तालिबान ने अफगानिस्तान में इंटरनेट बंद कर दिया है। नेटब्लॉक्स के मुताबिक कनेक्टिविटी घटकर 14% रह गई है। इस फैसले से जनता, कारोबार और मीडिया गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं, जिससे देश दुनिया से लगभग कट गया है।
World News: अफगानिस्तान में तालिबान ने इंटरनेट सेवाओं पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह कदम “अनैतिकता रोकने” के नाम पर उठाया गया है। अगस्त 2021 में सत्ता संभालने के बाद यह पहली बार है जब तालिबान ने इतने बड़े स्तर पर इंटरनेट को बंद किया है। इस कार्रवाई के चलते आम लोगों के दैनिक जीवन से लेकर व्यवसाय और संचार तक सब कुछ प्रभावित हो रहा है।
टेलीकॉम सेक्टर पर गहरा असर
सितंबर की शुरुआत में तालिबान नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने आदेश जारी किया था कि अनैतिक गतिविधियों को रोकने के लिए इंटरनेट पर रोक लगाई जाए। इस आदेश के बाद कई प्रांतों में फाइबर-ऑप्टिक कनेक्शन बंद कर दिए गए। इंटरनेट मॉनिटरिंग संगठन “नेटब्लॉक्स” के अनुसार, अफगानिस्तान की कनेक्टिविटी सामान्य स्तर से घटकर केवल 14 प्रतिशत रह गई है। इसका सीधा असर देश की टेलीकॉम सेवाओं पर पड़ा है, जो अब लगभग पूरी तरह से बाधित हो चुकी हैं।
नेटब्लॉक्स का कहना है कि यह स्थिति न सिर्फ लोगों के आपसी संपर्क को सीमित कर रही है, बल्कि अफगानिस्तान का बाहरी दुनिया से जुड़ाव भी लगभग खत्म हो गया है। संचार की यह कमी जनता के लिए गंभीर समस्याएं खड़ी कर सकती है।
तालिबान की ओर से चुप्पी
अब तक तालिबान सरकार ने इस बैन की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। हालांकि, खुद तालिबान सरकार अपने आंतरिक और बाहरी संचार के लिए मैसेजिंग ऐप्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काफी निर्भर है। इस वजह से यह कदम और भी सवाल खड़े करता है।
एसोसिएटेड प्रेस (AP) ने काबुल के अलावा पूर्वी और दक्षिणी प्रांतों नंगरहार और हेलमंद में अपने संवाददाताओं से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन इंटरनेट बैन के चलते यह संभव नहीं हो पाया। यह स्थिति दर्शाती है कि देश के कई हिस्सों में पत्रकारिता और समाचार आदान-प्रदान पर भी गंभीर असर पड़ा है।