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हिमाचल की आपदा पर सियासत गरम, जयराम ठाकुर का सीएम सुक्खू पर तीखा वार

हिमाचल की आपदा पर सियासत गरम, जयराम ठाकुर का सीएम सुक्खू पर तीखा वार

हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश और भूस्खलन के चलते पैदा हुई भयावह स्थिति के बीच राजनीतिक घमासान भी तेज हो गया है। मंडी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर जमकर निशाना साधा।

मंडी: हिमाचल प्रदेश इन दिनों भारी बारिश, भूस्खलन और तबाही के कहर से जूझ रहा है। हजारों लोग बेघर हो गए हैं, सैकड़ों सड़कें बंद हैं, बिजली-पानी का संचार ठप पड़ा है, और कई इलाकों में अब भी फंसे लोगों की सुध लेने वाला कोई नजर नहीं आ रहा। इस प्राकृतिक आपदा के बीच सियासत भी गरमा गई है। मंडी में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर जमकर हमला बोला। 

उन्होंने कहा कि जब पूरा प्रदेश आपदा की चपेट में कराह रहा है, मुख्यमंत्री महज औपचारिकता निभा रहे हैं। जयराम ठाकुर ने कहा, ऐसा मुख्यमंत्री मिलना भी एक त्रासदी है, जो सिर्फ हेलीपैड तक जाकर लौट आते हैं, जबकि असली दर्द उन गांवों में छिपा है जो पूरी तरह तबाह हो गए हैं।

ग्रामीणों की अनदेखी का आरोप

जयराम ठाकुर ने कहा कि पहाड़ी इलाकों में बसे गांवों की हालत बेहद खराब है। वहां न सड़क बची है, न पुल, और न ही बिजली-पानी। लोगों के पास राहत सामग्री तक नहीं पहुंच पा रही। उन्होंने बताया कि उन्होंने खुद पैदल चलकर कई गांवों में जाकर स्थिति देखी, जहां लोग रो-रोकर अपनी आपबीती सुना रहे हैं।नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री न तो प्रभावितों से संवाद कर पा रहे हैं और न ही प्रशासनिक तंत्र को जमीन पर सक्रिय कर पा रहे हैं। 

जयराम ने कहा कि उन्होंने छह बार मुख्यमंत्री को फोन करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। लैंडलाइन पर भी कहा गया कि फोन ऊपर नहीं दिया जाएगा।

सराज में तबाही, 21 लोग लापता

जयराम ठाकुर ने अपने गृह क्षेत्र सराज का जिक्र करते हुए कहा कि यह इलाका 25 साल पीछे चला गया है। उन्होंने बताया कि सराज, नाचन, करसोग और मंडी सदर सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

  • सराज में 9 शव बरामद हुए हैं और 21 लोग अब भी लापता हैं।
  • नाचन में 8 लोग लापता बताए गए हैं।
  • बागवानों के सेब के बागान बह गए हैं, 400-500 पौधे पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं।
  • 500 से ज्यादा मकान सराज में टूट चुके हैं, जबकि धर्मपुर में 30 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं।
  • जयराम ठाकुर ने कहा कि जंजैहली, थुनाग, कुकलाह, पखरेर जैसे क्षेत्रों में लोग बुरी तरह फंसे हैं।

राहत कार्यों में तेजी की मांग

जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने 6000 करोड़ रुपये की सहायता जारी की है, जिसे पूरी पारदर्शिता और प्राथमिकता के आधार पर खर्च किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को सैटेलाइट फोन जैसे वैकल्पिक संचार साधन तुरंत उपलब्ध कराने चाहिए ताकि संकट में लोग संपर्कविहीन न रहें।उन्होंने चेताया कि अभी भी सैकड़ों सड़कें बंद हैं, बिजली और पानी की आपूर्ति ठप है, और संचार नेटवर्क ध्वस्त है। ऐसे में राशन पहुंचाना भी एक चुनौती बन गया है।

जयराम ने कहा, सरकार राजनीतिक भेदभाव छोड़कर सभी विधायकों से मदद ले, ताकि कोई भी नागरिक इस आपदा में अकेला न महसूस करे। संकट की घड़ी में राजनीति से ऊपर उठकर काम करना चाहिए। जयराम ठाकुर ने हिमाचल की इस आपदा को आंशिक रूप से मानवजनित” भी बताया। उन्होंने कहा कि अवैज्ञानिक निर्माण, पहाड़ियों की कटिंग और जल निकासी के अभाव ने तबाही को कई गुना बढ़ाया।

मुख्यमंत्री के लिए चुनौतीपूर्ण वक्त

नेता प्रतिपक्ष के इस तीखे हमले के बाद मुख्यमंत्री सुक्खू के लिए यह स्थिति और चुनौतीपूर्ण हो गई है। प्रदेश में आपदा से जूझ रहे लोगों का गुस्सा, राहत में देरी और संचार की नाकामी जैसे मुद्दे सरकार की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। फिलहाल लोगों को राहत, सुरक्षित पुनर्वास और संचार बहाली की सबसे बड़ी दरकार है। राज्य सरकार और विपक्ष को मिलकर काम करने की जरूरत है, ताकि इस आपदा की मार झेल रहे हिमाचलवासियों को जल्द राहत मिल सके।

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