भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और सीमा पर संघर्ष के बीच, भारत का हारोप ड्रोन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह ड्रोन विशेष रूप से पाकिस्तान जैसे दुश्मन देशों के खिलाफ युद्ध स्थितियों में उपयोगी साबित हो सकता है।
नई दिल्ली: भारतीय रक्षा क्षेत्र में एक नया और प्रभावशाली हथियार चर्चा में है, जो युद्ध की स्थिति में पाकिस्तान के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकता है। यह हथियार है हारोप ड्रोन, जिसे इजराइल द्वारा विकसित किया गया है और अब भारत भी इसका इस्तेमाल कर रहा है। इस ड्रोन की विशेषताएँ इसे युद्ध के मैदान में एक खतरनाक और निर्णायक उपकरण बनाती हैं।
हारोप ड्रोन क्या है?
IAI हारोप ड्रोन, जिसे इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) ने बनाया है, एक मानवरहित आत्मघाती ड्रोन है। यह ड्रोन 2.5 मीटर लंबा और इसके पंखों का फैलाव तीन मीटर है। यह ड्रोन लगभग 20 किलोग्राम विस्फोटक ले जाने की क्षमता रखता है और लगभग सात घंटे तक हवा में उड़ सकता है। खास बात यह है कि यह ड्रोन हवा में उड़ते हुए अपने लक्ष्य का इंतजार करता है और जब उसे ऑपरेटर से आदेश मिलता है, तब यह घात लगाकर हमला करता है। यह ड्रोन 1000 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकता है और एक बार लक्ष्य पर पहुंचने के बाद इसका हमला भयंकर होता है।
हारोप ड्रोन की विशेषताएं
- आत्म-निर्देशित: यह ड्रोन बिना किसी मानव हस्तक्षेप के अपने लक्ष्य को पहचानकर उस पर हमला करता है।
- उच्च गति: हारोप ड्रोन की गति अत्यधिक है, जिससे इसे दुश्मन के ठिकानों तक पहुँचने में कम समय लगता है।
- अत्याधुनिक सेंसर्स: इसमें ऐसे सेंसर्स होते हैं जो इसे किसी भी प्रकार की रडार या कवर के बावजूद अपने लक्ष्य को पहचानने में सक्षम बनाते हैं।
- सटीक हमला: हारोप मिसाइल के जरिए सटीक हमले करता है, जिससे दुश्मन के महत्वपूर्ण ठिकाने तबाह हो सकते हैं।
- स्वायत्त नियंत्रण: यह ड्रोन मानव नियंत्रण से स्वतंत्र है और पूरी तरह से स्वायत्त होता है, जिससे यह कम से कम समय में बड़े पैमाने पर प्रभावी कार्रवाई कर सकता है।
हारोप ड्रोन का हमला तरीका
हारोप ड्रोन का काम करने का तरीका बेहद प्रभावशाली और खतरनाक है। यह एक "लोइटरिंग म्यूनिशन" है, जिसका मतलब है कि यह अपने लक्ष्य का पीछा करता रहता है, जब तक कि लक्ष्य सामने न आ जाए। यह ड्रोन अपने लक्ष्य के ऊपर मंडराते हुए उसपर हमला करता है। यह अपनी लोकेशन और लक्ष्य के बारे में ऑपरेटर से मिली जानकारी के आधार पर स्वचालित तरीके से अपना हमला करता है, जिससे यह दुश्मन के लिए बेहद कठिन और अप्रत्याशित बन जाता है।
भारत का हारोप ड्रोन
भारत ने अपने रक्षा क्षेत्र में कई तरह के उन्नत हथियारों का समावेश किया है, और हारोप ड्रोन उनमें से एक है। भारतीय सेना ने इसे इजराइल से खरीदा है और यह भारतीय सेना के लिए एक अहम रणनीतिक हथियार बन चुका है। पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बीच, हारोप ड्रोन भारत को एक महत्वपूर्ण युद्ध उपकरण प्रदान करता है। यह ड्रोन पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों और सैन्य अभियानों पर प्रभावी हमला करने में सक्षम है।
हारोप ड्रोन का प्रमुख फायदा यह है कि यह दुश्मन की ओर से की जाने वाली किसी भी प्रतिक्रिया से पहले ही हमला कर सकता है। इसका निरंतर उड़ना और दुश्मन के खिलाफ घातक हमला करना इसे एक अत्यंत प्रभावी और ताकतवर हथियार बनाता है। इस ड्रोन की रणनीतिक भूमिका खासकर उस समय अहम होती है, जब युद्ध के हालात बने होते हैं और आतंकवादियों या दुश्मन के ठिकानों पर सटीक हमला जरूरी हो।
भारत के अलावा अन्य देशों के पास हारोप ड्रोन
इजराइल के अलावा, इस ड्रोन का उपयोग भारत और अज़रबैजान कर रहे हैं। भारत ने अपनी सीमाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस अत्याधुनिक ड्रोन को अपनी सेना के arsenals में शामिल किया है। अज़रबैजान ने भी अपने सैन्य अभियानों में हारोप ड्रोन का उपयोग किया है, खासकर नागोर्नो-कराबाख युद्ध के दौरान।
पाकिस्तान के लिए खतरा
हारोप ड्रोन पाकिस्तान के लिए एक बड़ा खतरा हो सकता है। क्योंकि यह ड्रोन दुश्मन की सीमाओं के भीतर गहरे प्रवेश कर सकता है और बिना किसी चेतावनी के हमला कर सकता है। पाकिस्तान की सीमाओं पर लगातार बढ़ते तनाव और भारत द्वारा आतंकवादी ठिकानों पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद, यह ड्रोन पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना की एक महत्वपूर्ण ताकत बन सकता है।