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Kedarnath Dham शीतकालीन कपाट बंद, भक्तों को अगले साल तक करना होगा इंतजार

Kedarnath Dham शीतकालीन कपाट बंद, भक्तों को अगले साल तक करना होगा इंतजार

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम के कपाट गुरुवार सुबह शीतकालीन बंद कर दिए गए। बाबा केदार की डोली मंत्रोच्चार और गढ़वाल राइफल्स बैंड की मधुर धुनों के बीच उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर के लिए रवाना हुई। अब चार धामों में से केवल बद्रीनाथ धाम 25 नवंबर तक खुले रहेंगे। इस साल लगभग 45 लाख श्रद्धालु चार धाम यात्रा में शामिल हुए।

Kedarnath Dham: केदारनाथ धाम के कपाट गुरुवार सुबह शीतकालीन बंद कर दिए गए और बाबा केदार की डोली उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर के लिए रवाना हुई। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित यह ज्योतिर्लिंग श्रद्धालुओं के लिए अगले छह महीने तक पूजा-अर्चना का केंद्र रहेगा। इस अवसर पर मंदिर समिति ने मध्यरात्रि से सुबह दर्शन की विशेष व्यवस्था की, जबकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी पूजा-अर्चना में हिस्सा लिया। इस शीतकालीन बंद के बाद भक्तों को अगले साल तक दर्शन के लिए प्रतीक्षा करनी होगी।

केदारनाथ धाम शीतकालीन बंद

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम के कपाट गुरुवार सुबह शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। बाबा केदार की डोली मंत्रोच्चार और गढ़वाल राइफल्स बैंड की मधुर धुनों के बीच उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर की ओर रवाना की गई। अब चार धामों में से तीन धाम गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ आधिकारिक रूप से शीतकालीन बंद हो चुके हैं, जबकि बद्रीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर तक खुले रहेंगे।

शीतकालीन बंद के मौके पर मंदिर समिति ने भक्तों के लिए मध्यरात्रि से सुबह 4 बजे तक दर्शन की विशेष व्यवस्था की। सुबह 5 से 6 बजे तक बाबा केदार की समाधि पूजा संपन्न हुई, जिसमें शिवलिंग को भस्म, अनाज, फल, फूल, रुद्राक्ष और सफेद कपड़े से सजाया गया।

भक्तिमय माहौल और पूजा-अर्चना

कपाट बंद होने के दौरान पूरे केदारघाटी में “हर हर महादेव” और “जय बाबा केदार” के जयघोष गूंजते रहे। केदारनाथ मंदिर को फूलों और सजावट से खूबसूरती से सजाया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी समारोह में उपस्थित रहे और पूजा-अर्चना में शामिल हुए।

बाबा केदार की डोली 24 अक्टूबर को रामपुर में विश्राम के बाद 25 अक्टूबर को उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेगी, जहां अगले छह महीने तक पूजा-अर्चना होगी। इस साल लगभग 45 लाख श्रद्धालु चार धाम यात्रा के लिए पहुंचे और बाबा केदार के दर्शन किए।

केदारनाथ का पौराणिक महत्व

केदारनाथ धाम भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है और मोक्षदायक माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाभारत के युद्ध के बाद पांडवों ने अपने पापों के प्रायश्चित हेतु यहां शिव जी की शरण ली थी। दर्शन मात्र से पाप नष्ट होते हैं और शिव सायुज्य की प्राप्ति होती है।

इस वर्ष चार धाम यात्रा में भक्तों की संख्या रिकॉर्ड रही और अब केदारनाथ समेत अन्य धाम शीतकालीन बंद होने के कारण अगले साल तक भक्तों को प्रतीक्षा करनी होगी। आगामी यात्रा से जुड़ी जानकारी और ताज़ा अपडेट्स के लिए श्रद्धालु उत्तराखंड चार धाम आधिकारिक वेबसाइट और संबंधित लिंक नियमित रूप से चेक कर सकते हैं।

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