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डूंगरपुर के नया टापरा गांव में घर में घुसा पैंथर, वन विभाग ने किया रेस्क्यू

डूंगरपुर के नया टापरा गांव में घर में घुसा पैंथर, वन विभाग ने किया रेस्क्यू

डूंगरपुर के नया टापरा गांव में एक घर में पैंथर घुसने से हड़कंप मच गया। वन विभाग की टीम ने देशी जुगाड़ से पैंथर को सुरक्षित पकड़ा और इलाज के लिए विभाग कार्यालय में भेजा।

डूंगरपुर: राजस्थान के डूंगरपुर जिले के आसपुर क्षेत्र के नया टापरा गांव में रविवार की सुबह अचानक हड़कंप मच गया, जब एक जंगली पैंथर घर में घुस आया। सुरेंद्र मीणा के घर की गैलरी में बैठे पैंथर को देखकर परिवार के लोग दहशत में आ गए। शोर मचाते ही आसपास के लोग इकट्ठा हो गए और वन विभाग को सूचना दी गई। वन विभाग की टीम ने देशी जुगाड़ और फंदे की मदद से पैंथर को पकड़कर पिंजरे में कैद किया और इलाज के लिए वन विभाग कार्यालय ले जाया गया।

पैंथर के घर में घुसने से गांव में दहशत

सूत्रों के अनुसार, नया टापरा गांव में सूरज निकलते ही सुरेंद्र मीणा का परिवार सामान्य गतिविधियों में व्यस्त था। तभी उन्होंने गैलरी से अजीब आवाज सुनी और खिड़की से झांककर देखा तो वहां एक पैंथर बैठा हुआ था। परिवार के लोग डर के मारे लगभग शॉक में आ गए। उन्होंने तुरंत पड़ोसियों को सूचना दी और शोर मचाना शुरू किया।

ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा हो गई और स्थिति गंभीर होती दिखी। पैंथर के घर में मौजूद होने से पूरे इलाके में दहशत फैल गई। कई लोग डर के मारे घरों में छिप गए, जबकि कुछ ने वन विभाग को कॉल कर मदद मांगी।

वन विभाग की त्वरित कार्रवाई

आसपुर और साबला वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। अधिकारियों ने देखा कि पैंथर शांत अवस्था में बैठा था, जिससे अनुमान लगाया गया कि वह बीमार या अस्वस्थ हो सकता है। तुरंत टीम ने देशी जुगाड़ से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।

सबसे पहले पैंथर के पैरों में फंदा फंसा कर उसे धीरे-धीरे काबू में किया गया। टीम ने पैंथर को डराए बिना सुरक्षित पिंजरे में कैद किया। इस पूरे अभियान में वन अधिकारियों और स्थानीय लोगों ने सहयोग किया। वन विभाग के कर्मचारियों ने कहा कि देशी जुगाड़ और फंदे की मदद से पैंथर को किसी भी नुकसान से बचाते हुए सुरक्षित तरीके से पकड़ना संभव हुआ।

पैंथर का इलाज और सुरक्षित स्थान पर छोड़ने की योजना

पिंजरे में कैद किए जाने के बाद पैंथर को साबला वन विभाग कार्यालय ले जाया गया। वहां पशु चिकित्सकों ने उसकी प्राथमिक जांच की। जांच में पाया गया कि पैंथर कमजोर और बीमार है। अधिकारियों ने बताया कि जब तक उसका स्वास्थ्य पूरी तरह ठीक नहीं हो जाता, उसे सुरक्षित रूप से वन विभाग के पास रखा जाएगा।

वन विभाग के अधिकारी ने कहा कि पैंथर पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद उसे सुरक्षित जंगल में छोड़ा जाएगा, ताकि वह अपने प्राकृतिक आवास में लौट सके। ग्रामीणों ने वन विभाग की तत्परता और कुशलता की सराहना की और कहा कि उनकी सूझबूझ ने बड़ी घटना को टाल दिया।

गांव में पैंथर के डर के बाद राहत

इस घटना के बाद गांव में शुरुआती दहशत के बाद राहत की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों ने बताया कि घर में पैंथर के घुसने से सुबह-सुबह पूरे इलाके में अफरा-तफरी मची थी, लेकिन वन विभाग की तत्परता ने स्थिति को शांत कर दिया। ग्रामीणों ने कहा कि अब उन्हें भरोसा है कि वन विभाग ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करता है और जंगली जानवरों और लोगों दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

इस तरह की घटनाओं से यह साबित होता है कि वन विभाग और स्थानीय समुदाय मिलकर जंगली जानवरों और मानव जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।

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