iPhone पर अमेरिका में प्रतिबंध लग सकता है क्योंकि BOE द्वारा सप्लाई किए गए OLED डिस्प्ले पर तकनीकी विवाद खड़ा हो गया है। ITC ने 'cease and desist' आदेश जारी किया है, जो इन डिस्प्ले वाले iPhone मॉडल्स की बिक्री और प्रचार पर रोक लगाता है।
Apple: तकनीकी दुनिया में हलचल मचाने वाली खबर आई है अमेरिका से, जहां इंटरनेशनल ट्रेड कमीशन (ITC) ने एक सीज़ एंड डिसिस्ट (Cease and Desist) आदेश जारी किया है। यह आदेश उन सभी उत्पादों पर लागू होगा जिनमें विवादित OLED तकनीक का उपयोग किया गया है। इस विवाद की जड़ में चीनी कंपनी BOE और दक्षिण कोरियाई दिग्गज सैमसंग हैं। हालांकि मामला इन दो कंपनियों के बीच है, लेकिन इसके दायरे में Apple और उसके iPhone मॉडल्स भी आ सकते हैं।
यह विवाद Apple के लिए खासा अहम बन जाता है क्योंकि BOE कंपनी iPhone 15 और iPhone 16 सीरीज सहित आने वाले iPhone 17 Pro के लिए OLED डिस्प्ले पैनल्स की आपूर्ति करती है। ऐसे में, अगर ITC का यह आदेश लागू होता है, तो अमेरिका में iPhone की बिक्री, वितरण और प्रचार पर अस्थायी रोक लग सकती है।
क्या है OLED तकनीक विवाद?
BOE, जो कि चीन की एक प्रमुख डिस्प्ले निर्माता कंपनी है, पर आरोप है कि उसने OLED तकनीक को सैमसंग से ग़ैरकानूनी तरीके से हासिल किया है। सैमसंग ने इस मुद्दे को लेकर ITC में शिकायत दर्ज की थी, और उसी के आधार पर ITC ने अब प्रारंभिक निर्णय में BOE के पैनलों को उपयोग करने वाले उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि Apple की कई iPhone सीरीज में BOE द्वारा बनाए गए OLED डिस्प्ले उपयोग किए जाते हैं। इसमें iPhone 15, 15 Plus, iPhone 16, 16 Plus और iPhone 16e जैसे मिड-रेंज मॉडल शामिल हैं।
Cease and Desist आदेश क्या कहता है?
इस आदेश के अनुसार:
- जिन उत्पादों में BOE की OLED तकनीक शामिल है, उनका विज्ञापन, वितरण और बिक्री अमेरिका में तत्काल प्रभाव से रोकी जा सकती है।
- यह आदेश मौजूदा स्टॉक पर भी लागू होगा। यानी, जो प्रोडक्ट्स पहले से अमेरिका में मौजूद हैं, उनकी बिक्री पर भी रोक लग सकती है।
- साथ ही, एक लिमिटेड एक्सक्लूजन ऑर्डर भी जारी किया गया है, जो चीन से अमेरिका में ऐसे iPhone मॉडल्स के इंपोर्ट पर भी रोक लगाने की बात करता है।
क्या Apple पर सीधा असर पड़ेगा?
Apple ने इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट की है। एक बयान में कंपनी ने कहा: 'Apple इस केस में पार्टी नहीं है और ITC का यह आदेश किसी भी Apple उत्पाद को प्रभावित नहीं करता।' Apple की यह सफाई आने के बाद फिलहाल ग्राहकों और मार्केट में कुछ राहत जरूर है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर ITC का फाइनल ऑर्डर नवंबर 2025 तक लागू रहता है, और उसमें कोई बदलाव नहीं होता, तो Apple को BOE के विकल्प खोजने पड़ सकते हैं।
iPhone की सप्लाई चेन पर खतरा?
iPhone की सप्लाई चेन पहले ही चीन, वियतनाम, और भारत जैसे देशों में फैली हुई है। Apple धीरे-धीरे अपने प्रोडक्शन को भारत जैसे बाजारों में शिफ्ट कर रहा है ताकि वह चीन पर निर्भरता कम कर सके। लेकिन अगर BOE के OLED पैनल्स पर अमेरिका में बैन लगता है, तो इसका मतलब होगा कि Apple को वैकल्पिक सप्लायर्स जैसे LG Display या Samsung Display पर ज्यादा निर्भर रहना पड़ेगा, जिससे प्रोडक्शन कॉस्ट में वृद्धि संभव है।
अमेरिका में 'मेड इन अमेरिका' का दबाव
अमेरिकी राष्ट्रपति की 'Made in America' नीति का असर अब टेक इंडस्ट्री पर भी दिखने लगा है। यह विवाद उस माहौल में और भी गंभीर बन जाता है, जहां अमेरिका चीन से व्यापारिक दूरी बनाने की कोशिश कर रहा है। अब सवाल ये है कि क्या Apple को भी 'मेड इन चाइना' से 'मेड इन अमेरिका' की ओर बढ़ना पड़ेगा?
ITC का अंतिम फैसला कब आएगा?
ITC का फाइनल निर्णय नवंबर 2025 में आएगा। इसके दो महीने के अंदर अमेरिका के राष्ट्रपति के पास इस निर्णय को वेटो करने का अधिकार होगा। यानी यदि राष्ट्रपति चाहें तो ITC के इस प्रतिबंध को अस्वीकार भी कर सकते हैं। यह प्रक्रिया जटिल है और पूरी तरह से राजनीतिक और व्यापारिक समीकरणों पर निर्भर करेगी।