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महाकुंभ 2025 भगदड़: इलाहाबाद HC ने मेला अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश - 'पीड़ितों को तुरंत दे मुआवजा'

महाकुंभ 2025 भगदड़: इलाहाबाद HC ने मेला अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश - 'पीड़ितों को तुरंत दे मुआवजा'

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महाकुंभ 2025 के दौरान हुई भगदड़ में मारे गए श्रद्धालुओं के परिजनों को मुआवजा न मिलने के मामले में मेला अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मुआवजा राशि तत्काल भुगतान की जाए और संबंधित फैसले की प्रति 13 नवंबर 2025 तक कोर्ट में पेश की जाए।

प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने महाकुंभ 2025 के दौरान हुई भगदड़ में मारे गए श्रद्धालुओं के परिजनों को मुआवजा न मिलने के मामले में सख्ती दिखाई है। कोर्ट ने मेले के अधिकारियों को कानून के अनुसार उचित निर्णय लेने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि मुआवजे का भुगतान जल्द से जल्द किया जाए और संबंधित फैसले की प्रति 13 नवंबर तक प्रस्तुत की जाए, ताकि उचित जांच हो सके और किसी भी तरह की अनावश्यक देरी से बचा जा सके।

मामला: रामकली बाई की याचिका

मध्य प्रदेश के रायसेन जिले की रामकली बाई ने इस मामले में याचिका दायर की थी। उनकी शिकायत थी कि मौनी अमावस्या स्नान पर्व के दौरान मेला क्षेत्र में मची भगदड़ में उनके पति मोहनलाल अहिरवार की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद राज्य सरकार ने मृतक के परिवार के लिए मुआवजे की घोषणा की थी. हालांकि, रामकली बाई का कहना है कि उन्हें अभी तक मुआवजा राशि नहीं मिली। 

याचिका में यह भी बताया गया कि न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद ही उन्हें उनके पति का मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किया गया और अब उनके पास पति का शव पंचनामा भी मौजूद है। बावजूद इसके मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया।

इलाहाबाद HC ने मेला अधिकारियों को दिए आदेश

न्यायमूर्ति अजित कुमार और न्यायमूर्ति स्वरूपमा चतुर्वेदी की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए मेला अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। कोर्ट ने कहा कि मुआवजे का भुगतान कानून और नियमों के अनुसार तुरंत किया जाना चाहिए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मुआवजा न मिलने से पीड़ित परिवारों को मानसिक और वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए मेला अधिकारियों को संबंधित फैसले की प्रति 13 नवंबर तक हाईकोर्ट में जमा करने का आदेश दिया गया। कोर्ट ने यह भी कहा कि किसी भी देरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।

याचिका की ओर से अधिवक्ता अरुण यादव ने तर्क दिया कि रामकली बाई और उनके परिवार ने सभी आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत कर दिए हैं। वहीं, राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल और अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता एके गोयल ने पक्ष रखा। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बातों को ध्यान में रखते हुए तत्काल मुआवजे की आवश्यकता को स्वीकार किया।

महाकुंभ 2025 के दौरान मची भगदड़ में कई श्रद्धालुओं की जान गई। मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर मेला क्षेत्र अत्यधिक भीड़भाड़ वाला होता है। सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन की कमियों के कारण यह हादसा हुआ। इस भगदड़ में मोहनलाल अहिरवार सहित कई श्रद्धालुओं की मौत हुई।

 

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