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दिवाली पर लोन लेने वालों को झटका! SBI ने नहीं घटाई ब्याज दरें

दिवाली पर लोन लेने वालों को झटका! SBI ने नहीं घटाई ब्याज दरें

दिवाली से पहले लोन लेने वालों के लिए झटका है। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI ने अक्टूबर 2025 के लिए अपनी MCLR और रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) में कोई बदलाव नहीं किया है। यानी होम लोन, पर्सनल लोन और कार लोन पर ब्याज दरें पहले जैसी ही रहेंगी, जिससे ग्राहकों को EMI में राहत नहीं मिलेगी।

 State bank of india: देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अक्टूबर 2025 में अपनी मार्जिन कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) और रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) को स्थिर रखा है। भारतीय रिजर्व बैंक ने 1 अक्टूबर की मौद्रिक नीति बैठक में रेपो रेट 5.5% पर बनाए रखा था, लेकिन उम्मीद थी कि SBI दिवाली से पहले ब्याज दरें घटा सकता है। बैंक के इस फैसले से नए और पुराने लोन ग्राहकों को EMI में कोई राहत नहीं मिलेगी।

आरबीआई ने रेपो रेट को स्थिर रखा

1 अक्टूबर 2025 को हुई भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया था। केंद्रीय बैंक ने फिलहाल ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया ताकि मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखा जा सके। हालांकि इस साल की शुरुआत में आरबीआई ने रेपो रेट में 1 प्रतिशत (100 बेसिस पॉइंट) की कटौती की थी, लेकिन उसका पूरा असर अब तक बैंकों की लोन दरों में देखने को नहीं मिला है। ऐसे में ग्राहकों को EMI में कोई राहत नहीं मिली है।

SBI ने क्यों नहीं घटाई ब्याज दरें

बैंकिंग विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल बैंकों की फंडिंग कॉस्ट यानी धन जुटाने की लागत अभी भी ऊंची है। इसलिए, बैंक ब्याज दरों में कटौती करने से बच रहे हैं। एसबीआई जैसे बड़े बैंक पहले बाजार के हालात और तरलता की स्थिति पर नजर रखते हैं, फिर दरों में बदलाव करते हैं। यही वजह है कि दिवाली जैसे त्योहारी सीजन में भी बैंक ने अपनी दरें स्थिर रखी हैं।

एसबीआई की नई MCLR दरें

  • SBI ने अपनी नई एमसीएलआर दरें जारी की हैं, जो 7.90 प्रतिशत से 8.85 प्रतिशत के बीच हैं।
  • ओवरनाइट और 1 महीने की एमसीएलआर दर 7.9 प्रतिशत रखी गई है।
  • तीन महीने की दर 8.3 प्रतिशत तय की गई है।
  • छह महीने की दर 8.65 प्रतिशत है।
  • एक साल की एमसीएलआर दर 8.75 प्रतिशत है।
  • दो साल की दर 8.8 प्रतिशत रखी गई है।
  • तीन साल की दर 8.85 प्रतिशत बनी हुई है।

इन दरों का मतलब है कि पुराने ग्राहकों को लोन पर अभी उतना ही ब्याज देना होगा, जितना वे पहले से दे रहे हैं।

MCLR क्या होता है

MCLR यानी मार्जिन कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट, वह आधार दर होती है जिससे बैंक यह तय करते हैं कि ग्राहकों से फ्लोटिंग रेट लोन पर कितना ब्याज लिया जाएगा। अगर बैंक MCLR घटाता है, तो ग्राहकों की EMI कम हो सकती है या लोन जल्दी खत्म हो सकता है। हालांकि अब ज्यादातर नए लोन EBLR (External Benchmark Lending Rate) से जुड़े होते हैं। पुराने ग्राहक चाहें तो MCLR से EBLR में शिफ्ट करने का विकल्प चुन सकते हैं।

होम लोन दरें वही, राहत नहीं

  • एसबीआई ने 1 अगस्त 2025 से लागू अपनी होम लोन ब्याज दरों में भी कोई बदलाव नहीं किया है।
  • सामान्य होम लोन दरें 7.50 प्रतिशत से 8.70 प्रतिशत के बीच हैं।
  • मैक्सगेन ओवरड्राफ्ट लोन दरें 7.75 प्रतिशत से 8.95 प्रतिशत तक हैं।
  • टॉप-अप होम लोन दरें 8.00 प्रतिशत से 10.75 प्रतिशत तक हैं।
  • टॉप-अप ओवरड्राफ्ट लोन दरें 8.25 प्रतिशत से 9.45 प्रतिशत के बीच हैं।

इन दरों से साफ है कि दिवाली पर घर या गाड़ी खरीदने वालों को उम्मीद के मुताबिक ब्याज दरों में कमी नहीं मिली है।

बाजार पर नजर रख रहा है बैंक

एसबीआई के इस फैसले से संकेत मिलता है कि बैंक फिलहाल सावधानी की नीति अपना रहा है। बाजार की स्थिति, महंगाई और तरलता पर नजर रखी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आने वाले महीनों में आर्थिक माहौल स्थिर होता है और महंगाई में कमी आती है, तो बैंक ब्याज दरों में कटौती पर विचार कर सकता है। फिलहाल ग्राहकों को उतनी ही EMI देनी होगी जितनी वे अब तक भर रहे हैं।

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