इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग शुरू हो गई है। सही फॉर्म चुनना, जरूरी डॉक्युमेंट्स तैयार रखना और डिडक्शन का फायदा उठाकर टैक्स बचाना बेहद जरूरी है।
Income Tax Filing 2025: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने का समय आ गया है, और अगर आप इसे बिना किसी झंझट के करना चाहते हैं तो कुछ जरूरी बातें जानना बहुत महत्वपूर्ण हैं। चाहे आप सैलरीड हों, फ्रीलांसर हों या व्यापारी, टैक्स फाइलिंग एक जिम्मेदारी के साथ-साथ टैक्स बचाने का भी एक बेहतरीन मौका है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि ITR फाइल करने से पहले किन बातों का ध्यान रखें, कौन सा फॉर्म भरें और कौन से डॉक्युमेंट्स साथ रखें।
सही टैक्स रिजीम का चुनाव करें
आपके लिए सही टैक्स व्यवस्था का चुनाव करना बेहद जरूरी है। इस समय आपके पास दो विकल्प हैं: पुरानी टैक्स व्यवस्था और नई टैक्स व्यवस्था।
पुरानी व्यवस्था में आपको डिडक्शन्स (जैसे PPF, HRA, होम लोन ब्याज) का फायदा मिलता है, जो कि ज्यादा इनकम वालों के लिए फायदेमंद हो सकती है।
नई व्यवस्था में टैक्स दरें कम हैं, लेकिन डिडक्शन्स की सुविधा नहीं मिलती। यदि आपकी आय कम है और आप ज्यादा डिडक्शन क्लेम नहीं करते, तो यह आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है।
सही ITR फॉर्म का चयन करें
गलत ITR फॉर्म भरने से आपके रिटर्न को डिफेक्टिव माना जा सकता है। इसलिए अपने इनकम सोर्स के अनुसार सही फॉर्म का चुनाव करें:
ITR-1: अगर आपकी सैलरी, एक घर से इनकम और अन्य सोर्स से ₹50 लाख तक की आय है।
ITR-2: अगर आपके पास कैपिटल गेन, एक से ज्यादा प्रॉपर्टी या विदेशी आय है।
ITR-3: व्यवसाय या प्रोफेशन से इनकम वालों के लिए।
ITR-4: छोटे कारोबारी या पेशेवर जो प्रिज़म्पटिव इनकम स्कीम अपनाते हैं।
जरूरी डॉक्युमेंट्स रखें तैयार
ITR फाइल करते समय कुछ जरूरी डॉक्युमेंट्स आपके पास होने चाहिए, ताकि आप सही तरीके से रिटर्न फाइल कर सकें और टैक्स बचा सकें।
- फॉर्म 16: यह आपके नियोक्ता से मिलता है और आपकी सैलरी व TDS की जानकारी देता है।
- फॉर्म 26AS और AIS: इसमें आपकी टैक्स क्रेडिट और अन्य वित्तीय जानकारी का सारांश होता है।
- बैंक इंटरेस्ट सर्टिफिकेट: बैंक से मिली इंटरेस्ट की जानकारी।
- निवेश प्रमाणपत्र: PPF, ELSS, जीवन बीमा आदि में किए गए निवेश का प्रमाण।
- PAN और आधार कार्ड: ये दोनों दस्तावेज अनिवार्य हैं।
टैक्स बचत के लिए डिडक्शन का फायदा उठाएं
ITR फाइल करते समय, टैक्स बचत के लिए कुछ सेक्शन्स का ध्यान रखें:
सेक्शन 80C: इसमें PPF, EPF, ELSS, होम लोन का प्रिंसिपल आदि शामिल हैं (₹1.5 लाख तक की छूट मिलती है)।
सेक्शन 80D: हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर छूट।
सेक्शन 24(b): होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट।
HRA और LTA: अगर आप किराया और यात्रा भत्ता प्राप्त करते हैं तो इसका लाभ उठाएं।
ITR फाइल करने से पहले ध्यान रखें ये बातें
ITR फाइल करने से पहले कुछ बातें ध्यान में रखना जरूरी है:
TDS डिटेल्स का मिलान करें: यह सुनिश्चित करें कि आपके द्वारा भरे गए TDS डिटेल्स फॉर्म 26AS और AIS में सही दिख रहे हैं। किसी भी गड़बड़ी को तुरंत सुधारें।
पुरानी और नई टैक्स व्यवस्था का चुनाव: अगर आपकी आय ज्यादा है और आप डिडक्शन क्लेम करते हैं, तो पुरानी व्यवस्था बेहतर हो सकती है। अगर आय कम है और डिडक्शन्स कम हैं तो नई व्यवस्था फायदेमंद हो सकती है।
जल्दी फाइल करें और ई-वेरिफिकेशन करें
ITR फाइलिंग को जल्दी से जल्दी पूरा करना हमेशा बेहतर होता है। इससे आपको अंतिम समय में होने वाली भागदौड़ से बचने का मौका मिलता है। इसके अलावा, अगर आप कोई गलती करना भूल जाएं, तो उसे सुधारने का समय भी मिलेगा।
रिटर्न सबमिट करने के बाद ई-वेरिफिकेशन करें। आप आधार OTP, नेट बैंकिंग या अन्य किसी विकल्प के जरिए इसे वेरिफाई कर सकते हैं, ताकि आपका रिटर्न समय पर प्रोसेस हो सके और किसी प्रकार की समस्या न हो।