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HDFC Bank FD Rate 2025: जून में दो बार ब्याज दरें घटीं, जानें नई ब्याज दरें

HDFC Bank FD Rate 2025: जून में दो बार ब्याज दरें घटीं, जानें नई ब्याज दरें

HDFC Bank FD Rate 2025: HDFC बैंक ने जून महीने में दूसरी बार फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर मिलने वाली ब्याज दरों में कटौती की घोषणा की है।

देश के प्रमुख प्राइवेट सेक्टर बैंक HDFC बैंक ने अपने ग्राहकों को एक और झटका दे दिया है। जून महीने में दूसरी बार बैंक ने फिक्स्ड डिपॉजिट यानी FD और सेविंग्स अकाउंट पर मिलने वाली ब्याज दरों में कटौती कर दी है। बैंक की तरफ से यह जानकारी दी गई कि नई ब्याज दरें 25 जून 2025 से लागू हो चुकी हैं। इससे पहले 10 जून को भी बैंक ने कुछ चुनिंदा एफडी अवधियों पर ब्याज दरें घटाई थीं।

इस बार बैंक ने न सिर्फ फिक्स्ड डिपॉजिट की दरों में बदलाव किया है, बल्कि सेविंग्स अकाउंट पर भी मिलने वाले ब्याज को घटा दिया गया है। लगातार दो बार की गई कटौती ने ग्राहकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है, खासकर उन निवेशकों को जो अपनी बचत को सुरक्षित जगह लगाने की सोच रहे थे।

FD की दरों में बदलाव की पूरी डिटेल

HDFC बैंक ने जानकारी दी है कि अब 15 महीने से कम और 18 महीने से अधिक की अवधि की फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दर सामान्य ग्राहकों के लिए 6.60 प्रतिशत से घटाकर 6.35 प्रतिशत कर दी गई है। वहीं, सीनियर सिटीजन ग्राहकों को इस अवधि के लिए पहले 7.10 प्रतिशत मिल रहा था, जिसे घटाकर अब 6.85 प्रतिशत कर दिया गया है।

बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध लेटेस्ट जानकारी के अनुसार, अब बैंक 7 दिन से लेकर 10 साल तक की एफडी पर सामान्य ग्राहकों को 2.75 प्रतिशत से लेकर अधिकतम 6.60 प्रतिशत तक का ब्याज दे रहा है। वहीं, वरिष्ठ नागरिकों को इस पर 3.25 प्रतिशत से लेकर 7.10 प्रतिशत तक का रिटर्न मिल रहा है।

सेविंग्स अकाउंट पर भी कम हुआ फायदा

एफडी के अलावा बैंक ने सेविंग्स खाताधारकों को मिलने वाले ब्याज पर भी कैंची चला दी है। 24 जून 2025 से बैंक ने सभी सेविंग्स अकाउंट बैलेंस पर मिलने वाली ब्याज दर में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की है। पहले जहां ग्राहकों को सालाना 2.75 प्रतिशत का ब्याज मिलता था, अब यह घटकर 2.50 प्रतिशत रह गया है।

यह ब्याज दर ग्राहकों के सेविंग्स अकाउंट के दैनिक बैलेंस पर लागू होती है और इसका भुगतान तिमाही आधार पर किया जाता है। यानी ग्राहकों को हर तीन महीने में उनके सेविंग्स अकाउंट पर मिलने वाला ब्याज अब कम मिलेगा।

RBI की पॉलिसी बदली तो बैंक ने भी घटाई दरें

ब्याज दरों में इस बदलाव का मुख्य कारण भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति है। आरबीआई ने हाल ही में अपने रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती की थी, जिससे यह 6 प्रतिशत से घटकर 5.5 प्रतिशत हो गया। रेपो रेट वह दर होती है जिस पर केंद्रीय बैंक दूसरे बैंकों को लोन देता है। जब यह दर घटती है, तो बैंकों की फंडिंग कॉस्ट यानी फंड की लागत घट जाती है।

