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MEA का बयान: भारत अमेरिकी व्यापार वार्ता और नेपाल में नई सरकार का समर्थन रखेगा जारी

MEA का बयान: भारत अमेरिकी व्यापार वार्ता और नेपाल में नई सरकार का समर्थन रखेगा जारी

रत ने पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच रणनीतिक रक्षा समझौते पर सतर्क रुख अपनाया है। MEA ने अमेरिकी व्यापार वार्ता में पारदर्शिता बनाए रखने और नेपाल की नई अंतरिम सरकार का समर्थन जारी रखने की पुष्टि की, जबकि सीमा पार आतंकवाद पर भी ध्यान दिया जाएगा।

नई दिल्ली: पाकिस्तान और सऊदी अरब ने बुधवार को एक नया "रणनीतिक पारस्परिक रक्षा" (strategic mutual defense) समझौता किया। इस समझौते के अनुसार यदि किसी भी देश पर हमला होता है, तो इसे दोनों देशों के खिलाफ आक्रमण (attack) माना जाएगा। इस कदम को लेकर भारत ने साफ किया है कि उसकी विदेश नीति (foreign policy) आतंकवाद और क्षेत्रीय सुरक्षा (regional security) पर आधारित है।

विदेश मंत्रालय (MEA) के अनुसार, भारत और सऊदी अरब के बीच पहले से ही व्यापक रणनीतिक साझेदारी (strategic partnership) मौजूद है। यह साझेदारी समय के साथ और मजबूत हुई है और इसमें दोनों देशों के हितों और संवेदनशीलताओं (sensitivity) का पूरा ध्यान रखा जाता है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद (terrorism) और पाकिस्तान के मामलों में भारत पूरी सतर्कता बरत रहा है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि आतंकवादियों और पाकिस्तान सरकार तथा सेना के बीच सांठगांठ (collusion) पूरी दुनिया के लिए परिचित है। भारत लगातार सीमा पार आतंकवाद (cross-border terrorism) और आतंकवाद से लड़ने के प्रयासों में जुटा हुआ है।

विदेश मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी अपील की कि आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त प्रयास (joint efforts) तेज किए जाएं। मंत्रालय ने कहा कि आतंकवाद से निपटना सभी देशों की साझा जिम्मेदारी (shared responsibility) है और भारत इस दिशा में दृढ़ता से काम कर रहा है।

अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता पर MEA का बयान

विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (US Trade Representative - USTR) ब्रेंडन लिंच के नेतृत्व वाली टीम के भारत दौरे पर भी जानकारी दी। 16 सितंबर 2025 को वाणिज्य मंत्रालय में अमेरिकी प्रतिनिधियों और भारतीय अधिकारियों के बीच बैठक हुई।

MEA ने कहा कि दोनों देशों के बीच हुई बातचीत सकारात्मक और दूरदर्शी (visionary) रही। व्यापार समझौते (trade agreement) के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा हुई और निर्णय लिया गया कि दोनों पक्ष पारस्परिक रूप से लाभकारी (mutually beneficial) व्यापार समझौते को शीघ्रता से संपन्न (finalize) करने की कोशिश करेंगे।

विदेश मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत अमेरिकी व्यापार समझौतों में पूरी पारदर्शिता (transparency) और संतुलन (balance) बनाए रखने के पक्ष में है। भारत चाहता है कि समझौते दोनों देशों के उद्योगों, किसानों (farmers) और आम नागरिकों (citizens) के लिए फायदेमंद हों।

चाबहार पोर्ट पर भारत का रुख

विदेश मंत्रालय ने चाबहार पोर्ट (Chabahar Port) को लेकर अमेरिका के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी। मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी प्रेस वक्तव्य में चाबहार बंदरगाह के लिए प्रतिबंधों में छूट (exemption) रद्द करने का उल्लेख देखा गया है। वर्तमान में मंत्रालय इस मुद्दे पर विस्तृत समीक्षा (review) कर रहा है कि इस फैसले का भारत पर क्या प्रभाव होगा।

साथ ही, कैलिफोर्निया में अमेरिकी पुलिस द्वारा भारतीय इंजीनियर की हत्या के मामले में मंत्रालय ने कहा कि भारत स्थानीय अधिकारियों और अमेरिकी सरकार के साथ लगातार संपर्क (coordination) में है। जांच (investigation) जारी है और मृतक के परिवार (family) से संपर्क में भी रखा गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा (citizen safety) को सर्वोच्च प्राथमिकता (priority) देता है।

नेपाल में नई सरकार पर भारत का समर्थन

नेपाल में हाल ही में राजनीतिक गतिविधियों और अंतरिम सरकार (interim government) के गठन पर भी भारत ने अपना रुख स्पष्ट किया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि सुशीला कार्की (Sushila Karki) के नेतृत्व में नई अंतरिम सरकार के गठन का भारत स्वागत करता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री कार्की के साथ गर्मजोशी (cordiality) से बातचीत की और नेपाल में शांति (peace) और स्थिरता (stability) बहाल करने के उनके प्रयासों के लिए भारत के दृढ़ समर्थन (b support) की पुष्टि की। भारत ने कहा कि एक घनिष्ठ पड़ोसी, लोकतांत्रिक देश (democratic country) और दीर्घकालिक विकास साझेदार के रूप में, वह नेपाल के साथ मिलकर दोनों देशों और जनता की भलाई और समृद्धि (prosperity) के लिए काम करना जारी रखेगा।

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