हरियाणा में IPS पूरन कुमार की आत्महत्या के नौंवे दिन ASI ने भी सुसाइड कर लिया। कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने सरकार पर निशाना साधते हुए सिस्टम पर भरोसे की कमी और अधिकारियों की सुरक्षा पर सवाल उठाए।
चंडीगढ़: हरियाणा में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के नौवें दिन बुधवार को उनका पोस्टमार्टम पूरा कर दिया गया। इसके बाद उनका अंतिम संस्कार आज शाम चार बजे किया जाएगा। वहीं, इसी मामले की जांच कर रहे एक अन्य ASI ने भी खुदकुशी कर ली है। इस घटनाक्रम ने राज्य में प्रशासनिक संकट और पुलिस अधिकारियों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने इस मामले पर हरियाणा सरकार को निशाना साधते हुए कहा कि अधिकारियों की लगातार आत्महत्या सरकार की सबसे बड़ी विफलता है। उनका कहना है कि यह संकेत है कि सिस्टम पर भरोसा नहीं बचा है और सरकार को इसका जवाब देना चाहिए।
कुमारी सैलजा ने उठाए गंभीर सवाल
सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि आईपीएस पूरन कुमार की मौत के बाद एक और पुलिस अधिकारी ने आत्महत्या की, जो यह दर्शाता है कि अधिकारियों के लिए न्याय और सुरक्षा का भरोसा खत्म हो गया है। उन्होंने सरकार पर दबाव डालते हुए कहा कि यदि राज्य सरकार स्वतंत्र और निष्पक्ष न्याय सुनिश्चित करती, तो इस तरह की घटनाएं बार-बार नहीं होतीं।
सैलजा ने जोर देकर कहा कि यह सिर्फ व्यक्तिगत घटना नहीं है, बल्कि सिस्टम की विफलता और अधिकारियों पर बढ़ते दबाव की बड़ी चेतावनी है। उन्होंने कहा, “सरकार को तुरंत कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में कोई और अधिकारी आत्महत्या जैसी स्थिति में न आए।”
IPS पूरन कुमार का अंतिम संस्कार
आईपीएस पूरन कुमार का पोस्टमार्टम चंडीगढ़ के पीजीआई अस्पताल में मेडिकल बोर्ड की निगरानी में किया गया। पोस्टमार्टम प्रक्रिया में मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में वीडियोग्राफी भी कराई गई। उनका परिवार, कोऑर्डिनेटर रेशम सिंह काहलो ने बताया कि शव को घर लाकर शाम चार बजे अंतिम संस्कार किया जाएगा।
रेशम सिंह काहलो ने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है और परिवार न्याय की मांग में लगातार संघर्ष कर रहा है। उन्होंने सरकार और न्यायालय से अपील की कि अधिकारी की मौत के पीछे के कारणों की निष्पक्ष जांच हो।
लगातार दो पुलिस अधिकारियों की आत्महत्या ने चिंता बढ़ाई
इस मामले ने हरियाणा सरकार और पुलिस प्रशासन के सामने गंभीर चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। लगातार दो पुलिस अधिकारियों की आत्महत्या दर्शाती है कि अधिकारी मानसिक दबाव और सिस्टम में भरोसे की कमी का शिकार हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में मानसिक स्वास्थ्य, कार्यस्थल तनाव और प्रशासनिक दबाव की समीक्षा और सुधार की आवश्यकता है। साथ ही, पुलिस अधिकारियों के लिए मानसिक स्वास्थ्य सहायता और सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले उपाय अपनाना बेहद जरूरी है।