छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर तीखे शब्दों में हमला बोला। उन्होंने अमेरिका के साथ व्यापारिक रिश्तों, अवैध घुसपैठियों के मुद्दे और भाजपा नेताओं के बयानों को लेकर केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए। बघेल ने कहा कि मौजूदा सरकार देशहित से ज्यादा व्यापारिक लाभ को प्राथमिकता दे रही है और इससे भारत की साख को नुकसान पहुंचा है।
अमेरिका के सामने झुक गई सरकार
भूपेश बघेल ने कहा कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाए जाने के बावजूद केंद्र सरकार की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया सामने नहीं आई। उन्होंने कहा कि भारत पहले कभी अमेरिका के दबाव में नहीं आया, लेकिन आज हालात बदल गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार व्यापार को सर्वोच्च प्राथमिकता देकर मित्र देशों के हितों की अनदेखी कर रही है। बघेल ने कटाक्ष किया कि अब तो कुछ लोग ट्रंप की जीत के लिए पूजा-पाठ तक कर रहे हैं, जो देश की गरिमा के खिलाफ है।
अवैध घुसपैठियों पर कार्रवाई का सवाल
बघेल ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर केंद्र और राज्य सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि केंद्र ने निर्देश दिया था कि तीन दिन के भीतर अवैध प्रवासियों को पाकिस्तान वापस भेजा जाए, लेकिन इस अभियान को शुरू हुए 100 दिन हो चुके हैं और अब तक नतीजे सामने नहीं आए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर कितने अवैध पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान की गई और कितनों को देश से बाहर भेजा गया? उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार खुद केंद्र के आदेशों की अवहेलना कर रही है।
बजरंग दल पर भी साधा निशाना
बघेल ने बजरंग दल पर भी निशाना साधते हुए कहा कि यह संगठन अब खुद को ही कानून मानने लगा है। उन्होंने कहा कि इसी वजह से राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा को सार्वजनिक रूप से बजरंग दल को संयम बरतने की सलाह देनी पड़ी। उन्होंने कहा कि इन संगठनों का उद्देश्य केवल सत्ता का लाभ लेना है, न कि जनता की भलाई करना।
बृजमोहन अग्रवाल पर कसा तंज
भूपेश बघेल ने भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल पर भी तंज कसते हुए कहा कि वह खुद को इतना साहसी मानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी भी उनके डर से टेबल के नीचे छुप गए थे। उन्होंने कहा कि बृजमोहन को चाहिए कि वे प्रधानमंत्री से जाकर कहें कि वे उनके साथ हैं और अमेरिका के सामने सीजफायर के झूठे दावों का खुलासा करें।
बघेल के इन बयानों से साफ है कि कांग्रेस 2024 के बाद बदले सियासी समीकरणों के बीच केंद्र सरकार की नीतियों पर हमलावर रुख अपनाए हुए है। आने वाले समय में यह सियासी बयानबाज़ी और तेज़ होने की संभावना है।