गणेश चतुर्थी 2025 का पहला दिन 27 अगस्त, बुधवार को पूरे देशभर में धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन घरों और पंडालों में गणपति बप्पा की प्रतिमा स्थापित कर विधिवत पूजा और भोग अर्पित किया जाएगा। विशेष रूप से लड्डू, केला, दही-चावल और नारियल-गुड़ का भोग घर में सुख-समृद्धि और मंगल लाने में मदद करता है।
Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी का पहला दिन 27 अगस्त 2025, बुधवार, पूरे देश में बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। इस दिन भक्त अपने घरों और पंडालों में गणपति बप्पा की प्रतिमा स्थापित करेंगे और विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करेंगे। भक्त बप्पा को उनके प्रिय भोग जैसे लड्डू, केला, दही-चावल और नारियल-गुड़ अर्पित करेंगे, ताकि घर में सुख-समृद्धि, मानसिक शांति और सभी बाधाएं दूर हों। यह पर्व विशेष रूप से विघ्नहर्ता भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
पहले दिन गणपति को अर्पित करें ये खास भोग
- लड्डू: मोदक की तरह लड्डू भी गणेश जी को प्रिय हैं। बेसन, मोतीचूर या बूंदी के लड्डू चढ़ाने से बप्पा प्रसन्न होते हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है।
- केला: केले का भोग लगाने से भक्तों को मानसिक शांति और सुख की प्राप्ति होती है। पूरे गुच्छे या चुनिंदा केले अर्पित किए जा सकते हैं।
- दही-चावल: यह भोग गणेश जी को विशेष प्रिय है। अर्पित करने से घर धन-धान्य से भर जाता है और जीवन की परेशानियां दूर होती हैं।
- नारियल और गुड़: इसे प्रसाद स्वरूप अर्पित करने से सभी संकट दूर होते हैं और जीवन में सकारात्मकता का वास होता है।
गणेश चतुर्थी के पहले दिन पूजा का महत्व
गणेश चतुर्थी का पहला दिन विशेष महत्व रखता है क्योंकि गणपति बप्पा को हर शुभ कार्य से पहले पूजने की परंपरा है। विघ्नहर्ता माने जाने वाले गणेश जी की कृपा से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और कार्य सफल होते हैं। इस दिन सुबह स्नान कर घर की पूरी सफाई की जाती है और विधिवत प्रतिमा स्थापित की जाती है। इसके बाद आह्वान, प्राण-प्रतिष्ठा और मंत्रोच्चारण के साथ गणपति की पूजा शुरू होती है, जिससे घर-परिवार में सकारात्मक ऊर्जा और मंगल की भावना का संचार होता है।