पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत-पाक संघर्ष रोकने में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की भूमिका को श्रेय दिया। भारत ने हमेशा तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से इनकार किया है। इस बयान पर पाकिस्तान में प्रतिक्रियाएँ मिली-जुली रही।
World News: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मई 2025 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए तनावपूर्ण संघर्ष को समाप्त करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक बार फिर क्रेडिट दिया है। उन्होंने अजरबैजान की राजधानी बाकू में विजय दिवस परेड के दौरान कहा कि ट्रंप के "साहसिक और निर्णायक नेतृत्व" की वजह से दक्षिण एशिया में शांति स्थापित हुई और बड़े युद्ध की आशंका टल गई। शरीफ ने जोर देते हुए कहा कि ट्रंप के प्रयासों से लाखों लोगों की जान बची। हालांकि भारत ने हमेशा इस दावे को खारिज किया है और यह माना है कि संघर्ष विराम में किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं थी।
भारत का रुख: कोई तीसरा पक्ष नहीं
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद संघर्ष विराम में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से इनकार किया है। भारत का कहना है कि संघर्ष विराम पाकिस्तान की अपील पर हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी स्पष्ट कर चुके हैं कि पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के समकक्ष को फोन करके ही संघर्ष रोकने का अनुरोध किया था। इसके बाद युद्ध रोका गया। भारत ने बार-बार यह बताया कि इस प्रक्रिया में किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं थी। बावजूद इसके, राष्ट्रपति ट्रंप ने कई मौकों पर दावा किया कि उन्होंने तनाव कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
शहबाज शरीफ का बयान

पाक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व में ही पाकिस्तान और भारत के बीच पूर्ण संघर्ष विराम संभव हुआ। इससे लाखों लोगों की जानें बचीं और क्षेत्रीय स्थिरता मजबूत हुई।" यह पहली बार नहीं है कि शरीफ ने ट्रंप को श्रेय दिया है। इससे पहले 10 मई को ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर घोषणा की थी कि वाशिंगटन की मध्यस्थता में लंबी बातचीत के बाद दोनों देश "पूर्ण और तत्काल संघर्ष विराम" पर सहमत हुए हैं। इसके बाद ट्रंप ने कई मौकों पर दावा किया कि उन्होंने दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच तनाव कम करने में अहम भूमिका निभाई। अक्टूबर में मिस्र के शर्म एल-शेख में गाजा शांति शिखर सम्मेलन के दौरान भी शरीफ ने ट्रंप को धन्यवाद दिया, जिस पर ट्रंप ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को "मेरा पसंदीदा" कह कर सराहा।
पाकिस्तान का पक्ष
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने सितंबर में कहा था कि भारत ने "ऑपरेशन सिंदूर" के दौरान किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को ठुकरा दिया, लेकिन पाकिस्तान ने अमेरिका की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। भारत ने जून में प्रधानमंत्री मोदी के हवाले से कहा कि भारत-पाक संबंधों में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता कभी स्वीकार्य नहीं होगी।
कश्मीर मुद्दे का जिक्र
शहबाज शरीफ ने अपने बाकू संबोधन में कश्मीर मुद्दे का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि नागोर्नो-कराबाख में अजरबैजान की हालिया जीत उत्पीड़न के खिलाफ संघर्षरत सभी देशों के लिए "आशा की किरण" है। उन्होंने इसे कश्मीरी लोगों की आजादी की लड़ाई के रूप में बताया। इस बयान के बाद पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया मिश्रित रही।












