हरियाणा के नूंह जिले में 22 करोड़ रुपए के विकास घोटाले में महिला बीडीपीओ पूजा शर्मा और ठेकेदार हीरालाल को एंटी करप्शन ब्यूरो ने गिरफ्तार किया। आरोपियों ने मिलकर फर्जी बिल और रिश्वत के जरिए करोड़ों की गड़बड़ी की।
नूंह: फरीदाबाद के मुजेड़ी गांव में विकास कार्यों में 22 करोड़ रुपए की गड़बड़ी के आरोप में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने बीडीपीओ पूजा शर्मा और ठेकेदार हीरालाल को गिरफ्तार किया है। आरोपियों से पूछताछ जारी है और मामले की तहकीकात में कई बड़े खुलासे होने की संभावना है। आरोप है कि दोनों ने मिलीभगत करके फर्जी बिलों के माध्यम से भारी रकम हड़पी और रिश्वत ली।
विकास कार्यों में करोड़ों की गड़बड़ी
एसीबी के अनुसार, मुजेड़ी गांव में 9 अक्टूबर 2020 को तत्कालीन कार्यवाहक सरपंच ब्रहमपाल और ग्राम सचिव जोगेंद्र के साथ मिलकर बीडीपीओ पूजा शर्मा ने बिना प्रशासनिक मंजूरी के विकास कार्यों का ठेका ठेकेदार हीरालाल को दिया। इसमें लगभग 22 करोड़ रुपए की गड़बड़ी सामने आई। जांच में पता चला कि 17 करोड़ 14 लाख रुपए ठेकेदार के विभिन्न कंपनियों के खातों में भेजे गए। इसके अलावा, बीडीपीओ ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए बिना काम कराए 28 करोड़ रुपए विभिन्न फर्म मालिकों के खातों में ट्रांसफर कराए।
पूजा शर्मा ने ग्राम पंचायत के खातों का दुरुपयोग किया
जांच के अनुसार, पूजा शर्मा ने निदेशक विकास एवं पंचायत विभाग पंचकूला द्वारा मुजेड़ी ग्राम पंचायत के खातों को फ्रीज कराने के बावजूद, अपने स्तर पर खातों को खोलकर रसिक बिहारी कंट्रक्शन कंपनी को भुगतान किया। इसके बदले उसने 9 करोड़ 20 लाख रुपए रिश्वत के रूप में हड़प लिए। यह कदम भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा माना जा रहा है।
बीडीपीओ पूजा शर्मा का यह दुरुपयोग स्थानीय प्रशासन की छवि को भी प्रभावित करता है। एसीबी अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों की भी मिलीभगत की संभावना की जांच की जा रही है।
ठेकेदार हीरालाल की धोखाधड़ी
एसीबी अधिकारियों के मुताबिक, ठेकेदार हीरालाल ने भी इस गिरोह के साथ मिलकर नवंबर 2020 में पेड़-पौधे लगाने के नाम पर 43 लाख रुपए की धोखाधड़ी की। जांच में यह भी सामने आया कि नवंबर-दिसंबर के महीने में पेड़-पौधे नहीं लगाए जा सकते थे। बिल जून 2021 में काटे गए, जो स्पष्ट रूप से फर्जीवाड़ा साबित करता है।
इस धोखाधड़ी से पता चलता है कि हीरालाल ने गांव के विकास कार्यों में व्यक्तिगत लाभ के लिए गंभीर नियमों की अनदेखी की। एसीबी का कहना है कि इससे ग्रामीणों और सरकारी खजाने को बड़ा नुकसान हुआ है।
एसीबी की टीम आरोपियों से पूछताछ जारी
एसीबी की टीम फिलहाल दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में और बड़े खुलासे होने की संभावना है। जांच में यह भी सामने आया है कि ग्राम पंचायत के विकास कार्यों में कई अन्य फर्म और लोगों की मिलीभगत हो सकती है।
एसीबी ने कहा है कि आरोपियों के खिलाफ जल्द ही कानूनी कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए पूरी तैयारी की जा रही है। प्राथमिक जांच में ही यह मामला बड़े पैमाने पर घोटाले और वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ा हुआ पाया गया है।