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पीएम मोदी का नामीबिया संसद में संबोधन! संविधान, समानता और सहयोग पर दिया जोर

पीएम मोदी का नामीबिया संसद में संबोधन! संविधान, समानता और सहयोग पर दिया जोर

पीएम मोदी ने नामीबिया संसद को संबोधित करते हुए भारत के संविधान, समानता, महिला नेतृत्व और भारत-अफ्रीका साझेदारी की बात की। चीतों के पुनर्वास और व्यापारिक संबंधों को भी अहम बताया।

PM Modi Namibia Speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नामीबिया की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। उन्होंने अपने भाषण में भारत और नामीबिया के बीच लोकतंत्र, समानता और साझा मूल्यों की गहरी साझेदारी को रेखांकित किया। पीएम मोदी ने संविधान की शक्ति, महिला नेतृत्व, अफ्रीकी विकास और भारत-अफ्रीका संबंधों को मजबूती देने जैसे विषयों पर जोर दिया।

संविधान की ताकत को बताया सबसे बड़ी गारंटी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत का संविधान उन लोगों के लिए आशा की किरण है जिनके पास कुछ भी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत का संविधान समानता, स्वतंत्रता और न्याय को बनाए रखने में मार्गदर्शक है। यही कारण है कि एक गरीब आदिवासी परिवार की बेटी भारत की राष्ट्रपति बन सकी और एक गरीब परिवार में जन्मा व्यक्ति देश का प्रधानमंत्री बना।

नामीबिया को महिला राष्ट्रपति के लिए बधाई

प्रधानमंत्री मोदी ने नामीबिया को हाल ही में देश की पहली महिला राष्ट्रपति चुनने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत इस गर्व और खुशी को पूरी तरह समझता है क्योंकि भारत में भी लोग गर्व से कहते हैं, 'मैडम प्रेसिडेंट'। यह लोकतंत्र और लैंगिक समानता की दिशा में एक मजबूत कदम है।

संसद में हुआ गर्मजोशी से स्वागत

संबोधन की शुरुआत में नामीबिया के सांसदों ने खड़े होकर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। सदन में 'मोदी-मोदी' के नारे भी सुनाई दिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे लोकतंत्र की जननी भारत के प्रतिनिधि के रूप में वहां उपस्थित हैं और भारत के 1.4 अरब लोगों की शुभकामनाएं साथ लाए हैं।

भारत और नामीबिया के बीच ऐतिहासिक संबंध

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और नामीबिया दोनों देशों ने औपनिवेशिक शासन के खिलाफ संघर्ष किया है और स्वतंत्रता तथा गरिमा को प्राथमिकता दी है। उन्होंने इस साझा इतिहास को दोनों देशों के बीच मजबूत मित्रता की नींव बताया।

नामीबिया से मिले चीतों का किया जिक्र

प्रधानमंत्री मोदी ने नामीबिया से भारत लाए गए चीतों का जिक्र करते हुए कहा कि यह दोनों देशों के बीच सहयोग और करुणा की कहानी है। उन्होंने बताया कि वे खुद चीतों को मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ने गए थे और आज वे अच्छी तरह वहां ढल गए हैं और उनकी संख्या भी बढ़ी है।

अफ्रीका को बताया विकास का अगला केंद्र

पीएम मोदी ने कहा कि अफ्रीका को केवल कच्चे माल का स्त्रोत नहीं माना जाना चाहिए, बल्कि उसे वैल्यू क्रिएशन और सतत विकास में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने अफ्रीका को वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रमुख भागीदार बनाने की वकालत की।

भारत की विकास साझेदारी पर जोर

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि अफ्रीका में भारत की विकास साझेदारी 12 अरब डॉलर से अधिक की है। उन्होंने यह भी कहा कि इस साझेदारी का असली मूल्य साझा विकास, कौशल निर्माण, रोजगार सृजन और नवाचार में है। उन्होंने दोहराया कि भारत सहयोग के सिद्धांत पर चलता है, प्रतिस्पर्धा के नहीं।

रक्षा और सुरक्षा में सहयोग को तैयार भारत

पीएम मोदी ने कहा कि भारत अफ्रीका के साथ रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग का विस्तार करने के लिए तैयार है। उन्होंने 2018 में निर्धारित किए गए भारत-अफ्रीका संबंधों के 10 सिद्धांतों की याद दिलाई और कहा कि भारत उनमें अपनी पूर्ण प्रतिबद्धता दोहराता है। ये सिद्धांत समानता, सम्मान और पारस्परिक लाभ पर आधारित हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत नामीबिया के विज्ञानियों, डॉक्टरों और भविष्य के नेताओं की मदद करने को उत्साहित है। उन्होंने कहा कि शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार जैसे क्षेत्रों में भारत और नामीबिया के बीच सहयोग को और मजबूत किया जाएगा।

द्विपक्षीय व्यापार और क्रिकेट का उदाहरण

पीएम मोदी ने बताया कि भारत और नामीबिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार 80 करोड़ डॉलर को पार कर गया है। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि अभी तो वार्मअप चल रहा है, असली पारी तो अब शुरू होगी। जैसे क्रिकेट में रन बनते हैं, वैसे ही हम व्यापार में तेजी से प्रगति करेंगे।

21 तोपों की सलामी और गार्ड ऑफ ऑनर

प्रधानमंत्री मोदी का नामीबिया में औपचारिक स्वागत किया गया। स्टेट हाउस में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और 21 तोपों की सलामी से उनका अभिनंदन किया गया। दिनभर के कार्यक्रमों के बाद प्रधानमंत्री नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

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