अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि कतर पर इजरायली हमले की जानकारी उन्हें नहीं थी। इजरायल ने इसे खारिज किया और कहा कि ट्रंप को पहले ही जानकारी थी। मुस्लिम दुनिया में हमले को लेकर विरोध बढ़ गया है।
World Update: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कतर पर इजरायल के एयरस्ट्राइक को लेकर दावा किया था कि उन्हें हमले से पहले कोई जानकारी नहीं दी गई थी। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कतर पर हमले से पहले उन्हें सूचित नहीं किया। उनका कहना था कि अगर उन्हें समय पर जानकारी मिलती, तो वे इस हमले को रोक सकते थे।
लेकिन इजरायली अधिकारियों ने ट्रंप के इस दावे को खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि नेतन्याहू ने ट्रंप को पहले ही कतर में हमास के नेताओं पर एयरस्ट्राइक होने की जानकारी दे दी थी।
इजरायली अधिकारियों का दावा: ट्रंप को थी पूरी जानकारी
इज़राइली अधिकारियों ने Axios न्यूज वेबसाइट से बातचीत में स्पष्ट किया कि ट्रंप को हमले से पहले ही जानकारी दी गई थी। अधिकारियों ने बताया कि भले ही हमले की योजना तुरंत बनाई गई और मिसाइलें लॉन्च करने में कम समय लगा, लेकिन अमेरिका को पहले ही हमले की सूचना मिल चुकी थी।
एक वरिष्ठ इजरायली अधिकारी ने कहा, 'कतर पर एयरस्ट्राइक के लिए मिसाइल लॉन्च होने से पहले ट्रंप को पूरी जानकारी थी। ट्रंप और नेतन्याहू के बीच राजनीतिक स्तर पर चर्चा पहले ही हो चुकी थी। इसके बाद ही सैन्य माध्यमों से हमले की तैयारी पर बात हुई।'
मिसाइल लॉन्च का टाइमलाइन
इजरायली अधिकारियों के अनुसार, नेतन्याहू ने सुबह करीब 8 बजे ट्रंप को फोन किया था। कतर की राजधानी दोहा में पहला धमाका 8:51 बजे हुआ। इस बीच अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ कतर पहुंचे, ताकि कतर को हमले से पहले सावधान किया जा सके। लेकिन मिसाइलें पहले ही हवाई लक्ष्यों तक पहुंच चुकी थीं।
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि जब अमेरिकी सेना ने हवा में इजरायली जेट्स को देखा, तो उन्होंने इज़राइल से सफाई मांगी। लेकिन जब तक स्पष्टता आई, हमला हो चुका था।
व्हाइट हाउस और ट्रंप की प्रतिक्रिया
व्हाइट हाउस ने पहले कहा था कि इजरायल ने हमला शुरू होने के समय ट्रंप को जानकारी दी। जबकि Axios की रिपोर्ट में इजरायली अधिकारियों का कहना है कि ट्रंप को पहले ही जानकारी थी।
ट्रंप ने मीडिया से कहा, 'मुझे इसकी पहले जानकारी नहीं थी। इजरायल को कतर पर हमला नहीं करना चाहिए था।' उनके इस बयान ने मुस्लिम देशों में नाराजगी बढ़ा दी।
कतर पर हमले से मुस्लिम दुनिया में नाराजगी
कतर पर इजरायल के हमले को लेकर मुस्लिम देशों में काफी विरोध देखने को मिला। अमेरिका अरब देशों को सुरक्षा की गारंटी देता है, बदले में ये देश उसे अरबों डॉलर का निवेश और हथियार खरीदते हैं। हाल ही में कतर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 40 करोड़ डॉलर की लग्जरी जेट गिफ्ट की थी। इसके बावजूद कतर पर हमले को रोक न पाने के कारण ट्रंप की आलोचना हुई।
सुरक्षा और राजनीति के इस मामले पर अरब और मुस्लिम देशों ने एकजुट होने की बात कही। दोहा में आयोजित अरब-इस्लामिक इमर्जेंसी शिखर सम्मेलन में ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने कहा कि कतर पर हमला आने वाले समय में अन्य अरब और मुस्लिम देशों के लिए खतरा बन सकता है। उन्होंने कहा, 'मुस्लिम देशों के पास एक ही विकल्प है कि वे एक हों।'