ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद पूर्व क्राउन प्रिंस रेज़ा शाह ने खामेनेई को दोषी ठहराते हुए इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि इस्लामिक शासन की समाप्ति से ही देश में शांति आ सकती है।
Reza Shah Pahlavi Demands: ईरान के पूर्व क्राउन प्रिंस रेज़ा शाह पहलवी ने एक बार फिर ईरानी शासन के खिलाफ अपना रुख स्पष्ट किया है। उन्होंने अमेरिकी हमलों के लिए सीधे तौर पर इस्लामिक रिपब्लिक की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने देश के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई से इस्तीफे की मांग की है और यह कहा है कि ईरान को आगे बढ़ाने के लिए इस शासन का अंत जरूरी है।
परमाणु ठिकानों पर हमलों को लेकर क्या बोले रेज़ा शाह
22 जून 2025 को अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों- फोर्डो, नतांज और इस्फ़हान पर हमला किया। यह हमला बी-2 स्टील्थ बमवर्षकों के जरिए किया गया। हमले के बाद अमेरिका ने इसे "सफल अभियान" बताया। इसी हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए रेज़ा शाह ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि इस्लामिक रिपब्लिक की परमाणु हथियारों की खोज ने ईरानी जनता को जोखिम में डाला है। उन्होंने इसे शासन की असफलता बताया और कहा कि यह शासन राष्ट्र को आगे नहीं ले जा सकता।
'शांति का रास्ता तभी संभव है जब यह शासन समाप्त हो'
रेज़ा शाह ने अपनी पोस्ट में कहा कि अली खामेनेई और उनका शासन अब केवल सत्ता के लिए संघर्ष कर रहा है जबकि जनता की भलाई पीछे छूट चुकी है। उन्होंने कहा कि शांति और समृद्धि का रास्ता सिर्फ तब ही संभव है जब इस व्यवस्था का अंत हो।
खामेनेई को दी इस्तीफा देने की सलाह
रेज़ा शाह ने खामेनेई से अपील की कि वे अपने अंडरग्राउंड बंकर से बाहर आकर ईरानी जनता के हित में इस्तीफा दें। उन्होंने कहा कि जनता को एक ऐसा राष्ट्र चाहिए जो इस्लामिक रिपब्लिक की छाया से निकलकर एक नए युग की शुरुआत कर सके। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्र को एक नई दिशा की आवश्यकता है, जो शांति, विकास और अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर आधारित हो।
ईरान का जवाबी हमला
अमेरिकी हमले के बाद ईरान ने भी प्रतिक्रिया दी और इजरायल के 10 शहरों पर मिसाइल हमले किए। इनमें तेल अवीव और हाइफा जैसे प्रमुख शहर शामिल हैं। इन हमलों के बाद पूरे इजरायल में हवाई हमले के सायरन बजने लगे। इजरायल ने अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया और एल अल तथा अर्किया एयरलाइंस ने अपनी उड़ानें रद्द कर दीं।
ईरान के विदेश मंत्री सईद अब्बास अराघची ने अमेरिकी हमले को "गैरकानूनी" करार दिया और कहा कि उनका देश इसका उचित जवाब देगा।
इजरायल के समर्थन पर सवाल
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दो दिन पहले ही कहा था कि वे इजरायल के समर्थन में जल्द फैसला लेंगे। अब दो दिन बाद अमेरिका ने सीधे हमला कर दिया। ट्रंप ने हमले को सफल बताया और कहा कि सभी विमान सुरक्षित रूप से ईरानी एयरस्पेस से बाहर निकल आए।