मध्य प्रदेश सरकार ने जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर अच्छे आचरण वाले 29 कैदियों को रिहा करने का फैसला किया है। यह कदम सुधार और समाज में पुनर्वास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर 29 कैदियों को रिहा करने का फैसला लिया है। यह कदम विशेष रूप से उन कैदियों के लिए है जिन्होंने जेल में अच्छे आचरण का प्रदर्शन किया है। अधिकारियों के अनुसार, यह पहल राज्य की जेल सुधार नीति और कैदियों के सुधार और पुनर्वास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाई गई है। जानकारी के अनुसार, यह रिहाई 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती पर की जाएगी। इससे कैदियों को समाज में सकारात्मक योगदान देने का अवसर मिलेगा और उनका पुनर्वास आसान होगा।
पिछले कैदियों की रिहाई का रिकॉर्ड
इस साल यह पांचवां मौका है जब सरकार अच्छे आचरण वाले कैदियों को रिहा कर रही है। सरकारी विज्ञप्ति में बताया गया कि इस वर्ष अब तक चार मौकों पर ऐसे कैदियों को रिहा किया जा चुका है।
राज्यपाल मंगूभाई पटेल की सिफारिश पर यह निर्णय लिया गया है। 2025 के दौरान गणतंत्र दिवस, आंबेडकर जयंती, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती पर कुल 523 कैदियों को रिहा किया गया था। यह आंकड़ा राज्य सरकार की सुधारात्मक पहल और जेल सुधार प्रक्रिया को स्पष्ट रूप से रेखांकित करता है।
आदिवासी गौरव दिवस पर कैदियों की रिहाई
रिहाई योजना में शामिल 29 कैदियों में आठ अनुसूचित जनजाति समुदायों के सदस्य हैं। मध्य प्रदेश में 2011 की जनगणना के अनुसार आदिवासी आबादी 1.53 करोड़ है, जो कुल आबादी का 21.08 प्रतिशत है।
सरकारी अधिकारियों ने कहा कि यह पहल आदिवासी गौरव दिवस की महत्ता को उजागर करती है और आदिवासी समुदाय के कैदियों के सुधार और पुनर्वास को बढ़ावा देती है।
कैदियों में सुधार और पुनर्वास के लिए पहल
अधिकारियों ने बताया कि रिहाई प्रक्रिया केवल अच्छे आचरण वाले कैदियों तक सीमित रहेगी। इस पहल से जेल में शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण और सामाजिक सुधार को बढ़ावा मिलेगा।
सरकार का यह कदम यह सुनिश्चित करता है कि कैदियों को समाज में लौटने के बाद सकारात्मक जीवन जीने का अवसर मिले। इससे जेलों में अनुशासन और सुधारात्मक गतिविधियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।