सोलर पैनल और उपकरणों पर GST 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है, जिससे इनकी कीमतें सस्ती हो गईं। 22 सितंबर 2025 से नया रेट लागू होगा। इस फैसले से घरेलू और कारोबारी ग्राहकों को सीधी बचत होगी, सोलर इंस्टॉलेशन की डिमांड बढ़ेगी और देश के ग्रीन एनर्जी मिशन को गति मिलेगी।
GST on Solar Panels: सरकार ने 3 सितंबर 2025 को बड़ा फैसला लेते हुए सोलर पैनल और संबंधित उपकरणों पर जीएसटी घटाकर 12% से 5% कर दिया। यह बदलाव 22 सितंबर से लागू होगा। इससे ग्राहकों के लिए इंस्टॉलेशन की लागत घटेगी, जैसे 5KW सिस्टम पर करीब ₹17,500 की सीधी बचत होगी। इससे न सिर्फ घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली बिल में राहत मिलेगी बल्कि किसानों और व्यवसायों को भी फायदा होगा। साथ ही, बढ़ती डिमांड भारत के क्लीन एनर्जी और नेट-ज़ीरो टारगेट्स को भी मजबूत करेगी।
वित्त मंत्री का ऐलान
3 सितंबर की रात वित्त मंत्री ने GST दरों में कटौती का ऐलान किया। इसके तहत सोलर पैनल, सोलर इन्वर्टर, सोलर वाटर हीटर, विंडमिल और बायोगैस प्लांट जैसे उपकरणों पर अब केवल 5 प्रतिशत GST लगेगा। नई दरें 22 सितंबर 2025 से लागू होंगी। हालांकि इंस्टॉलेशन और कमीशनिंग जैसी सेवाओं पर पहले की तरह 18 प्रतिशत जीएसटी ही रहेगा।
किन चीजों पर घटा GST
सरकार ने साफ किया है कि सोलर और अन्य ग्रीन एनर्जी उपकरणों पर कर घटाने का उद्देश्य लोगों को नवीकरणीय ऊर्जा अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। अब 5 प्रतिशत GST इन पर लागू होगा।
- सोलर सेल्स और मॉड्यूल्स।
- सोलर कूकर, सोलर लैम्प, सोलर वाटर हीटर।
- सोलर इन्वर्टर और हाउस लाइटिंग किट।
- सोलर पावर जेनरेटिंग सिस्टम।
- विंडमिल और विंड-चालित बिजली उपकरण।
- बायोगैस और वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट।
किसानों और छोटे बिजनेस को राहत
सिर्फ घरों तक ही नहीं बल्कि किसानों और छोटे कारोबारियों को भी इस फैसले से बड़ा फायदा मिलेगा। किसान अब सोलर पंप और माइक्रो-इरिगेशन सिस्टम कम कीमत पर खरीद पाएंगे। छोटे व्यापारियों और दुकानदारों के लिए सोलर इन्वर्टर और पावर जेनरेटिंग सिस्टम सस्ता हो जाएगा। इससे ग्रामीण इलाकों में बिजली की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकेगा।
ग्रीन एनर्जी मिशन को बढ़ावा
भारत सरकार ने 2070 तक नेट-ज़ीरो उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है। इसके लिए सोलर और पवन ऊर्जा जैसे विकल्पों को बढ़ावा देना बेहद जरूरी है। सोलर पैनल और उपकरण सस्ते होने से इनकी मांग तेजी से बढ़ेगी। घरेलू और औद्योगिक स्तर पर इनकी इंस्टॉलेशन बढ़ने से कोयले पर निर्भरता घटेगी और प्रदूषण में कमी आएगी।
इंस्टॉलेशन सेवाओं पर अलग GST
यह ध्यान रखना जरूरी है कि सोलर पैनल या उपकरण पर तो 5 प्रतिशत GST लगेगा लेकिन उनकी इंस्टॉलेशन और कमीशनिंग सेवाओं पर अभी भी 18 प्रतिशत GST ही लागू होगा। यानी अगर कोई कंपनी इंस्टॉलेशन का पैकेज देती है तो ग्राहक को उस हिस्से पर ज्यादा टैक्स देना होगा।
सब्सिडी से और सस्ता होगा सिस्टम
केंद्र और राज्य सरकारें पहले से ही सोलर पैनल पर सब्सिडी दे रही हैं। नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) की कई योजनाओं के तहत घरेलू उपभोक्ताओं और किसानों को इंस्टॉलेशन पर 20 से 40 प्रतिशत तक की सब्सिडी मिलती है। अब GST घटने के बाद सब्सिडी जोड़ने से ग्राहकों की जेब पर बोझ और कम होगा।
सोलर पैनल लगाने वाले उपभोक्ताओं को नेट मीटरिंग सुविधा का भी फायदा मिलेगा। यानी दिन में अगर पैनल से अतिरिक्त बिजली बनेगी तो उसे ग्रिड को बेचा जा सकता है। इससे बिजली बिल में और कटौती होगी। कई राज्यों में उपभोक्ता इस सुविधा से हर महीने हजारों रुपये तक बचा रहे हैं।
उद्योग जगत में खुशी
GST दरें घटने की घोषणा के बाद सोलर उद्योग से जुड़े संगठनों ने इसे ऐतिहासिक कदम बताया। उनका कहना है कि इससे डिमांड बढ़ेगी, उत्पादन में तेजी आएगी और रोजगार के अवसर भी बनेंगे। विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले महीनों में सोलर इंस्टॉलेशन की संख्या कई गुना बढ़ सकती है।