महाराष्ट्र के रत्नागिरी में वारकरी गुरुकुल के नाबालिग छात्रा ने कोकरे महाराज और शिक्षक प्रीतेश कदम पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। पुलिस ने दोनों को POCSO अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर दो दिन की हिरासत में भेजा।
रत्नागिरी: महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के खेड़ तालुका में स्थित एक आध्यात्मिक वारकरी गुरुकुल में एक नाबालिग छात्रा ने अपने गुरु भगवान कोकरे महाराज और शिक्षक प्रीतेश प्रभाकर कदम पर बार-बार यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ करने का गंभीर आरोप लगाया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, पीड़िता कुछ समय से गुरुकुल में रहकर शिक्षा प्राप्त कर रही थी।
पीड़िता ने पुलिस को बताया, "जब भी मैं कमरे में अकेली होती, कोकरे महाराज अंदर आते, मुझे मुक्का मारते और मेरी छाती को टच करते।" इसके अलावा, उन्होंने कहा कि शुरुआत में उसने यह बात गुरुकुल के एक सदस्य को बताई थी, लेकिन उसे चुप रहने की धमकी दी गई। पीड़िता को समझाया गया कि महाराज की समाज में ऊंची पहचान है और यदि उसने यह मामला उजागर किया तो उसके परिवार की बदनामी हो सकती है।
परिवार ने पुलिस में दर्ज कराई शिकायत
घटनाओं के लगातार बढ़ने और पीड़िता की सुरक्षा के मद्देनज़र उसके परिवार ने गुरुकुल के खिलाफ खेड पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर POCSO अधिनियम की धारा 12 और 17 समेत भारतीय दंड संहिता की अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया और जांच शुरू की।
स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर आक्रोश फैल गया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। घटना का पता चलते ही कई स्थानीय नागरिक और सामाजिक संगठन पीड़िता के समर्थन में सामने आए और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
विधायक भास्कर जाधव का बयान
उद्धव गुट के विधायक भास्कर जाधव ने मामले पर गंभीर संदेह जताया। उन्होंने कहा, “यह घटना केवल एक छात्रा तक सीमित नहीं हो सकती। कई अन्य छात्राओं के साथ भी ऐसा हो सकता है। कोकरे महाराज बीजेपी के पदाधिकारी हैं और पदाधिकारियों से यही उम्मीद थी।”
विधायक ने प्रशासन और पुलिस से मामले की पूरी और निष्पक्ष जांच करने की अपील की। उनके बयान ने इस मामले को न केवल कानूनी, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से भी संवेदनशील बना दिया है।
गुरुकुल में सुरक्षा और निगरानी की कमी
यह मामला यह सवाल उठाता है कि नाबालिग छात्रों की सुरक्षा को लेकर गुरुकुलों में कितनी पर्याप्त निगरानी और सतर्कता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के संस्थानों में सुरक्षा मानक, नियमित निरीक्षण और कर्मचारी प्रशिक्षण की अत्यंत आवश्यकता है।
विशेषज्ञों ने चेताया कि यदि ऐसे संस्थानों में निगरानी और पारदर्शिता नहीं रखी गई, तो नाबालिगों के साथ शोषण के मामलों में वृद्धि हो सकती है। प्रशासन को ऐसे गुरुकुलों में नियमित निरीक्षण, कर्मचारियों की पृष्ठभूमि जांच और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।