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गुजरात में साइबर जालसाजों का बड़ा खेल: बुजुर्ग से डिजिटल अरेस्ट के बहाने ठगे 19.24 करोड़ रुपये

गुजरात में साइबर जालसाजों का बड़ा खेल: बुजुर्ग से डिजिटल अरेस्ट के बहाने ठगे 19.24 करोड़ रुपये

गुजरात के गांधीनगर में साइबर अपराधियों ने हाई-प्रोफाइल ठगी को अंजाम देते हुए एक बुजुर्ग से 19.24 करोड़ रुपये की ठगी कर डाली। ठगों ने खुद को सरकारी एजेंसियों का अधिकारी बताकर पीड़ित को 'डिजिटल अरेस्ट' की धमकी दी और तीन महीने तक किश्तों में भारी रकम वसूली। इस मामले में सूरत के एक व्यापारी को गिरफ्तार किया गया है, जिसके बैंक खाते में एक करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे।

बुजुर्ग को बनाया निशाना

मामला मार्च 2025 से शुरू हुआ था। पीड़ित को फोन कर बताया गया कि उनका मोबाइल नंबर आपत्तिजनक गतिविधियों में इस्तेमाल हुआ है और उन पर धन शोधन व आयकर उल्लंघन जैसे गंभीर आरोप हैं। साइबर ठगों ने वीडियो और ऑडियो कॉल के ज़रिए खुद को कानून प्रवर्तन एजेंसियों का अधिकारी बताते हुए कहा कि उन पर कार्रवाई की जा सकती है।

लगातार डर और धमकी के चलते पीड़ित ने तीन महीनों तक करीब 19.24 करोड़ रुपये 30 से ज्यादा अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए। यह ठगी बेहद सुनियोजित तरीके से अंजाम दी गई, जिसमें पीड़ित को मानसिक रूप से पूरी तरह भयभीत किया गया।

आरोपी व्यापारी गिरफ्तार

गांधीनगर सीआईडी (अपराध) के पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि मामले में सूरत निवासी 30 वर्षीय व्यापारी लालजी बलदानिया को गिरफ्तार किया गया है। जांच में सामने आया कि बलदानिया के बैंक खाते में ठगी की एक करोड़ रुपये की राशि जमा हुई थी।

पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह नोएडा में कुछ साइबर अपराधियों के संपर्क में आया था। उन्हीं के कहने पर उसने ‘मुरलीधर मैन्युफैक्चरिंग’ नाम से पंजीकृत अपने बैंक खाते का उपयोग ठगी की रकम लेने के लिए किया।

फिलहाल पुलिस अन्य बैंक खाताधारकों और कॉल करने वाले साइबर जालसाजों की पहचान करने में जुटी है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जाएगा।

डिजिटल अरेस्ट का नया ट्रेंड

पुलिस का कहना है कि यह नया साइबर फ्रॉड का तरीका है, जिसे 'डिजिटल अरेस्ट' कहा जा रहा है। इसमें ठग पहले पीड़ित को यह यकीन दिलाते हैं कि उन्होंने कोई गंभीर डिजिटल अपराध किया है, फिर फर्जी गिरफ्तारी की धमकी देकर उन्हें लगातार पैसे देने को मजबूर करते हैं।

यह मामला साइबर ठगी के बढ़ते खतरों और तकनीकी अपराधों की जटिलता को दिखाता है। पुलिस ने आम लोगों को चेतावनी दी है कि वे किसी भी अज्ञात कॉल या संदेश पर विश्वास न करें और किसी भी तरह की धमकी मिलने पर तुरंत साइबर क्राइम सेल को सूचित करें।

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