ज़ोहो ने भारत में विकसित अपना पहला LLM मॉडल 'ज़िया' लॉन्च किया है, जो विभिन्न बिज़नेस कार्यों के लिए सक्षम है। इसके साथ 25+ प्री-बिल्ट AI एजेंट, बाइलिंगुअल ASR मॉडल और नो-कोड AI टूल्स भी पेश किए गए हैं, जो भारतीय बाजार की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हैं।
ZOHO: भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी ज़ोहो कॉर्पोरेशन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया में एक बड़ा कदम उठाते हुए अपना पहला इन-हाउस विकसित लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) – ज़िया (Zia) लॉन्च किया है। यह कदम न केवल कंपनी की तकनीकी आत्मनिर्भरता को दर्शाता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि भारत अब एआई में केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि वैश्विक इनोवेटर की भूमिका में आ गया है। बेंगलुरु में आयोजित ज़ोहो की वार्षिक यूज़र कॉन्फ्रेंस 'ज़ोहोलिक्स इंडिया' के दौरान इस क्रांतिकारी घोषणा ने सभी का ध्यान आकर्षित किया।
ज़िया एलएलएम: भारत में बना, भारत के लिए तैयार
ज़िया एलएलएम को NVIDIA के AI-एक्सेलरेटेड कंप्यूटिंग प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करके ज़ोहो ने पूरी तरह इन-हाउस विकसित किया है। यह तीन विभिन्न पैरामीटर साइज — 1.3 बिलियन, 2.6 बिलियन और 7 बिलियन — में आ रहा है, जिससे यह ज़ोहो के विभिन्न उत्पादों में विविध प्रकार की ज़रूरतों को पूरा करने में सक्षम होगा। कंपनी का दावा है कि ज़िया समान आकार वाले अन्य ओपन-सोर्स मॉडलों की तुलना में कहीं बेहतर प्रदर्शन करता है। ज़ोहो ने स्पष्ट किया है कि इन मॉडलों को मुख्य रूप से व्यवसायिक कार्यों जैसे कि डेटा निष्कर्षण, कोड जेनरेशन, सारांश लेखन, और पुनर्प्राप्ति-संवर्धित जनरेशन (RAG) के लिए तैयार किया गया है।
स्पीच से टेक्स्ट तक: दोभाषी एएसआर मॉडल की पेशकश
ज़ोहो ने ज़िया के साथ-साथ दो नए ऑटोमैटिक स्पीच रिकग्निशन (ASR) मॉडल भी लॉन्च किए हैं जो हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं को सपोर्ट करते हैं। यह फीचर विशेष रूप से भारतीय बाजार को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है, जहां स्थानीय भाषाओं में काम करने की आवश्यकता तेजी से बढ़ रही है। भविष्य में ज़ोहो अन्य भारतीय भाषाओं जैसे तमिल, तेलुगु, बांग्ला और मराठी को भी इसमें जोड़ने की योजना बना रहा है।
25+ प्री-बिल्ट AI एजेंट: हर व्यापार के लिए समाधान
ज़ोहो ने अपने AI इकोसिस्टम को और मजबूत करते हुए 25 से अधिक प्री-बिल्ट AI एजेंट पेश किए हैं जो ज़ोहो के विभिन्न प्रोडक्ट्स के साथ पहले से एकीकृत हैं। इनमें प्रमुख एजेंट 'Ask Zia' है जो डेटा विश्लेषण, रिपोर्टिंग, डैशबोर्ड निर्माण और मशीन लर्निंग मॉडल में सहायता करता है। अब इसे वित्त और ग्राहक सेवा से जुड़े कार्यों को भी बेहतर तरीके से संभालने में सक्षम बनाया गया है।
ज़िया एजेंट स्टूडियो: नो-कोड एआई डेवलपमेंट का युग
ज़ोहो ने अपने ज़िया एजेंट स्टूडियो को अब पूरी तरह प्रॉम्प्ट-आधारित बना दिया है, जिससे किसी भी उपयोगकर्ता को जटिल कोडिंग के बिना एआई एजेंट बनाने की सुविधा मिलती है। इन एजेंटों को ज़ोहो के 700+ एक्शन पॉइंट्स के साथ एकीकृत किया जा सकता है और ग्राहक बातचीत के दौरान रीयल टाइम में इनका इस्तेमाल किया जा सकता है।
एआई एजेंट्स विशेष कार्यों के लिए – कैंडिडेट स्क्रीनर और डील एनालाइज़र
कंपनी ने कुछ विशिष्ट एजेंट भी लॉन्च किए हैं, जैसे:
- Candidate Screener: जो भर्ती प्रक्रिया के दौरान भूमिका, स्किल और अनुभव के आधार पर उपयुक्त उम्मीदवारों की पहचान करता है।
- Deal Analyzer: जो बिजनेस डील्स का विश्लेषण करके जीतने की संभावनाओं और अगले कदम की सलाह देता है।
भारत-केंद्रित एजेंट्स: दस्तावेज़ सत्यापन को आसान बनाते हुए
ज़ोहो ने भारत को प्राथमिकता देते हुए ऐसे AI एजेंट्स भी लॉन्च किए हैं जो पैन कार्ड, आधार, वोटर ID, GSTIN, ड्राइविंग लाइसेंस, और बिजली बिल जैसे दस्तावेज़ों का स्वतः सत्यापन कर सकते हैं। ये एजेंट खासकर वित्तीय और सरकारी सेवाओं में क्रांति ला सकते हैं।
थर्ड-पार्टी एकीकरण के लिए MCP सर्वर
ज़ोहो ने एंथ्रोपिक के मॉडल कॉन्टेक्स्ट प्रोटोकॉल (MCP) को अपनाते हुए अपना खुद का इन-हाउस MCP सर्वर भी लॉन्च किया है। यह सर्वर थर्ड-पार्टी AI एजेंट्स को ज़ोहो के डेटा और क्रियाओं तक उपयोगकर्ता-निर्धारित अनुमतियों के तहत सुरक्षित एक्सेस देता है। प्रारंभिक चरण में 15 से ज्यादा ज़ोहो ऐप्स इस सिस्टम से जुड़े हैं और भविष्य में और भी जोड़े जाएंगे।