इसी के चलते HDFC बैंक ने भी अपने ग्राहकों को मिलने वाले ब्याज में बदलाव किया है, ताकि बैंक अपनी कॉस्ट को बैलेंस कर सके। यह कदम उन लोगों के लिए झटका है, जो कम जोखिम वाले इनवेस्टमेंट ऑप्शन जैसे FD को प्राथमिकता देते हैं।

ग्राहकों की जेब पर पड़ेगा सीधा असर

ब्याज दरों में यह कटौती सीधे तौर पर उन लोगों को प्रभावित करेगी, जो अपनी सेविंग्स को फिक्स्ड डिपॉजिट में रखते हैं या फिर बैंक सेविंग्स अकाउंट में बड़ी रकम बनाए रखते हैं। अब इन्हें अपने निवेश पर पहले की तुलना में कम रिटर्न मिलेगा। खासकर सीनियर सिटीजन के लिए यह कटौती चिंता का विषय है, क्योंकि उनकी आय का एक बड़ा हिस्सा ब्याज पर निर्भर होता है।

लंबी अवधि वाले निवेशकों को सोचना होगा दोबारा

बाजार के जानकारों के मुताबिक, ब्याज दरों में यह बदलाव आने वाले समय में और भी देखने को मिल सकते हैं, अगर आरबीआई अपनी मौद्रिक नीति को ढीला रखने की दिशा में कदम बढ़ाता है। बैंक के इस फैसले के बाद अब वे ग्राहक जो 1 से 3 साल की अवधि की FD करने की सोच रहे हैं, उन्हें मिलने वाला रिटर्न अब पहले से कम हो जाएगा।

इसका असर केवल आम ग्राहकों पर ही नहीं, बल्कि संस्थागत निवेशकों और कंपनियों की कैश मैनेजमेंट प्लानिंग पर भी पड़ेगा। FD दरों में गिरावट का असर कॉरपोरेट फंडिंग फैसलों तक पहुंच सकता है।

अभी किन अवधि की FD पर मिल रही कितनी ब्याज दर

  • 7 से 14 दिन: 2.75 प्रतिशत (सीनियर सिटीजन: 3.25 प्रतिशत)
  • 15 से 29 दिन: 3.00 प्रतिशत (सीनियर सिटीजन: 3.50 प्रतिशत)
  • 30 से 45 दिन: 3.50 प्रतिशत (सीनियर सिटीजन: 4.00 प्रतिशत)
  • 46 से 60 दिन: 4.25 प्रतिशत (सीनियर सिटीजन: 4.75 प्रतिशत)
  • 61 दिन से 6 महीने: 4.75 प्रतिशत (सीनियर सिटीजन: 5.25 प्रतिशत)
  • 6 महीने 1 दिन से 9 महीने: 5.75 प्रतिशत (सीनियर सिटीजन: 6.25 प्रतिशत)
  • 1 साल से 15 महीने: 6.60 प्रतिशत (सीनियर सिटीजन: 7.10 प्रतिशत)
  • 15 महीने से कम और 18 महीने से ज़्यादा: 6.35 प्रतिशत (सीनियर सिटीजन: 6.85 प्रतिशत)

बैंकिंग सेक्टर में बढ़ सकती है ब्याज दर

HDFC बैंक के इस कदम के बाद माना जा रहा है कि दूसरे निजी और सरकारी बैंक भी अपनी ब्याज दरों में बदलाव कर सकते हैं। खासकर अगर आरबीआई आगे भी रेपो रेट में कटौती करता है, तो फिक्स्ड इनकम स्कीम्स पर मिलने वाले रिटर्न में और गिरावट संभव है।

बैंकिंग सेक्टर में यह एक बड़ा ट्रेंड बन सकता है, जहां फिक्स्ड डिपॉजिट और सेविंग्स अकाउंट पर ब्याज धीरे-धीरे घटता जाए और ग्राहकों को अपनी बचत की प्लानिंग में बदलाव करना पड़े।

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