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गले की खराश कब बन सकती है खतरे की घंटी? पढ़ें पूरी रिपोर्ट

गले की खराश कब बन सकती है खतरे की घंटी? पढ़ें पूरी रिपोर्ट

लंबे समय तक गले में खराश रहना सिर्फ मौसम या सर्दी-जुकाम की वजह नहीं, बल्कि टॉन्सिलाइटिस, एलर्जी, एसिड रिफ्लक्स या धूम्रपान जैसी वजहों से भी हो सकता है। अगर खराश महीनों तक बनी रहे और इसके साथ आवाज बैठना, वजन घटना या गले में गांठ महसूस होना जैसे लक्षण दिखें तो यह कैंसर का शुरुआती संकेत भी हो सकता है।

Persistent Sore Throat: आमतौर पर गले की खराश मौसम, एलर्जी या संक्रमण के कारण 7-10 दिनों में ठीक हो जाती है, लेकिन अगर यह लंबे समय तक बनी रहे तो गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार लगातार खराश रहना टॉन्सिलाइटिस, एलर्जी, GERD, धूम्रपान या यहां तक कि गले और लैरिंक्स कैंसर का लक्षण भी हो सकता है। अगर खराश हफ्तों से ज्यादा समय तक बनी रहे, बुखार आए या गले में गांठ महसूस हो तो तुरंत ईएनटी विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।

कब सामान्य और कब खतरे की घंटी

सर्दी-जुकाम, मौसम के बदलाव या एलर्जी की वजह से होने वाली खराश आमतौर पर 7 से 10 दिनों के भीतर ठीक हो जाती है। लेकिन अगर यह खराश कई हफ्तों या महीनों तक बनी रहे, तो यह सामान्य नहीं है। खासकर अगर इसके साथ गले में दर्द, सूजन, निगलने में कठिनाई, आवाज़ बैठना या वजन कम होना जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

टॉन्सिलाइटिस भी हो सकता है कारण

लंबे समय तक गले में खराश रहने की एक बड़ी वजह टॉन्सिलाइटिस हो सकता है। इसमें गले के पिछले हिस्से में मौजूद टॉन्सिल संक्रमित होकर सूज जाते हैं। इसके चलते गले में दर्द, निगलने में दिक्कत, खराश और कभी-कभी तेज बुखार तक हो सकता है। यह समस्या बच्चों और किशोरों में ज्यादा देखी जाती है। अगर यह एक सप्ताह से अधिक समय तक बनी रहती है, तो तुरंत इलाज जरूरी हो जाता है।

दिल्ली के जीटीबी अस्पताल के मेडिसिन विभाग के डॉ. अजीत कुमार बताते हैं कि आमतौर पर खराश 10 दिनों के भीतर ठीक हो जाती है। लेकिन अगर यह महीनों तक बनी रहे और इसके साथ आवाज़ भारी होना, गले में गांठ महसूस होना, वजन का अचानक घटना और निगलने में कठिनाई जैसे लक्षण भी हों तो यह गले या लैरिंक्स (स्वरयंत्र) कैंसर का शुरुआती संकेत हो सकता है। इस स्थिति में तुरंत विशेषज्ञ से जांच कराना बेहद जरूरी है।

और क्या हो सकते हैं कारण

गले की खराश लंबे समय तक रहने के पीछे सिर्फ संक्रमण ही नहीं बल्कि अन्य कई वजहें भी हो सकती हैं।

  • क्रोनिक एलर्जी- परागकण, धूल, फफूंदी और पालतू जानवरों की रूसी जैसी चीज़ों से लगातार एलर्जी गले में खराश बनाए रख सकती है।
  • धुआं और प्रदूषण- सिगरेट का धुआं या रसायनों के लंबे समय तक संपर्क में रहना गले की खराश को स्थायी बना सकता है।
  • जीईआरडी (एसिड रिफ्लक्स)- जब पेट का एसिड भोजन नली में आकर जलन पैदा करता है तो यह गले को भी प्रभावित करता है।
  • लैरिंजो फैरिंजीयल रिफ्लक्स (एलपीआर)- इसमें पेट का एसिड सीधे गले तक पहुंच जाता है, जिससे लगातार खराश बनी रहती है।

लक्षण जो बताते हैं समस्या गंभीर है

गले में लंबे समय तक खराश के साथ कुछ लक्षण अगर दिखें तो यह किसी गंभीर बीमारी की ओर इशारा कर सकते हैं।

  • निगलने में कठिनाई या गले में कुछ अटकने का एहसास।
  • आवाज़ का बैठ जाना या लगातार भारी रहना।
  • गले में दर्द और खुजली।
  • गर्दन की ग्रंथियों का सूज जाना।
  • आवाज़ का कमजोर होना और जल्दी थक जाना।

कैसे की जाती है जांच

डॉक्टर गले की खराश के कारणों को समझने के लिए कुछ टेस्ट करवाते हैं।

  • रैपिड एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट- इससे स्ट्रेप थ्रोट जैसे बैक्टीरियल इंफेक्शन की पहचान होती है।
  • थ्रोट कल्चर- इसमें जांच की जाती है कि संक्रमण वायरस, बैक्टीरिया या फंगल में से किस वजह से है।

इन जांचों से यह साफ हो जाता है कि खराश सामान्य है या किसी गंभीर बीमारी का संकेत।

लापरवाही न करें

गले की खराश को अक्सर लोग मामूली समस्या मानकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं। लेकिन अगर यह लंबे समय तक बनी रहे और इसके साथ अन्य लक्षण भी दिखाई दें तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। समय पर ईएनटी विशेषज्ञ से संपर्क करना बेहद जरूरी है ताकि असली वजह सामने आ सके और सही इलाज शुरू किया जा सके।

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