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भारत-चीन के बीच सीधी फ्लाइट सेवा शुरू! बीजिंग ने कहा - 'दोस्ती की नई उड़ान'

भारत-चीन के बीच सीधी फ्लाइट सेवा शुरू! बीजिंग ने कहा - 'दोस्ती की नई उड़ान'

भारत और चीन के बीच रविवार से शुरू होने जा रही सीधी फ्लाइट को बीजिंग ने दोनों देशों के बीच दोस्ती की नई उड़ान बताया है। चीन ने शुक्रवार को कहा कि वह भारत के साथ अपने संबंधों को रणनीतिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखने को तैयार है। 

बीजिंग: भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानों की बहाली का ऐलान होते ही दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और आर्थिक संबंधों में सकारात्मक हलचल देखने को मिल रही है। बीजिंग ने इस कदम को “दोस्ती की नई उड़ान” करार दिया है और कहा कि यह कदम दोनों देशों के बीच मित्रतापूर्ण आदान-प्रदान और आपसी विश्वास को बढ़ावा देगा।

चीन ने शुक्रवार को कहा कि वह भारत के साथ अपने संबंधों को रणनीतिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखने के लिए तैयार है। बीजिंग के अनुसार, उड़ानों की बहाली 28 अरब से अधिक जनसंख्या वाले दोनों देशों के बीच सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक आदान-प्रदान को सुगम बनाएगी।

सीधी उड़ानों का विवरण

भारत ने 2 अक्टूबर को घोषणा की थी कि 26 अक्टूबर से चीन के लिए सीधी उड़ानें फिर से शुरू होंगी। इसके तहत: 

  • इंडिगो एयरलाइन 26 अक्टूबर से कोलकाता-गुआंगझोउ और 10 नवंबर से दिल्ली-गुआंगझोउ उड़ानें संचालित करेगी। 
  • चाइना ईस्टर्न एयरलाइन 9 नवंबर से शंघाई-दिल्ली उड़ानें शुरू करेगी।

बीजिंग ने कहा कि यह कदम दोनों देशों के बीच हुए समझौतों को लागू करने की नवीनतम प्रगति है और यह उड़ानें दोनों देशों के नागरिकों और व्यापारिक समुदाय के लिए बड़े अवसर पैदा करेंगी।

भारत-चीन संबंधों में सुधार का संकेत

सीधी उड़ानों की बहाली पिछले पांच साल के अंतराल के बाद हो रही है। उड़ानें 2020 में कोविड-19 महामारी के कारण निलंबित की गई थीं। इसके अलावा, पूर्वी लद्दाख में चार साल से अधिक समय तक चले सीमा गतिरोध ने भी उड़ानों की बहाली में बाधा डाली। पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात के बाद सीमा गतिरोध समाप्त हुआ। इसके बाद, दोनों देशों ने एलएसी पर विवादित क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे हटाने और डेपसांग व डेमचोक में विसैन्यीकरण समझौता करने जैसे अहम कदम उठाए।

बीजिंग ने कहा कि वह भारत के साथ मिलकर द्विपक्षीय संबंधों को स्वस्थ और स्थिर बनाए रखने, दोनों देशों और उनकी जनता के लिए बेहतर लाभ सुनिश्चित करने और एशिया तथा विश्व में शांति और समृद्धि बनाए रखने के लिए तैयार है। जून 2020 में गलवान घाटी झड़पों के बाद भारत-चीन संबंध 1962 के युद्ध के बाद सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए थे। इसके बाद कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक वार्ता हुई, जिसमें एलएसी पर तनाव कम करने के उपाय शामिल थे।

अगस्त 2025 में तेनजिन में हुई मोदी-शी मुलाकात में सीधी उड़ानों की बहाली पर चर्चा हुई और इसके तुरंत बाद दोनों देशों ने सीधी उड़ानों के संचालन के लिए औपचारिक घोषणा की।

 

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