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GST Reforms 2025: मोदी सरकार पर बरसे खरगे, किसानों पर टैक्स को लेकर उठाया सवाल

GST Reforms 2025: मोदी सरकार पर बरसे खरगे, किसानों पर टैक्स को लेकर उठाया सवाल

GST 2025 में नई टैक्स दरें लागू। 5% और 18% स्लैब से जरूरी वस्तुएँ सस्ती होंगी। हेल्थ इंश्योरेंस को फायदा। कांग्रेस ने किसानों पर टैक्स लगाने पर केंद्र सरकार की आलोचना की।

GST 2025: केंद्रीय जीएसटी काउंसिल ने 22 सितंबर से लागू होने वाली नई जीएसटी दरों को मंजूरी दे दी है। इस बार की बैठक में दो स्तरीय टैक्स स्ट्रक्चर को हरी झंडी मिली है। इसमें आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं पर 5% और 18% की दर तय की गई है। इस सुधार का उद्देश्य आम नागरिकों और व्यवसायों के लिए जीएसटी प्रणाली को सरल बनाना और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में कमी लाना है।

विशेष रूप से हेल्थ इंश्योरेंस लेने वाले लोगों को इस नई व्यवस्था से अधिक लाभ मिलने की उम्मीद है। जीएसटी सुधार की इस पहल की बीजेपी नेताओं ने सराहना की है, जबकि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार पर तीखा हमला बोला है।

बीजेपी ने GST सुधार का किया स्वागत

सरकार और बीजेपी नेताओं का कहना है कि नई टैक्स दरें जनता के लिए राहत देने वाली हैं। 5% और 18% की दो स्तरीय प्रणाली लागू होने से खासकर आवश्यक वस्तुएँ और स्वास्थ्य बीमा जैसी सेवाओं की कीमतों में कमी आएगी। इसके अलावा, छोटे व्यवसायों और MSMEs के लिए compliances भी आसान किए जाएंगे।

बीजेपी का यह दावा है कि GST सुधार से बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी और टैक्स चोरी की संभावना कम होगी। इसके साथ ही सरकार उम्मीद कर रही है कि यह कदम देश में निवेश और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।

कांग्रेस ने साधा निशाना

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने एक दशक की वकालत के बावजूद GST को सरल बनाने के बजाय इसे और जटिल बना दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने पहली बार किसानों पर भी टैक्स लगाया।

खरगे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया कि मोदी सरकार ने “One Nation, One Tax” के सिद्धांत को बदलकर “One Nation, Nine Taxes” बना दिया। उन्होंने कहा कि इसमें 0%, 5%, 12%, 18%, 28% के स्लैब और 0.25%, 1.5%, 3% व 6% की विशेष दरें शामिल हैं।

GST सुधार से जुड़ी कांग्रेस की मांगें

मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस लगभग दस वर्षों से GST में सुधार की मांग कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 2019 और 2024 के घोषणापत्रों में सरल और तर्कसंगत कर व्यवस्था के साथ GST 2.0 की आवश्यकता बताई थी।

खरगे ने बताया कि MSMEs और छोटे व्यवसायों पर जटिल compliances का बहुत बुरा असर पड़ा। इस कारण से उनकी आय और व्यवसाय प्रभावित हुआ। कांग्रेस का मानना है कि नया दो स्तरीय टैक्स सिस्टम जरूर राहत देगा, लेकिन पहले किसानों और छोटे व्यवसायों के हितों का ध्यान रखा जाना चाहिए था।

किसानों और MSMEs पर प्रभाव

GST की जटिल दरें और compliances किसानों और छोटे व्यवसायों को कठिनाइयों में डालती थीं। कई आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स की अधिक दर होने से ग्रामीण इलाकों में वस्तुओं की कीमतें बढ़ती थीं। इसके कारण किसानों की आय पर भी असर पड़ता था।

अब 5% और 18% की दो स्तरीय प्रणाली लागू होने से किसानों और छोटे व्यवसायों को राहत मिलने की संभावना है। हेल्थ इंश्योरेंस और आवश्यक वस्तुएँ भी सस्ती होंगी। हालांकि कांग्रेस का कहना है कि सरकार को पहले किसानों की परेशानियों को हल करना चाहिए था।

सरकार का नजरिया

केंद्र सरकार का दावा है कि यह सुधार टैक्स सिस्टम को सरल और पारदर्शी बनाएगा। इसके अलावा, व्यापारियों और उद्योगपतियों के लिए compliances आसान होंगे। नए दो स्तरीय टैक्स सिस्टम से जीएसटी के जटिल स्लैब घटेंगे और आवश्यक वस्तुओं की कीमतें कम होंगी।

सरकार का उद्देश्य GST संग्रह बढ़ाना और देश की अर्थव्यवस्था में निवेश को बढ़ावा देना है। हेल्थ इंश्योरेंस जैसे सेक्टरों में भी टैक्स दर कम होने से आम जनता को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।

कांग्रेस और बीजेपी की राजनीतिक बहस

GST सुधार को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच राजनीतिक बहस तेज हो गई है। जहां बीजेपी इसे जनता और व्यापार के लिए सुधार बता रही है, वहीं कांग्रेस इसे किसानों और छोटे व्यवसायों के लिए नुकसानदेह करार दे रही है।

मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सरकार ने GST को “One Nation, Nine Taxes” बना दिया, जो पहले के “One Nation, One Tax” के सिद्धांत के विपरीत है। उनका आरोप है कि सरकार केवल संग्रह बढ़ाने पर ध्यान दे रही है, जनता और किसानों के हितों की अनदेखी कर रही है।

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