाग ले रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते के पहले चरण को 2025 के पतझड़ तक पूरा करने की समयसीमा निर्धारित की है।
इस प्रस्तावित BTA का मुख्य उद्देश्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को $191 अरब से $500 अरब तक बढ़ाना है। हाल के तनावों के बावजूद दोनों देशों के बीच फोन वार्ताओं ने सकारात्मक संकेत दिए हैं। अमेरिकी सहायक व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच ने हाल ही में नई दिल्ली में भारतीय अधिकारियों से मुलाकात कर समझौते को जल्द पूरा करने पर सहमति जताई थी।
पीयूष गोयल ने यह भी बताया कि भारत ने ऑस्ट्रेलिया, यूएई और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के साथ पहले ही व्यापार समझौते लागू कर दिए हैं। इसके अलावा, ब्रिटेन के साथ भी एक महत्वपूर्ण समझौता हो चुका है। यह प्रगति भारत के लिए महत्वपूर्ण संकेत है और दर्शाती है कि देश निवेश और द्विपक्षीय व्यापार के लिए एक आकर्षक और स्थिर गंतव्य बन चुका है।
दक्षिण अमेरिकी बाजार पर ध्यान
FTA वार्ता के दायरे को बढ़ाते हुए गोयल ने बताया कि भारत ने ब्राजील के साथ मौजूदा प्राथमिक व्यापार समझौते का विस्तार करने पर भी चर्चा की है। इसका उद्देश्य दक्षिण अमेरिकी बाजार में भारत की बड़ी पैमाने पर मौजूदगी सुनिश्चित करना है। यह कदम भारत की वैश्विक व्यापार रणनीति में दक्षिण अमेरिका के महत्व को दर्शाता है।
भारत-अमेरिका व्यापार की वर्तमान स्थिति
2024-25 में अमेरिका भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार बना हुआ है। इस दौरान द्विपक्षीय व्यापार $131.84 अरब रहा, जिसमें भारत का निर्यात $86.5 अरब रहा। हालांकि, अमेरिकी शुल्कों के कारण सितंबर में भारत का अमेरिकी वस्तु निर्यात 11.93 प्रतिशत घटकर $5.46 अरब और आयात 11.78 प्रतिशत बढ़कर $3.98 अरब हुआ।
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि भारत वैश्विक व्यापार के क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए सक्रिय और महत्वाकांक्षी रणनीति अपनाए हुए है।