हार्ट में ब्लड क्लॉट बनना एक गंभीर स्थिति है जो खून के बहाव को रोककर हार्ट अटैक या स्ट्रोक का कारण बन सकती है। खराब खानपान, धूम्रपान, मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता इसके प्रमुख कारण हैं। इसके लक्षणों में सीने में दर्द, सांस फूलना, धड़कन अनियमित होना और अचानक पसीना आना शामिल हैं। समय पर पहचान और इलाज से खतरा टाला जा सकता है।
Blood Clot In Heart: दिल में ब्लड क्लॉट बनना दुर्लभ लेकिन खतरनाक स्थिति है, जिसमें खून का थक्का जमकर हार्ट तक ऑक्सीजन की सप्लाई रोक देता है। अपोलो अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. वरुण बंसल के मुताबिक, असंतुलित खानपान, स्मोकिंग, शराब, मोटापा, डायबिटीज़ और हाई ब्लड प्रेशर इसके बड़े कारण हैं। मरीज को सीने में दर्द, अचानक पसीना, थकान, सांस फूलना और अनियमित धड़कन जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। इन संकेतों को नज़रअंदाज़ करना जानलेवा साबित हो सकता है, इसलिए समय रहते डॉक्टर की सलाह और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बेहद जरूरी है।
हार्ट में ब्लड क्लॉट बनने का कारण
जब खून सामान्य रूप से बहने के बजाय जमने लगता है और गाढ़ा होकर थक्का बना लेता है तो इसे ब्लड क्लॉट कहते हैं। यह क्लॉट खून के बहाव को रोक देता है और दिल तक ऑक्सीजन पहुंचना कम हो जाता है। यही वजह है कि हार्ट ब्लड क्लॉट हार्ट फेलियर या हार्ट अटैक की वजह बन सकता है।
डॉक्टरों के अनुसार खराब खानपान इसका सबसे बड़ा कारण है। ज्यादा तैलीय खाना, फास्ट फूड और मीठे की अधिक मात्रा खून में कोलेस्ट्रॉल बढ़ा देती है। धीरे-धीरे यह कोलेस्ट्रॉल नसों की दीवारों पर जमने लगता है। परिणामस्वरूप खून का बहाव बाधित होता है और क्लॉट बनने का खतरा बढ़ जाता है।
पानी की कमी से थक्का बनने का रिस्क
डॉक्टर वरुण बंसल बताते हैं कि लंबे समय तक बैठे रहना या शरीर को एक्टिव न रखना भी ब्लड क्लॉट बनने की स्थिति पैदा करता है। जब शरीर में ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो जाता है तो खून नसों में ठहर सकता है और थक्का बन सकता है।
इसके अलावा धूम्रपान और शराब का सेवन खून को गाढ़ा बना देता है। डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी भी इस समस्या को बढ़ा देती है।
किन बीमारियों में बढ़ता है खतरा
ब्लड क्लॉट बनने का खतरा उन लोगों में ज्यादा होता है जिन्हें शुगर, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा या हार्मोनल असंतुलन जैसी बीमारियां हैं। हार्ट डिजीज के मरीजों में यह जोखिम और भी बढ़ जाता है। इन स्थितियों में खून का प्रवाह पहले से ही प्रभावित होता है और क्लॉट बनने की संभावना अधिक हो जाती है।
शुरुआती लक्षण कैसे पहचानें
हार्ट में ब्लड क्लॉट बनने पर शरीर कई तरह के संकेत देता है। सबसे आम लक्षण है सीने में दर्द या दबाव महसूस होना। अचानक सीने में जलन, भारीपन या चुभन भी इसके संकेत हो सकते हैं।
सांस फूलना या थोड़ी सी मेहनत पर भी थकान महसूस होना दूसरा बड़ा लक्षण है। कई मरीजों में अचानक पसीना आना, चक्कर आना या कमजोरी भी दिखाई देती है।
गंभीर संकेतों पर ध्यान दें
अगर दिल की धड़कन अनियमित हो जाए या बिना काम किए भी व्यक्ति थका हुआ महसूस करे तो यह भी हार्ट में ब्लड क्लॉट का लक्षण हो सकता है। कई बार मरीज को अचानक ठंडा पसीना आने लगता है।
कुछ मामलों में खून की सप्लाई दिमाग तक कम हो जाती है, जिससे चक्कर या बेहोशी की स्थिति हो सकती है। अगर क्लॉट पैरों से हार्ट की ओर बढ़ रहा है तो पैरों में सूजन या दर्द भी इसके संकेत हैं।
खतरे को नजरअंदाज न करें
विशेषज्ञ मानते हैं कि ब्लड क्लॉट के लक्षण सामान्य बीमारियों जैसे एसिडिटी, थकान या सांस की समस्या जैसे लग सकते हैं। लेकिन अगर ये बार-बार दोहराए जाएं तो इन्हें हल्के में नहीं लेना चाहिए। समय रहते पहचान कर इलाज करना बेहद जरूरी है।
आज के समय में भागदौड़ भरी जिंदगी और तनाव ने दिल की सेहत पर गहरा असर डाला है। लोग ऑफिस या घर में घंटों बैठे रहते हैं, जिससे खून का प्रवाह धीमा हो जाता है। ऊपर से तैलीय खाना, नींद की कमी और शारीरिक निष्क्रियता इस समस्या को और गंभीर बना देती है।