पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव ने छठ पर्व पर बिहार के लिए रेल सेवाओं की कमी और एनडीए सरकार की बेरोजगारी व पलायन नीतियों पर तीखा हमला किया। उन्होंने इसे ‘सफेद झूठ’ बताते हुए बिहारवासियों की यात्रा कठिनाइयों को उजागर किया।
पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने छठ पर्व के अवसर पर राज्य में रेल सेवाओं की कमी और एनडीए सरकार की नीतियों पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि 20 सालों से बिहारवासियों के पलायन की समस्या झेल रही एनडीए सरकार लोक आस्था के महापर्व छठ पर भी पर्याप्त रेल सेवाएं उपलब्ध नहीं करा सकी।
लालू यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि सरकार ने दावा किया था कि देश की 13,198 में से 12,000 ट्रेनों को विशेष रूप से बिहार के लिए चलाया जाएगा, लेकिन यह दावा सफेद झूठ साबित हुआ। उनके अनुसार बिहारवासियों को छठ पर्व पर भी रेलगाड़ियों में उचित सुविधा नहीं मिल रही और उन्हें अमानवीय परिस्थितियों में यात्रा करनी पड़ रही है।
बिहार में पलायन की समस्या पर लालू यादव का आरोप
पूर्व सीएम ने कहा कि बिहार में पिछले 20 वर्षों से एनडीए सरकार की नीतियों के कारण पलायन की समस्या बढ़ती जा रही है। हर साल लगभग 4 करोड़ लोग रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों की ओर पलायन कर रहे हैं।
लालू यादव ने आरोप लगाया कि डबल इंजन सरकार ने बिहार में बड़े उद्योग नहीं लगाए, जिससे रोजगार के अवसर सीमित रह गए। उनका कहना है कि बिहारवासियों को पलायन और रोज़गार संकट जैसी समस्याओं से निपटने के लिए राज्य में बड़े उद्योग और रोजगार सृजन बेहद जरूरी हैं।
रेल सेवाओं में असुविधा पर सवाल

लालू यादव ने छठ पर्व पर रेल सेवाओं की कमी को लेकर सरकार से सवाल किया कि यदि मूल समस्याओं का समाधान नहीं कर पा रही है, तो महापर्व के अवसर पर भी उचित रेल सेवाएं क्यों सुनिश्चित नहीं की जा सकती। उनके अनुसार यह स्थिति सरकारी अक्षमता और प्रशासनिक दुर्बलता को दर्शाती है।
पूर्व मुख्यमंत्री का यह बयान बिहारवासियों के बीच रेल इंफ्रास्ट्रक्चर और सरकार की विकास नीतियों पर गंभीर सवाल उठाता है। उन्होंने यह भी कहा कि लोक आस्था और महापर्व के दौरान पर्याप्त सुविधाएं न मिलना जनता में असंतोष पैदा कर सकता है।
बिहार के लिए उद्योग और रोजगार जरूरी
राजद सुप्रीमो ने कहा कि बिहार की समस्याओं का समाधान केवल बड़े उद्योग और रोजगार सृजन से ही संभव है। इसके बिना राज्यवासियों को पलायन, रोजगार संकट और यात्रा जैसी परेशानियों से लगातार जूझना पड़ेगा।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि लालू यादव का यह बयान आगामी चुनावी रणनीति और बिहार के मतदाताओं को ध्यान में रखकर जारी किया गया है। इस बयान से एनडीए सरकार पर दबाव बढ़ने की संभावना है।













