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फेड की दरों में कटौती के बाद दुनिया भर में हलचल, जानें भारत पर क्या होगा असर

फेड की दरों में कटौती के बाद दुनिया भर में हलचल, जानें भारत पर क्या होगा असर

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने 9 महीने बाद 0.25% ब्याज दर घटाई, जिससे दरें 4-4.25% रेंज में आ गईं। हालांकि बाजार ने इस छोटे रेट कट को पहले ही डिस्काउंट कर लिया था, इसलिए अमेरिकी शेयर बाजार और सोने की कीमतों में मिलाजुला असर दिखा। भारत पर तत्काल बड़ा असर नहीं दिखेगा, लेकिन RBI आगे सीमित रेट कट कर सकता है।

Fed Rate Cut: अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ने दिसंबर 2024 के बाद पहली बार 9 महीने के अंतराल पर ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है, जिससे पॉलिसी रेट 4%-4.25% हो गया। इस फैसले के बाद अमेरिकी शेयर बाजारों में मिश्रित रुख देखने को मिला और सोने के दाम गिरे। जानकारों का मानना है कि फेड इस साल और दो कटौती कर सकता है, लेकिन भारत में इसका तुरंत बड़ा असर नहीं होगा। हालांकि, रुपये को कुछ सपोर्ट मिल सकता है और RBI आने वाली मीटिंग्स में 25-25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकता है।

क्यों हुआ दरों में कटौती का फैसला

पिछले साल यानी 2024 में फेड ने कुल 1 फीसदी की कटौती की थी। इसके बाद 9 महीने तक ब्याज दरों को जस का तस रखा गया। लेकिन लगातार बाजार और राजनीतिक दबाव की वजह से फेड को एक बार फिर दरों को घटाना पड़ा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लंबे समय से फेड पर दबाव बना रहे थे कि कर्ज को सस्ता किया जाए, ताकि लोगों की जेब पर बोझ कम हो। वहीं आम जनता की तरफ से भी ऐसी ही मांग उठ रही थी।

अमेरिका में महंगाई की आशंकाओं के बीच ताजा आंकड़े यह संकेत दे रहे थे कि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है। इसी वजह से फेडरल रिजर्व ने नीतिगत दरों को घटाने का फैसला लिया।

कितनी और कटौती हो सकती है

फेड चेयरमैन ने संकेत दिया है कि मौजूदा साल यानी 2025 में दो और कटौती हो सकती हैं। नवंबर और दिसंबर में होने वाली पॉलिसी मीटिंग में 25-25 बेसिस प्वाइंट की और कमी की संभावना जताई गई है। इसका मतलब है कि इस साल कुल 75 बेसिस प्वाइंट तक की कटौती संभव है।

अगर ऐसा हुआ तो अमेरिकी ब्याज दरें 3.50 से 3.75 फीसदी के दायरे तक नीचे आ सकती हैं।

अब तक कितनी बार हुई कटौती

पिछले एक साल में यह चौथी बार है जब फेड ने दरों में कमी की है। सितंबर 2024 में 50 बेसिस प्वाइंट, नवंबर और दिसंबर 2024 में 25-25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई थी। उस दौरान लगातार तीन महीनों में कुल 1 फीसदी दर घटाई गई थी। इसके बाद लंबा अंतराल आया और अब 2025 में पहली बार 0.25 फीसदी की कटौती की गई है।

अगर फेड अपने संकेतों पर अमल करता है तो दिसंबर तक कुल 1.25 फीसदी की कटौती हो जाएगी।

सोने और चांदी की कीमतों पर असर

दर कटौती का असर अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी की कीमतों पर भी दिखा। कॉमेक्स मार्केट में गोल्ड फ्यूचर 22.20 डॉलर प्रति ओंस गिरकर 3,695.60 डॉलर प्रति ओंस पर बंद हुआ। वहीं गोल्ड स्पॉट की कीमतें मामूली बढ़कर 3,664.25 डॉलर प्रति ओंस पर पहुंच गईं।

चांदी की कीमतें लगभग स्थिर रहीं। सिल्वर फ्यूचर 0.24 फीसदी गिरकर 42.05 डॉलर प्रति ओंस पर रहा, जबकि स्पॉट सिल्वर 0.16 फीसदी की मामूली बढ़त के साथ 41.74 डॉलर प्रति ओंस पर बंद हुआ।

डॉलर इंडेक्स में हलचल

फेड के फैसले के बाद डॉलर इंडेक्स ने भी उतार-चढ़ाव दिखाया। यह करीब 0.10 फीसदी की तेजी के साथ 96.97 पर पहुंच गया। कारोबारी सत्र में यह 97.03 के स्तर तक भी गया। हालांकि पिछले पांच कारोबारी दिनों में डॉलर इंडेक्स में 0.55 फीसदी की गिरावट आई है। एक महीने में इसमें 1.65 फीसदी और तीन महीने में करीब 2 फीसदी की कमजोरी दर्ज की गई है।

पूरे साल की बात करें तो डॉलर इंडेक्स 10.59 फीसदी तक टूट चुका है। पिछले एक साल में इसमें 3.60 फीसदी की गिरावट रही है।

भारत पर क्या होगा असर

अब सवाल यह है कि भारत पर इसका असर कैसे दिखेगा। दरअसल, फेड की ओर से 0.25 फीसदी की कटौती पहले से ही बाजार में अनुमानित थी। ऐसे में इस खबर का भारतीय शेयर बाजार पर बड़ा असर दिखना मुश्किल है। जानकार मानते हैं कि अगर कटौती 0.50 फीसदी या उससे ज्यादा होती तो निवेशकों में उत्साह बढ़ सकता था।

भारत के करेंसी मार्केट पर भी बड़ा असर होने की संभावना नहीं है। हां, डॉलर इंडेक्स कमजोर होने से रुपया थोड़ा मजबूत हो सकता है। वहीं सोने और चांदी की घरेलू कीमतों में मामूली गिरावट आ सकती है।

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