भारत ने ग्रीस को 1,500 किमी रेंज वाली LR-LACM मिसाइल देने की पेशकश की है। इससे तुर्किये की सामरिक चिंता बढ़ गई है। यह कदम पाकिस्तान को समर्थन देने के जवाब में माना जा रहा है।
LR-LACM Missile: भारत की ओर से ग्रीस को लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल LR-LACM देने की कथित पेशकश ने तुर्किये की चिंता बढ़ा दी है। DEFEA-2025 डिफेंस एक्सपो के दौरान भारत द्वारा इस मिसाइल को पेश करने की खबरें तुर्की मीडिया में सुर्खियों में हैं। यह मिसाइल करीब 1,500 किलोमीटर तक मार कर सकती है, जिससे तुर्किये के कई सामरिक ठिकाने ग्रीस की रेंज में आ सकते हैं।
क्या है LR-LACM मिसाइल की ताकत?
DRDO द्वारा विकसित यह मिसाइल भारत के निर्भय प्रोजेक्ट का एडवांस वर्जन है। यह एक सबसोनिक क्रूज मिसाइल है, जो जमीन के बेहद करीब उड़ान भरती है और रडार की पकड़ में नहीं आती। इसकी सबसे खास बात यह है कि यह पारंपरिक और परमाणु दोनों प्रकार के हथियार ले जाने में सक्षम है। इसका रेंज 1,500 किलोमीटर तक है, जिससे यह किसी भी दुश्मन के अंदरूनी इलाकों को भी सटीक निशाना बना सकती है।
तुर्किये क्यों हुआ बेचैन?
तुर्की और ग्रीस के बीच पहले से ही समुद्री सीमा, साइप्रस और अन्य रणनीतिक मुद्दों को लेकर तनाव है। ऐसे में अगर ग्रीस को भारत की LR-LACM जैसी एडवांस मिसाइल मिलती है, तो यह तुर्किये के सैन्य संतुलन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। तुर्की मीडिया का दावा है कि इस मिसाइल की जद में तुर्की के एयरबेस, रडार स्टेशन और S-400 जैसे एयर डिफेंस सिस्टम भी आ जाएंगे।
पाकिस्तान से तुर्किये की नज़दीकी बनी विवाद की वजह
तुर्किये को लगता है कि भारत यह कदम पाकिस्तान को तुर्की द्वारा दिए गए समर्थन के जवाब में उठा रहा है। मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान तुर्की ने कथित तौर पर पाकिस्तान को ड्रोन, सैन्य सलाहकार और हथियारों की आपूर्ति की थी। इसके बाद से भारत और तुर्किये के रिश्तों में तनाव देखा गया है।
ग्रीस में DEFEA-2025 के दौरान सामने आई पेशकश
तुर्की के न्यूज़ चैनल TR Haber के अनुसार, भारत ने मई 2025 में एथेंस में आयोजित DEFEA-2025 डिफेंस एक्सपो के दौरान ग्रीस को इस मिसाइल की पेशकश की। हालांकि, भारत और ग्रीस दोनों ने इस डील पर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। लेकिन तुर्की मीडिया इसे एक रणनीतिक संदेश और जवाबी कार्रवाई के रूप में देख रही है।
LR-LACM का निर्माण और परीक्षण
इस मिसाइल का विकास DRDO ने 2020 में शुरू किया था। इसे भारतीय नौसेना और वायुसेना की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया। इसका पहला सफल परीक्षण 12 नवंबर 2024 को ओडिशा के चांदीपुर परीक्षण केंद्र में किया गया था। इस मिसाइल को जमीन पर मोबाइल लॉन्चर से और समुद्र में युद्धपोतों पर Universal Vertical Launch Module (UVLM) से लॉन्च किया जा सकता है।
भारत-ग्रीस के बढ़ते सैन्य संबंध
पिछले कुछ वर्षों में भारत और ग्रीस के बीच सैन्य सहयोग में तेजी आई है। हाल ही में भारतीय वायुसेना प्रमुख ए.पी. सिंह ने एथेंस का दौरा किया और ग्रीक वायुसेना के साथ राफेल फाइटर जेट्स पर रणनीतिक चर्चा की। दोनों देशों ने मिलिट्री एक्सरसाइज और डिफेंस टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर भी काम बढ़ाया है।
पूर्वी भूमध्य सागर में शक्ति संतुलन का नया अध्याय
भारत और ग्रीस की यह संभावित मिसाइल साझेदारी न केवल तुर्किये के लिए बल्कि पूरे पूर्वी भूमध्य सागर के लिए सैन्य समीकरण बदल सकती है। इससे NATO और यूरोपीय यूनियन के भीतर भी रणनीतिक समीकरणों पर असर पड़ सकता है। अगर यह डील पक्की होती है, तो यह ग्रीस को तकनीकी बढ़त देगी और तुर्की की सैन्य तैयारियों के लिए चुनौती बन सकती है।