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Diwali 2025: 20 या 21 अक्टूबर, कब मनाएं दिवाली? जानें 4 प्रमुख पंडितों की राय

Diwali 2025: 20 या 21 अक्टूबर, कब मनाएं दिवाली? जानें 4 प्रमुख पंडितों की राय

दिवाली 2025 को लेकर लोगों में तिथि को लेकर संशय है। ज्योतिषियों के अनुसार इस साल दिवाली 20 अक्टूबर को मनाना अधिक शुभ रहेगा। अमावस्या और प्रदोष काल के अनुसार इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश का पूजन करना उत्तम समय पर होगा। दिवाली के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि को भी पंडितों ने साझा किया है।

Diwali 2025: इस साल दिवाली 20 अक्टूबर को मनाना शुभ रहेगा, बताते हैं ज्योतिषाचार्य। भारतभर में मनाए जाने वाले इस त्योहार में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश का पूजन सबसे महत्वपूर्ण है। 20 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 44 मिनट से अमावस्या तिथि शुरू होगी और रात 9 बजकर 03 मिनट तक रहेगी। प्रदोष काल और स्थिर लग्न के संयोग से शाम 7 बजकर 08 मिनट से 8 बजकर 18 मिनट तक पूजन का श्रेष्ठ समय है। इस बार पंडितों की सलाह के अनुसार सही तिथि और शुभ मुहूर्त पर पूजा करना पारंपरिक मान्यताओं और समृद्धि दोनों के लिए लाभकारी होगा।

दिवाली 2025 की तिथि

पंचांग के अनुसार, दिवाली हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। इस साल अमावस्या 20 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 44 मिनट से शुरू होकर 21 अक्टूबर की शाम 5 बजकर 54 मिनट तक रहेगी। इस कारण ज्योतिषियों में चर्चा है कि दिवाली 20 अक्टूबर को मनाई जाए या 21 अक्टूबर को।

ज्योतिषियों की राय

ज्योतिषाचार्य राज मिश्रा के अनुसार, अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर से शुरू होकर 21 अक्टूबर को तीन प्रहर से अधिक समय तक रहेगी। इसलिए 21 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजन करना शुभ माना जा रहा है। वहीं, ज्योतिषाचार्य पंडित राजकुमार शास्त्री के अनुसार, 20 अक्टूबर को प्रदोष व्यापिनी अमावस्या आरंभ हो रही है, इसलिए इसी दिन दिवाली मनाना उचित होगा।

ज्योतिषाचार्य पवन सिन्हा ने कहा कि जिन शहरों में सूर्यास्त शाम 5 बजकर 30 मिनट से पहले होगा, वहां दिवाली 21 अक्टूबर को मनाई जा सकती है, लेकिन जिन शहरों में सूर्यास्त इसके बाद है, वहां 20 अक्टूबर को दिवाली मनाना शुभ रहेगा। इसी तरह, महाकाल मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित रमण त्रिवेदी के अनुसार, 20 अक्टूबर को ही दिवाली मनाना चाहिए क्योंकि इस रात मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष योग बन रहा है।

स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती के अनुसार, प्रदोष काल और पंचांग देखकर, साथ ही आसपास के पंडितों की सलाह के आधार पर 20 अक्टूबर को ही दिवाली मनाना सही रहेगा। इस दिन दिवाली से जुड़े सभी कार्य, जैसे लक्ष्मी-गणेश पूजन, दीपक जलाना और घर की सजावट करना, अधिक शुभ और फलदायक माने जाते हैं।

दिवाली 2025 शुभ मुहूर्त

ज्योतिषियों के अनुसार, इस बार दिवाली 20 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी। पञ्चांग के अनुसार अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 21 अक्टूबर की रात 9 बजकर 03 मिनट पर होगा। दिवाली के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश के पूजन का सबसे शुभ समय शाम 7 बजकर 08 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। यह अवधि प्रदोष काल और स्थिर लग्न का संयोग है, जिसे मां लक्ष्मी और गणेश जी की कृपा प्राप्त करने के लिए उत्तम माना गया है। इस समय लगभग 1 घंटा 11 मिनट का पूजापाठ का समय मिलता है।

पूजा विधि और परंपराएं

दिवाली के दिन सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें। घर को साफ करके दीपक, रंगोली और फूलों से सजाएं। पूजा स्थल पर मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। इस दिन लक्ष्मी-गणेश पूजन विधि में मुख्य रूप से पंचामृत, रोली, चंदन, दीपक, नैवेद्य और फूल चढ़ाए जाते हैं। पूजा के दौरान दीपक जलाना और मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है।

दीपावली की रात और आरती

पूजा के बाद दीपक जलाकर घर के प्रत्येक कोने को रौशन करें। दीपक न केवल वातावरण को सुंदर बनाते हैं बल्कि नकारात्मक ऊर्जा से भी रक्षा करते हैं। इसके बाद मां लक्ष्मी और गणेश जी की आरती करें और परिवार के सभी सदस्यों के साथ मिलकर प्रसाद वितरित करें। दिवाली की रात को पूरी पारिवारिक सहभागिता और खुशहाली के लिए यह महत्वपूर्ण समय होता है।

इस बार दिवाली 2025 को ज्यादातर पंडितों की सलाह के अनुसार 20 अक्टूबर को मनाना शुभ रहेगा। इस दिन प्रदोष काल का विशेष योग, लक्ष्मी-गणेश पूजन और दीपक जलाने का श्रेष्ठ समय उपलब्ध है। सही तिथि और शुभ मुहूर्त के अनुसार पूजा करने से न केवल पारंपरिक धार्मिक मान्यताओं का पालन होगा बल्कि घर में समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का वास भी सुनिश्चित होगा।

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