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जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर उमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान, कांग्रेस पर भी जताई नाराजगी

जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर उमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान, कांग्रेस पर भी जताई नाराजगी

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद देशभर से प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। इसी कड़ी में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। 

Omar Abdullah: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर देशभर में राजनीतिक हलचल के बीच जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान सामने आया है। उमर अब्दुल्ला ने धनखड़ के इस्तीफे को असाधारण करार देते हुए उनके स्वस्थ और दीर्घायु रहने की कामना की है। साथ ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी के रवैये पर भी खुलकर नाराजगी जाहिर की है।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके पीछे स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला दिया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।

उमर अब्दुल्ला की पहली प्रतिक्रिया: यह पहली बार हुआ है

जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, सबसे पहले मैं उनके स्वस्थ रहने और लंबी उम्र की कामना करता हूं। शायद ये देश के इतिहास में पहली बार है जब किसी उपराष्ट्रपति ने इस तरह से पद छोड़ा है। ये फैसला चौंकाने वाला जरूर है, लेकिन उनकी सेहत ने उन्हें मजबूर किया होगा।

उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा, हमें उम्मीद है कि आने वाले उपराष्ट्रपति इस कुर्सी और संविधान के प्रति अपनी पूरी जिम्मेदारी निभाएंगे। लोकतंत्र के इस महत्वपूर्ण पद से भारत की जनता हमेशा अपेक्षा रखती है।

कांग्रेस के प्रदर्शन पर उमर अब्दुल्ला का तंज

उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस पार्टी पर भी अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर कांग्रेस जो प्रदर्शन कर रही है, उसके लिए ना तो नेशनल कॉन्फ्रेंस से कोई बातचीत की गई, ना INDIA गठबंधन के भीतर कोई सूचना दी गई। उमर अब्दुल्ला बोले, अगर कांग्रेस ने हमसे बात की होती, तो क्या हम अलग रहते? लेकिन न उनसे कोई चर्चा हुई और न कोई न्योता मिला। इस तरह की राजनीति से गठबंधन की एकता पर सवाल उठते हैं।

उमर ने साफ किया कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर को लेकर हर लड़ाई में साथ खड़ी है, लेकिन राजनीतिक शिष्टाचार के तहत कम से कम बातचीत होनी चाहिए थी।

कांग्रेस का जवाब: राज्य की बहाली बना जन आंदोलन

कांग्रेस की ओर से जम्मू-कश्मीर के प्रदेश अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाना अब एक जन आंदोलन बन चुका है। कर्रा ने कहा, हमने यह मुद्दा घाटी से लेकर जम्मू तक हर जगह पहुंचाया है। हम केंद्र सरकार और बीजेपी पर दबाव बना रहे हैं कि इस सत्र में राज्य की बहाली को लेकर बिल लाया जाए। यह सिर्फ राजनीतिक मुद्दा नहीं, अब जनता की आवाज बन चुका है।

कांग्रेस का मानना है कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर में विकास कार्यों से लेकर रोजगार तक सब कुछ प्रभावित हुआ है। राज्य के लोगों की पहचान और अधिकार की बहाली ही असल न्याय है। जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि क्या अब राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों पदों पर बदलाव की ओर देश बढ़ रहा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि धनखड़ का अचानक जाना भाजपा के लिए भी असहज स्थिति बना सकता है।

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