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ट्रंप का बड़ा दावा: पीएम मोदी ने दिया रूस से तेल खरीद बंद करने का आश्वासन, बोले- भारत जल्द उठाएगा कदम

ट्रंप का बड़ा दावा: पीएम मोदी ने दिया रूस से तेल खरीद बंद करने का आश्वासन, बोले- भारत जल्द उठाएगा कदम

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत जल्द ही रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा। ट्रंप ने कहा कि मोदी उनके करीबी मित्र हैं और यह कदम यूक्रेन युद्ध खत्म करने में मददगार साबित होगा। वहीं अमेरिका ने कहा कि भारत अपने फैसले खुद लेने के लिए स्वतंत्र है।

Crude oil: वॉशिंगटन में व्हाइट हाउस के एक कार्यक्रम के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि भारत रूस से तेल की खरीद बंद कर देगा। ट्रंप ने कहा कि मोदी उनके अच्छे दोस्त हैं और भारत यह कदम जल्द उठाएगा, भले ही तुरंत संभव न हो। उन्होंने इसे रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने की दिशा में अहम कदम बताया। हालांकि, अमेरिकी प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीस ने स्पष्ट किया कि भारत एक संप्रभु राष्ट्र है और अपने विदेश नीति संबंधी निर्णय स्वयं लेने के लिए स्वतंत्र है।

मोदी ने दिया भरोसा, जल्द उठाएंगे कदम

ट्रंप ने कहा कि भारत तुरंत यह कदम नहीं उठा सकता क्योंकि यह एक बड़ी प्रक्रिया है। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने आश्वासन दिया है कि भारत जल्द ही रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा। उन्होंने कहा कि यह कदम रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने में मददगार साबित हो सकता है। ट्रंप ने बताया कि वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी यही चाहते हैं कि वह यूक्रेनियों और रूसियों को मारना बंद करें।

ट्रंप ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी एक मजबूत और दूरदर्शी नेता हैं। उन्होंने कहा कि भारत में पहले कुछ महीनों में ही नेतृत्व बदल जाता था, लेकिन मोदी लंबे समय से सत्ता में हैं और उन्होंने भारत को स्थिरता दी है। ट्रंप ने यह भी कहा कि मोदी ने उन्हें भरोसा दिया है कि वह जल्द ही रूस से तेल आयात को रोक देंगे।

अमेरिका का दबाव और भारत का रुख

ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका लगातार भारत पर रूस के साथ ऊर्जा व्यापार को खत्म करने का दबाव बना रहा है। अमेरिका चाहता है कि भारत रूस से तेल और गैस की खरीद बंद करे ताकि रूस पर आर्थिक दबाव बढ़े।

हालांकि, भारत का रुख अब तक स्पष्ट रहा है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों के अनुसार ही कोई भी फैसला करेगा। भारत कई बार यह कह चुका है कि वह अपने ऊर्जा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ही किसी देश से तेल खरीदता है।

रूस-यूक्रेन युद्ध पर ट्रंप की टिप्पणी

ट्रंप ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध अब बहुत लंबा खिंच गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति जेलेंस्की और पुतिन के बीच गहरी दुश्मनी है जो इस युद्ध को खत्म होने नहीं दे रही। ट्रंप ने कहा कि वह मानते हैं कि यह विवाद सुलझाया जा सकता है और अमेरिका इस दिशा में काम कर रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि अगर भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देता है तो यह कदम शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। ट्रंप ने कहा कि युद्ध खत्म होने के बाद रूस और यूक्रेन दोनों के साथ व्यापार फिर से शुरू किया जा सकेगा।

अमेरिका की तरफ से 25 प्रतिशत टैरिफ

ट्रंप सरकार ने हाल ही में भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया है। इसका कारण रूस से ऊर्जा व्यापार को लेकर अमेरिका की असहमति बताया जा रहा है। हालांकि, अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीस ने बयान दिया कि भारत एक संप्रभु देश है और अपने फैसले खुद लेने का अधिकार रखता है।

ग्रीस ने कहा कि अमेरिका भारत पर किसी तरह का दबाव नहीं बना रहा है कि वह रूस से संबंध तोड़े। उन्होंने कहा कि अमेरिका केवल यह चाहता है कि भारत वैश्विक शांति प्रक्रिया में सहयोग करे।

पुतिन की चेतावनी

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि अगर वह भारत और चीन जैसे देशों पर दबाव डालता है कि वे रूस से व्यापार बंद करें, तो इसका आर्थिक असर खुद अमेरिका पर भी पड़ेगा। पुतिन ने कहा कि रूस के पास ऊर्जा बाजारों के कई विकल्प हैं और वह किसी एक देश पर निर्भर नहीं है।

उन्होंने कहा कि भारत और चीन दोनों ही उभरती अर्थव्यवस्थाएं हैं और उनके साथ रूस के संबंध बहुत मजबूत हैं। अगर अमेरिका ने हस्तक्षेप किया तो इसका असर अंतरराष्ट्रीय बाजारों पर भी पड़ सकता है।

भारत के लिए संतुलन की चुनौती

भारत के लिए यह स्थिति काफी जटिल है। एक ओर अमेरिका उसका रणनीतिक साझेदार है, वहीं दूसरी ओर रूस से भारत के दशकों पुराने रक्षा और ऊर्जा संबंध हैं। भारत ने हमेशा यह कहा है कि वह किसी के दबाव में आकर नहीं, बल्कि अपने हितों के आधार पर निर्णय लेता है।

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